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उत्तरप्रदेश राज्य के हरदोई जिला से बुद्धसेन सोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लैंगिक असमानता हमारे बीच एक कड़ी बनी हुई है, जब कि महिलाओं और पुरुषों को समानता का अधिकार है। इन सब के बावजूद भी महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है। उन्हें पुरुषों की तुलना में कम मजदूरी दिया जाता है। इसके लिए हमें शिक्षा और जागरूकता कि आवश्यकता है। लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए सरकार के साथ साथ सामाजिक संस्थाओं को आगे आना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला से अनुराग गुप्ता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लोकतंत्र में सरकार जनता के प्रति जबाबदेह होती हैं, ऐसे में लोकतांत्रिक तरीके से सत्तासीन हुई सरकार को बनाये गए नियमों के तहत ही काम करना चाहिए ।पक्ष-विपक्ष कार्यक्रम के ताजा एपिसोड कड़ी संख्या 71 में 'लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं और सत्ता पक्ष की हठ' पर आधारित रिपोर्ट में बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया गया। लोकतंत्र में कार्यपालिका, न्यायपालिका व व्यस्थापिका को संविधान द्वारा अधिकार देकर उनको संचालित करने के लिए नियम तय किये गए हैं । लेकिन पिछली सरकार में जिस तरह नियमों की अनदेखी कर काम किया गया, उससे न सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी विरोध के स्वर सुनाई दिए थे । कोई भी संस्थान का अपना कोई मत नहीं होना चाहिए, संस्थान को चाहिए कि उसके लिए जो नियम बनाये गए या तय किये गए उनके अनुसार ही काम करना चाहिए । अब एक नई सरकार का गठन हो चुका है, इस सरकार को अपनी पिछली गलतियों को दोहराना नहीं चाहिए, बल्कि सरकार चलाये के जो नियम बनाये गए उनके अनुसार काम करना चाहिए, ताकि विपक्ष के साथ साथ देश की जनता को भी लगे कि उसने लोकतांत्रिक तरीके से जो सरकार बनाई है वह अपने निजी हित को किनारे कर जनहित में काम कर रही हैं । सत्ता पक्ष की हठ से नई परम्पराओं का श्रीगणेश होना देश के लोकतंत्र व जनता के हित मे नहीं हैं । क्योंकि लोकतंत्र में कब सत्ता परिवर्तन हो जाये यह जनता तय करती हैं, और जब सत्ता दूसरी विचारधारा के हाथ में होती है तो वह भी अपनी नीतियों के हिसाब से काम करेगी बनाये गए नियमों के हिसाब से नहीं । इसलिए लोकतांत्रिक संस्थानो को हठ त्याग कर नई परम्पराओं को शुरू करने से बचना चाहिए और नियमों के हिसाब से ही काम करना चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तरप्रदेश राज्य के हरदोई जिला से बुद्धसेन सोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से ब्लॉक कोथावां की सामाजिक महिला से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि लैंगिक असमानता को मिटाने के लिए सामाजिक तौर पर सभी महिलाओं में जागरूकता को बढ़ावा देना चाहिए।
लैंगिक असमानता का मुख्य कारण, पुराणी कथा, लोगों में असमानता जागरूकता व कड़े कानून का लागू नहीं होना है। लैंगिक असामनता को मिटाने के लिए शिक्षा, जागरूकता और कड़े कानूनों को लागू करना होगा।
उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता बुद्धसेन सोनी ने जानकारी दी कि महिलाओं को भूमि अधिकार मिलना जरुरी है। क्योंकि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को समान अधिकार नहीं प्राप्त होता है।महिलाओं को सशक्त बनाने में समाज की भूमिका बहुत महत्वपुर्ण है। अगर पूरा समाज जागरूक और एकजुट हो कर महिलाओं को उनका अधिकार दें या दिलाने का प्रयास करें तो स्थिति हर तरह से बेहतर हो सकती है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अनुराग गुप्ता ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में जातीय, धार्मिक और क्षेत्रवाद के प्रभाव में आकर मतदाता वोट करता है। वही महाराष्ट्र में तमाम कामगार संगठन अपने हितों को लेकर वोट करते हैं। यूपी के हरदोई में अभी तक कभी भी नागरिक संगठनों के द्वारा चुनाव के दौरान सियासी दलों के बीच घोषणा पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। हरदोई में मतदाता अपनी विचारधारा के दल या प्रत्याशी से प्रभावित होकर वोट करता है। क्षेत्रीय समस्याएं तो बहुतायात में यहां होती हैं, लेकिन लोकल स्तर पर नागरिक समूह इन्हें उठाने से कतराते रहते हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान हरदोई जनपद में एक बड़ी समस्या अन्ना मवेशियों की रही है, इसके अलावा कई अन्य समस्याएं भी है। लेकिन किसी भी नागरिक समूह के द्वारा इन समस्याओं को एक घोषणा पत्र के रूप में परिवर्तित करने की पहल नहीं की जा सकी है । जिसतरह चुनाव के दौरान तमाम राजनीतिक पार्टियां अपना-अपना घोषणा पत्र जारी कर जनता से तमाम वायदे करती हैं। उसी तरह नागरिकों को भी नागरिक समूह बनाकर उसकी ओर से चुनाव के दौरान घोषणा पत्र जारी करना चाहिए, ताकि प्रमुख स्थानीय समस्याओं को सभी राजनीतिक दलों के समक्ष लाया जा सके।
उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अनुराग गुप्ता ने जानकारी दी कि लिंग के आधार पर घर, समाज दोनों जगहों पर शोषण, अपमान और भेदभाव करना लैंगिक असमानता कहलाता हैं, जो 21 वीं सदी में भी भारतीय समाज में गहराई तक फैला हुआ हैं । हाई सोसायटी में अब लैंगिक असमानता काफी हद तक दम तोड़ती नजर आ रही हैं। लेकिन समाज का एक बड़ा तबका अभी भी लैंगिक असमानता की जद में हैं। लैंगिक असमानता को मिटाने के लिए उत्तर प्रदेश के हरदोई में लोगों को सबसे पहले लिंग के आधार पर भेदभाव को खत्म करना होगा, और इसके लिए लोगों को अपने घर से ही पहल करनी होगी । लड़के और लड़की को एक नजर से देखना होगा । दोनों को बराबर महत्व देना होगा । लैंगिक असमानता को खत्म करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर जोर देना होगा, और इस अभियान से हर एक व्यक्ति और परिवार को अनिवार्य रूप से जोड़ना होगा। समाज में मिशन शक्ति और महिला सशक्तिकरण को लेकर भी जागरूकता फैलानी होगी । तभी लैंगिक समानता भारतीय समाज का हिस्सा बन सकती है। हालांकि उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार मिलकर कई ऐसी योजनाएं चल रही है, जिससे लैंगिक असमानता की दर में कमी आ रही है। हरदोई जनपद की अगर बात की जाए तो यहां लैंगिक असमानता को खत्म करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सुरक्षा और रोजगार जैसे सही कारणों का समर्थन करना होगा ।