बिहार राज्य के जमुई जिला से संजीत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि स्थानीय खैरा थाना परिसर में शनिवार के दिन अंचलाधिकारी श्री राम उराँव ने जनता दरबार लगाकर लोगों की फरियाद सुनी। इस दौरान भूमि संबंधित दो मामले आये इस बाबत जानकारी देते हुये अंचलाधिकारी श्री राम उराँव ने बताया कि शनिवार को जनता दरबार में जमीन विवाद से संबंधित दो मामला आए जिसमें कागेश्वर पंचायत के टिहिया गांव के सोनु ठाकुर बनाम सरयुग राम दूसरा मामला झुंडों पंचायत के झुंडों गांव के नरसिंह रविदास बनाम पवन कुमार सिंह के बीच जमीनी विवाद चल रहा हैं। अंचलाधिकारी के द्वारा जांच का आदेश राजस्व कर्मचारी को दिया गया है और जांच रिपोर्ट को अगले जनता दरबार में प्रस्तुत करने को कहा गया मौके पर थानाध्यक्ष सिद्धेश्वर पासवान सहायक अवर निरीक्षक उपेंद्र कुमार राजस्व कर्मचारी राजेंद्र कुमार सिंह गोविंद प्रसाद सहित कई लोग मौजूद थे
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समाहरणालय के संवाद कक्ष में जल - जीवन - हरियाली को लेकर करेंगे संवाद। पदाधिकारी , अभियंता एवं सम्बंधित जन संवाद में करेंगे शिरकत। वाटर मैन ऑफ इंडिया के संदेश से सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना को मिलेगी गति : डीएम। जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि भारत के जल पुरूष डॉ. राजेंद्र सिंह अगामी 09 मई को जमुई आएंगे और समाहरणालय के संवाद कक्ष में सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना जल - जीवन - हरियाली अभियान को और गति देने के लिए उपस्थित जनों से संवाद स्थापित कर उन्हें जागरूक करेंगे। उन्होंने अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि यह सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है , जिसके 11 अवयवों में से अंतिम अवयव के रूप में जल - जीवन - हरियाली जागरूकता अभियान के रूप में चिंहित है। इस परियोजना में जल का खास महत्व है। वाटर मैन ऑफ इंडिया डॉ. सिंह जल संरक्षण के क्षेत्र में व्यापक कार्य कर देश - दुनिया को इससे सम्बंधित अद्यतन तकनीक दिया है। जल संचय के मामले में उनका तकनीक सस्ता , सरल और सुलभ है। विश्व समुदाय इनके तकनीकों का अनुसरण कर जहां जल संरक्षण के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल कर सकता है वहीं भूगर्भीय जलस्तर को नीचे जाने से भी रोकने में मदद मिल सकती है। जिलाधिकारी श्री सिंह ने विभागीय अधिकारियों , अभियंताओं समेत अन्य सम्बंधित जनों को निदेशित करते हुए कहा कि 09 मई को अनिवार्य रूप से बहु पक्षीय संवाद में हिस्सा लें और भारत के जल पुरूष डॉ. सिंह के संदेशों को आत्मसात कर जल - जीवन - हरियाली कार्यक्रम को और गति देने में सहयोग करें। सर्वविदित है कि उत्तरप्रदेश , बागपत जिले के डौला गांव निवासी सह वाटर मैन ऑफ इंडिया डॉ. सिंह प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। वे जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने तरुण भारत संघ नामक संस्था बनाकर इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। बागपत स्थित ऋषिकुल आयुर्वेदिक महाविद्यालय से आयुर्विज्ञान में डिग्री लेने वाले डॉ. सिंह को 2011 में सामुदायिक नेतृत्व के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार मिला वहीं 2015 में स्वीडन ने स्टॉकहोम जल पुरस्कार देकर उनका मान बढ़ाया। स्टॉकहोम जल पुरस्कार पानी के लिए नोबेल पुरस्कार के रूप में जाना जाता है। गौरतलब है कि भारत के जल पुरूष डॉ. सिंह वर्षा जल संचय को प्राचीन भारतीय तकनीक के सहारे आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हैं। इसमें गीले मौसम में पानी के प्रवाह को रोकने और भविष्य में उपयोग के लिए जल को जमीन में रिसने देने हेतु पृथ्वी के निचले स्तर के किनारों का निर्माण किया जाना शामिल है। उन्होंने जल संरक्षण के क्षेत्र में श्रेष्ठतम कार्य कर भारत का जल पुरूष कहलाने का सौभाग्य प्राप्त किया। डॉ. सिंह के जल संरक्षण के क्षेत्र में ख्याति की चर्चा देश - दुनिया में लोगों की जुबान पर है।
