शिक्षक-शिक्षिकाओं ने लिपिक व बीईओ पर शिथिलता का लगाया आरोप . #हरदोई: मल्लावा ब्लॉक में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं ब्लाक लिपिक पर शिथिलता का आरोप लगाया है, इसे लेकर आज उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ के बैनर तले एक ज्ञापन भी दिया गया, जिसमें कहा गया है कि वेतन लॉक न करने से ब्लॉक के समस्त शिक्षक/ शिक्षिकाओं एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के सामने होली जैसा पावन त्योहार मनाने हेतु विषम समस्या उत्पन्न हो गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि विगत माह जुलाई 2023 में भी 17 शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं लगाई गयी थी, जिनकी उपरांत में अगस्त / सितम्बर 2013 में लगाई गई। उक्त में अधिकांश का अन्तर-अवशेष भी आप के कार्यालय में लम्बित है। माह जनवरी 2024 में भी 12 शिक्षकों की वार्षिक चेतन वृद्धि नहीं लग सकी । दिनांक 02/02/2024- को आप के अदिश के उपरांत भी 12 शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि पुन: पोर्टल खुलने के उपरान्त भी नहीं लगाई गई। माह जनवरी 2024 में यू-डायस+ का कार्य पारम्म/पूर्ण न होने के कारण ब्लॉक के 11 विद्यालय के प्र०अ०/प्रभारी प्र.अ. के वेतन बाधित हो गए थे। बीएसए कार्यालय के दिनांक 02/02/2024 के वेतन बहाली आदेश के उपरान्त भी पुन: पोर्टल खुलने के बाद भी उक्त अध्यापकों का जनवरी 2024 का वेतन जारी नहीं किया गया। वि.ख. मल्लावों के 4 अध्यापकों की ए.सी.पी. लगाने के स्थान पर उनको चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का ग्रेड पे प्रदान कर दिया गया, जो शासनादेश के विपरीत है। कुछ विद्यालय के शिक्षकों को 4600 ग्रेड पे के स्थान पर अद्यतन 4200 ग्रेड पे प्रदान किया जा रहा है। प्रार्थना-पत्र देने के उपरान्त भी संशोधन नहीं किया गया। बीएसए कार्यालय द्वारा 10 जुलाई 2023 को चयन वेतनमान / पदोन्नति वेतनमान में विसंगति के सन्दर्भ में प्रार्थना-पत्र मांगे गये थे। वि. ख. मल्लावा के 21 अध्यापकों के प्रार्थना-पत्र सितम्बर 2023 में ब्लॉक बाबू को उपलब्ध करा दिए गये थे, जिस पर अद्यतन कोई कार्य नहीं किया गया। जानकारी करने पर यह ज्ञात हुआ है कि प्रार्थना-पत्र एवं सेवा पुस्तिकाएं लेखा कार्यालय में लम्बित हैं। रिपोर्ट: हरिश्याम बाजपेयी MYogiAdityanath बेसिक शिक्षा परिषद

आपको बताते चलें कि गांव में अन्नपूर्णा मॉडल शॉप बनाने में पांच विकासखंड पीछे गए

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ कोत्तम के शिक्षकों ने महानिदेशक को संबोधित एवं ज्ञापन यहां कार्य खंड शिक्षा अधिकारी बृजेश त्रिपाठी को सौंपा

सड़क परियोजनाओं के लिए किसानों की अधिग्रहित भूमिका त्वरित एवं पारदर्शिता के साथ भूमि मूल उपलब्ध कराने के लिए भूमि राशि पोर्टल का सर्वर क्रैश हुए एक माह बीत गए

100 दिन के रोजगार की गारंटी देने वाली मनरेगा योजना के तहत करवाए जा रहे 75 प्रतिशत कार्य बंद हो गए हैं

