भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

चुनावी बॉंड में ऐसा क्या है जिसकी रिपोर्ट सार्वजनिक होने से बचाने के लिए पूरी जी जान से लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट की डांट फटकार और कड़े रुख के बाद बैंक ने यह रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी, अब चुनाव आयोग की बारी है कि वह इसे दी गई 15 मार्च की तारीख तक अपनी बेवसाइट पर प्रकाशित करे।

लोकसभा चुनाव में जनपद का मतदान प्रतिशत बढ़ाने एवं सत प्रतिशत मतदान के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए छात्र-छात्राओं की रैली निकाली गई

स्थानीय कस्बे से होकर गुजरे हरदोई लखनऊ मार्ग को संडीला मल्लावा होते हुए मेहंदी घाट मार्ग से जोड़ने वाला रास्ता अब गड्ढे से तब्दील हो चुका है

भारतीय संसद को बढ़ावा देने के लिए ग्राम पंचायत को बढ़ा यंत्रों का वितरण किया गांव में हो रही सांस्कृतिक कार्यक्रम का बढ़ावा देने के लिए सरकार ने लोक कलाकार वृद्धि यंत्र योजना शुरू की जिसके तहत ग्राम पंचायत के संस्कृत विभक्ति यंत्र ढोलक हारमोनियम आज प्रदान कर रही है।।

मजदूरों के साथ हो रहा खिलवाड़ समाजवादी मजदूर सभा ने मजदूर को उत्पीड़न के खिलाफ सोमवार को कलेक्ट कलेक्टर में प्रदर्शन करते हुए भूख हड़ताल की प्रदर्शन की अध्यक्षता कर रहे हैं मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल निगम ने कहा कि प्रदेश वाक्यांश सरकार मजदूरों के साथ खिलवाड़ कर रही है मजदूरों को लगातार शोषण किया जा रहा है उन्होंने कहा कि मजदूर की उत्पीड़न के खिलाफ इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है... मजदूरों के साथ हो रहा खिलवाड़ समाजवादी मजदूर सभा ने मजदूर को उत्पीड़न के खिलाफ सोमवार को कलेक्ट कलेक्टर में प्रदर्शन करते हुए भूख हड़ताल की प्रदर्शन की अध्यक्षता कर रहे हैं मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल निगम ने कहा कि प्रदेश वाक्यांश सरकार मजदूरों के साथ खिलवाड़ कर रही है मजदूरों को लगातार शोषण किया जा रहा है उन्होंने कहा कि मजदूर की उत्पीड़न के खिलाफ इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है

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