खगड़िया के अलौली प्रखंड मे पंच सरपंच संघ ने आज सोमवार को लंबित मानदेय भुगतान जल्द करे सरकार को लेकर बैठक कर किया मांग ।

खगड़िया जिला पंच सरपंच संघ के किरण्डेव यादव ने सी ये काला कानू के खिलाफ मे केंद्र सरकार व बिहार सरकार का पुतला जलाकर किया विरोध प्रदर्सन ।

अलौली मे आज दिन सुमवार को पंच सरपंच संघ ने अलौली स्टेशन पर रेल परिचालन जल सुरु करने को लेकर 12 मार्च को पंच सरपंच संघ करेंगे प्रदर्सन।

CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

खगड़िया मे पंच सरपंच संघ ने बैठक कर खनौरी बॉर्डर पर किसानों पर केंद्र सरकार के द्वारा हमला करने के विरोध में आज किसानों ने किया विरोध साथ ही लखीसराय में 8 स्टूडेंट की मृत्यु को लेकर पंच सरपंच संघ किरण देव यादव ने दो मिनट का रखा मोन।

खगड़िया समाहरणालय जिला में प्रदेश मुखिया संघ ने 19 सूत्री मांगों को लेकर बिहार सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।

सरकार को भारत रत्न देने के अलावा किसानों को उनके अधिकार भी देने चाहिए , आखिर उनकी मांग भी तो बहुत छोटी सी है कि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले। हालांकि किसानों की इस मांग का आधार भी एम एस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें हैं जो उन्होंने आज से करीब चार दशक पहले दी थीं। इन चार दशकों में न जाने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने का वादा करके न जाने कितनी सरकारें आईं और गईं, इनमें वर्तमान सरकार भी है जिसने 2014 के चुनाव में इन सिफारिशों को लागू करने का वादा प्रमुखता से किया था। -------दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि किसानों की मांगो को पूरा करने की बजाए भारत रत्न देकर किसानों को उनके अधिकार दिलाए जा सकते हैं? --------या फिर यह भी किसानों को उनके अधिकारों को वंचित कर उनके वोट हासिल करने का प्रयास है.

खगड़ियाबिहार शिक्षक एकता मंच ने शनिवार देर शाम को सक्षम परीक्षाका क्या बहिष्कार. सरकार विरोधी नारे लगाकर क्या विरोध प्रदर्शन मौके पर सैकड़ो संख्या में शिक्षक उपस्थित थे.

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