*बोनस और छुट्टी के भुगतान की मांग को लेकर धरने पर बैठे मजदूर* *हरदोई रोड स्थित रिलायंस पावर परियोजना के अंदर काम करने वाले श्रमिक बोनस और छुट्टी का रुपया न मिलने से नाराज हो गए। वह परियोजना के सामने हरदोई रोड स्थित मां महाकाली मंदिर परिसर में धरने पर बैठ गए।* परियोजना के उच्च अधिकारियों द्वारा श्रमिकों से वार्ता करने का प्रयास किया गया, किंतु वार्ता विफल हो गई। पावर परियोजना के अंतर्गत काम करने वाली ओएसएम कंपनी लगभग 3 वर्ष पहले श्रमिकों के वेतन, छुट्टी, बोनस और ईपीएफ आदि का रुपया लेकर चली गई थी, तब से श्रमिक कई बार अपने रुपये को लेने के लिए रिलायंस पावर परियोजना के अधिकारियों से वार्ता कर चुके हैं। लगभग 282 श्रमिकों का रुपया अधर में लटका है। उधर, परियोजना के एचआर प्रमुख धर्मेंद्र बैस ने बताया कि कंपनी फरीदाबाद के बल्लभगढ़ तहसील की थी। कंपनी ने अपने खर्चे पर वकील कर केस लड़ा है। सहायक श्रमायुक्त न्यायालय से आदेश पारित हो चुका है। आदेश का अनुपालन न करने पर कंपनी के खिलाफ चालान की कार्रवाई की गई है। पावर परियोजना द्वारा मजदूरों के हक में लगातार कार्य किया जा रहा है। ईपीएफ और सैलरी का रुपया मजदूरों के खाते में पूर्व में ही भेज दिया गया है। शेष धन को मजदूरों को देने के लिए कार्रवाई जारी है। मजदूरों ने अपने पक्ष में कहा है कि ओएसएम कंपनी लगभग 3 वर्ष पहले परियोजना के अंतर्गत कार्य करती थी। कंपनी अचानक छुट्टी, बोनस और वेतन आदि का रुपया लेकर भाग गई, प्रत्येक मजदूर का लगभग 40 हजार रुपया बकाया है। परियोजना के खिलाफ श्रमिक कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। परियोजना द्वारा 31 जनवरी तक भुगतान करने की बात कही गई थी। 31 जनवरी बीतने के बावजूद श्रमिकों का भुगतान नहीं हो पाया है, जिसके चलते श्रमिक धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं। इस दौरान धरने पर लगभग डेढ़ सौ श्रमिक बैठे हैं।

*हरदोई: 72 ग्राम पंचायत के 52 पंचायत सचिवों का वेतन रोका* *विकास कार्यों और भुगतान में लापरवाही पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने 72 ग्राम पंचायतों के 52 पंचायत सचिवों के फरवरी माह के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है।डीपीआरओ विनय कुमार सिंह ने बताया कि गांवों में राज्य वित्त और केंद्रीय वित्त आयोग की मद में मिलने वाली राशि तो पंचायत सचिवों की ओर से प्राप्त की जा रही है लेकिन, विकास कार्यों और भुगतान में लापरवाही की जा रही है।* इससे सीएम डैशबौर्ड पर जिले की प्रगति प्रभावित हो रही है। बताया कि सभी पंचायत सचिवों से जवाब-तलब भी किया गया है। ग्राम विकास अधिकारियों के वेतन भुगतान पर रोक की डीडीओ को संस्तुति भेजी गई है। इनका रोका गया वेतन डीपीआरओ विनय कुमार सिंह ने बताया कि लापरवाही पर अहिरोरी के अरुण वर्मा, दिनेश कुमार गुप्ता, कृपाल सिंह, मीना सिंह, श्याम कुमार गुप्ता, बावन के अमरेश कुमार पांडेय, अनिल कुमार चौरसिया, अवनीश कुमार कश्यप, मानवेंद्र शुक्ला, शत्रुघ्न सिंह, शशिकांत द्विवेदी, बेहंदर के राजेश कुमार गुप्ता, रत्नेश, भरावन के अनिल कुमार वर्मा, अनिल सिंह, जगदीश प्रसाद, राम कुमार, सुशील पाल, भरखनी के धीरेंद्र प्रताप सिंह, बिलग्राम के आक्रोश कुमार, इंतखाफ आलम, बिलग्राम के सुशील कुमार, हरियावां के लाल बहादुर, मसूद जफर खां, हरपालपुर के गौरव मिश्रा, राना रणंजय सिंह, सर्वेश राना, सुजीत बाबू, सुशील कुमार, कछौना के प्रदीप कुमार भारती, कोथावां के कुलदीप, माधौगंज के अमित अवस्थी, अनुज कुमार, विजय कुमार, पिहानी के ब्रजपाल सिंह, इंद्रपाल वर्मा, सांडी के गौरव मिश्रा, मनमोहन अग्रवाल, श्रीश मिश्रा, विकास त्रिपाठी, संडीला के अनिल कुमार, शाहाबाद के विकास अग्निहोत्री, सुरसा की दीक्षा त्रिपाठी, राजेश वर्मा, शिव ओम बाजपेयी, टड़ियावां के अजय प्रताप सिंह, जितेंद्र कुमार, कौशलेंद्र भारतीय, मन्नीलाल, राजीव श्रीवास्तव, टोडरपुर के आकाश पाल, कौशलेंद्र कुमार का फरवरी माह का वेतन भुगतान रोक दिया गया है।

