उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से मनी से बातचीत की। बातचीत में मनी ने बताया कि बेटियों को पढ़ा लिखा के दूसरे घर में शादी करा दिया जाता है , यही कारण है की उन्हें पिता की संपत्ति में अधिकार नहीं मिला पता है। बेटियों की शादी में दहेज़ दिया जाता है उन्हें यही कारण है की उनका उनके पिता की संपत्ति में हिस्सा न होकर उनके ससुर के संपत्ति में हिस्सा होता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लैंगिक भेदभाव और अशिक्षा दहेज़ प्रथा का प्रमुख कारण है। दहेज प्रथा के कारण कई बार यह देखा गया है कि महिलाओं को एक दायित्व के रूप में देखा जाता है और उन्हें अक्सर अधीनता हेतु विवश किया जाता है उन्हें शिक्षा या अन्य सुविधाओं तक पहुंच से वंचित किया जाता है। शिक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा में द्वितीय श्रेणी की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। आज के समय में शिक्षा और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा अधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए हर व्यक्ति को अपनी बेटी की देखभाल करनी चाहिए। वह एक शिक्षित और प्रतिष्ठित लड़के से शादी करना चाहता है जिसके लिए उसे बहुत दहेज देना पड़ता है ,क्योंकि ऐसे लड़कों की समाज में कमी पाई जाती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है की दहेज प्रथा एक सामाजिक कलंक है। दहेज एक सामाजिक कलंक है जिसने समाज में खुद को स्थापित किया है।सभी पीढ़ियों को प्रेरित किया जाना चाहिए कि दहेज लेना और देना समाज के लिए बहुत बुरा है। सामाजिक चेतना जागृत करने की आवश्यकता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से हमारे एक श्रोता बता रहे हैं कि इस समय दहेज प्रथा बहुत तेजी से फल-फूल रही है ,जिसमें अधिकांश लोग इससे प्रभावित हुए हैं। दहेज लेना और देना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है, इसलिए जहां तक हो सके कृपया इससे बचें और स्वस्थ्य समाज का निर्माण करें

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से दहेज़ और बढ़ती भ्रूण हत्या में मुद्दे पर चर्चा कर रही है

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि दहेज की मांग को लेकर किसी महिला या उससे संबंधित व्यक्ति के जीवन, अंग, स्वास्थ्य, सुरक्षा या कल्याण को चोट पहुंचाना या खतरे में डालना मानसिक या शारीरिक आघात है । शारीरिक शोषण में किसी भी प्रकार का हमला, आपराधिक शरारत और बल का आपराधिक उपयोग शामिल है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह ने गोंडा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कुछ सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक नीतियों के कारण पुराने समय से किया जा रहा कन्या भ्रूण हत्या एक अनैतिक कार्य है। कन्या भ्रूण हत्या एक अनैतिक कार्य है। कन्या भ्रूण हत्या का मुख्य कारण बालिका की तुलना में बालक की प्राथमिकता है क्योंकि पुत्र आय का मुख्य स्रोत है जबकि बालिकाएँ केवल उपभोक्ता के रूप में हैं। लड़के अपने माता-पिता की सेवा करते हैं जबकि लड़कियां सबसे अमीर होती हैं। दहेज की पुरानी प्रणाली भारत में माता-पिता के सामने एक बड़ी चुनौती है, जो लड़कियों को जन्म लेने से रोकती है। इसका कारण पितृसत्तात्मक भारतीय समाज में महिलाओं की निम्न स्थिति है माता-पिता का मानना है कि बेटा समाज में अपना नाम आगे बढ़ाएगा जबकि लड़कियां केवल घरेलू अवैध संबंध परीक्षण को संभालने के लिए होती हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के गोड्डा जिला से मनु सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि मानव समाज की एक महत्वपूर्ण समस्या जो सदियों से हमारे समाज को घेर रही है, वह है "दहेज प्रथा". यह एक ऐसी विकृति है जो हमारे समाज की रचनात्मक व धार्मिक मूल्यों को दरकिनार कर रही है

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह ने गोंडा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि दहेज प्रथा का विरोध किया जाना चाहिए। हिंदू समाज के कई कार्यों में आज भी दहेज की प्रथा बहुत दर्दनाक बनी हुई है। यह दुखद है कि हर परिवार में लड़के और हर परिवार में लड़कियां हैं। लड़की को दहेज देते समय हमें कितनी कठिनाई हुई और भावी लड़कियों को दहेज देते समय हमें कितनी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। विभाजन के समय दूसरे विचार पैदा करना एक विडंबना है जो दूसरों को भी प्रभावित करता है और दूसरों के लिए अप्रिय परिस्थितियाँ पैदा करता है, जो सभी भ्रम के इस दुष्चक्र में उलझे हुए हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह ने गोंडा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज भी लड़कों को परिवार में गौरव के रूप में देखा जाता है, जबकि लड़कियों को उपभोक्ता के रूप में समाज में कई लोग हैं जो लड़कियों को सेवानिवृत्त मानते हैं। आज के आधुनिक समय में भी दहेज और नाम की बुराई हर जगह है। पिछड़े भारतीय समाज में दहेज अभी भी व्याप्त है। हर घंटे दहेज से संबंधित कारणों से एक महिला की मृत्यु हो जाती है। आंकड़ों के औसत से पता चलता है कि हर घंटे दहेज के लिए एक महिला की बलि दी जा रही है।