May 7, 2022, 9:37 p.m. | Tags: autopub
समाहरणालय के संवाद कक्ष में जल - जीवन - हरियाली को लेकर करेंगे संवाद। पदाधिकारी , अभियंता एवं सम्बंधित जन संवाद में करेंगे शिरकत। वाटर मैन ऑफ इंडिया के संदेश से सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना को मिलेगी गति : डीएम। जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि भारत के जल पुरूष डॉ. राजेंद्र सिंह अगामी 09 मई को जमुई आएंगे और समाहरणालय के संवाद कक्ष में सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना जल - जीवन - हरियाली अभियान को और गति देने के लिए उपस्थित जनों से संवाद स्थापित कर उन्हें जागरूक करेंगे। उन्होंने अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि यह सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है , जिसके 11 अवयवों में से अंतिम अवयव के रूप में जल - जीवन - हरियाली जागरूकता अभियान के रूप में चिंहित है। इस परियोजना में जल का खास महत्व है। वाटर मैन ऑफ इंडिया डॉ. सिंह जल संरक्षण के क्षेत्र में व्यापक कार्य कर देश - दुनिया को इससे सम्बंधित अद्यतन तकनीक दिया है। जल संचय के मामले में उनका तकनीक सस्ता , सरल और सुलभ है। विश्व समुदाय इनके तकनीकों का अनुसरण कर जहां जल संरक्षण के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल कर सकता है वहीं भूगर्भीय जलस्तर को नीचे जाने से भी रोकने में मदद मिल सकती है। जिलाधिकारी श्री सिंह ने विभागीय अधिकारियों , अभियंताओं समेत अन्य सम्बंधित जनों को निदेशित करते हुए कहा कि 09 मई को अनिवार्य रूप से बहु पक्षीय संवाद में हिस्सा लें और भारत के जल पुरूष डॉ. सिंह के संदेशों को आत्मसात कर जल - जीवन - हरियाली कार्यक्रम को और गति देने में सहयोग करें। सर्वविदित है कि उत्तरप्रदेश , बागपत जिले के डौला गांव निवासी सह वाटर मैन ऑफ इंडिया डॉ. सिंह प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। वे जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने तरुण भारत संघ नामक संस्था बनाकर इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। बागपत स्थित ऋषिकुल आयुर्वेदिक महाविद्यालय से आयुर्विज्ञान में डिग्री लेने वाले डॉ. सिंह को 2011 में सामुदायिक नेतृत्व के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार मिला वहीं 2015 में स्वीडन ने स्टॉकहोम जल पुरस्कार देकर उनका मान बढ़ाया। स्टॉकहोम जल पुरस्कार पानी के लिए नोबेल पुरस्कार के रूप में जाना जाता है। गौरतलब है कि भारत के जल पुरूष डॉ. सिंह वर्षा जल संचय को प्राचीन भारतीय तकनीक के सहारे आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हैं। इसमें गीले मौसम में पानी के प्रवाह को रोकने और भविष्य में उपयोग के लिए जल को जमीन में रिसने देने हेतु पृथ्वी के निचले स्तर के किनारों का निर्माण किया जाना शामिल है। उन्होंने जल संरक्षण के क्षेत्र में श्रेष्ठतम कार्य कर भारत का जल पुरूष कहलाने का सौभाग्य प्राप्त किया। डॉ. सिंह के जल संरक्षण के क्षेत्र में ख्याति की चर्चा देश - दुनिया में लोगों की जुबान पर है।
May 7, 2022, 9:37 p.m. | Tags: autopub