बेनीगंज _सरकार भले ही सूबे में कानून का राज व सुशासन की बात कर रही है। लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। स्थिति यह है कि पहले रात दिन चौकीदारी करो फिर पैसे रूपी न्याय के लिए भटकना पड़ता है। मामला कोथावां ब्लाक के ग्राम पंचायत काकूपुर से जुड़ा है। जहां 84 वर्षीय बुजुर्ग अपने रुपयों के लिए दर-दर भटक रहा है। जानकारी के मुताबिक काकूपुर ग्राम प्रधान राम प्रताप पुत्र हीरा लाल मौर्य ने बीते 30 माह पूर्व में पंचायत भवन की रखवाली करने गांव के 84 वर्षीय बुजुर्ग राजा राम पुत्र जवाहर लाल को 6 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से स्वयं नियुक्त किया था। जिससे राजा राम के परिवार का भरण पोषण होना था। पैसे मिलने की आस लगाए राजा राम अब तक पंचायत भवन की रखवाली करता रहा। अधिक पैसे होने पर जब उन्होंने पैसे की मांग की तो राम प्रताप ने रूपए देने से इंकार करते हुए कहा कि मैने आपके खाते पर पैसा भेज दिया। जबकि बुजुर्ग चौकीदार के बताए अनुसार राम प्रताप ने उसका फर्जी मनरेगा जाप कार्ड बनवा लिया था। जिसमें कच्छे कार्य का पैसा आर्यावर्त बैंक शाखा कोथावां के खाते पर लगभग 30 हजार आया वहीं दूसरा खाता बैंक आफ इंडिया शाखा कल्यानमन पर राजवित्त का लगभग 22 हजार रूपए आया। जिसे प्रधान राम प्रताप ने यह कहकर निकाल लिया कि ये रूपए सरकारी कार्य के है। आपकी सैलरी एक साथ आएगी। पारिवारिक स्थिति ठीक ना होने के चलते अधिक समय बीत जाने के बाद बुजुर्ग चौकीदार ने पुनः प्रधान रामप्रताप से रुपयों की मांग की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैंने आपको रूपए दे दिए हैं। अब कोई पैसा नहीं दूंगा। न्याय की आस लेकर बुजुर्ग चौकीदार आला अधिकारियों की चौखट पर लिखित शिकायती पत्र के माध्यम से कह रहा है कि उसका 1 लाख 80 हजार रूपए दिलाया जाए। न्याय के लिए दर-दर भटक रहे 84 वर्षीय बुजुर्ग चौकीदार सिस्टम से काफी आहत है। उनका कहना है कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। इतना ही नही रूपए मांगने पर प्रधान उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहा है।

हरदोई। कलेक्ट्रेट पहुंचे पीआरडी के सैकड़ों जवानों ने विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। जिसमें कोर्ट के आदेश के बाद ड्यूटी और महीनों वेतन न देना शामिल है। उन्होंने डीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपकर ईओ और डीओ पर कार्यवाही की मांग की है। हरदोई के कलेक्ट्रेट पहुंचे पीआरडी के सैकड़ों जवानों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने ईओ और डीओ पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। जवानों ने कहा कि वह कोर्ट के आदेश पर बहाल हुए है, उनको घूस देने पर दो माह ड्यूटी दी गई। इसके बाद ड्यूटी के लिए जवानों को दर दर भटकना पड़ता है और महीनों वेतन भी नहीं दिया जाता है। जिससे जनपद के सभी पीआरडी जवान परेशान है। उन्होंने कहा कि ईओ और डीओ कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे है। इसी के चलते पीआरडी जवानों को ड्यूटी नहीं मिल रही है। हम सब जवानों को परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया है। सैकड़ों जवानों ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपकर ईओ और डीओ पर कार्यवाही की मांग की है। पीआरडी जवान देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि ईओ और डीओ कोर्ट के आदेश के बाद भी जवानों को परेशान कर रहे है। ड्यूटी के नाम पर घूस मांगते है, उनको दो माह के बाद ड्यूटी भी नहीं दी और महीनों वेतन नहीं देते है। उन्होंने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपकर ईओ और डीओ पर कार्यवाही की मांग की है।

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