उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से लक्ष्मी से साक्षात्कार लिया। लक्ष्मी ने बताया कि महिलाएं अपने अधिकार के लिए लड़ेंगी तो उनका जीवन और जीना आसान हो जाएगा। वर्त्तमान समय में समाज महिलाओं को निचे गिराने की कोशिश कर रही है। यदि महिलाएं हक़ के लिए समाज या परिवार से लड़ेंगी या आवाज उठाएंगी तो उनका समाज में सम्मान बढ़ेगा। भूमि अधिकार को हासिल करने के लिए महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए। महिलाओं के हक़ की आवाज को ऊँचा करने में लोगों को मदद करनी चाहिए। महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए। लेकिन ज्यादातर अभिभावक सुरक्षा के दृष्टिकोण से लड़कियों को शिक्षा के लिए बाहर नही भेजना चाहते हैं। उनको किसी अप्रिय घटना का डर रहता है। इस वजह से लड़कियां अशिक्षित रह जाती हैं और अपने अधिकार के लिए नही लड़ पाती हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एडवोकेट स्वाती दुबे से साक्षात्कार लिया। एडवोकेट स्वाती दुबे ने बताया कि हमारा समाज पुरुष प्रधान है। पुरुष हमेशा खुद को ऊपर रखना चाहता है। वो आसानी से कोई भी हक़ अपनी पत्नी या बहन को नही दे पा रहे हैं। महिलाओं को उनका हक़ आराम से मिल जाएगा तो उनका समय बचेगा। कुछ अन्य काम कर पाएंगी। वार्ना हक़ लेने के लिए कोर्ट - कचहरी के चक्कर काटने पड़ेंगे और तरह - तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जानकारी के अभाव में कई महिलाएं गलत संगत में पड़ जाती हैं। महिलाओं को उनका हक़ मिलेगा तो उनका जीवन शैली अच्छा होगा।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अभिषेक से बातचीत की। अभिषेक का कहना है कि समाज की एक सोच चली आ रही है की महिलाओं को पढ़ने नहीं दिया गया या उनको नौकरी करने आगे नहीं बढ़ने दिया गया। इसके लिए यदि महिलाओं को पढ़ने दिया जाएगा नौकरी करने दिया जाएगा तो वे सोसाइटी और राजनितिक सिस्टम को समझ पायेंगी। जब वे बाहर काम कर पायेंगी जैसे टीचर डॉक्टर कोई भी काम करेंगी तो कोई भी अधिकार लेने के लिए उन्हें लड़ना नहीं पड़ेगा वो अधिकार उन्हें खुद ब खुद मिल जाएगा लेकिन इसके लिए पढ़ाई और संस्कार बहुत जरूरी है

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से राकेश कुमार से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि पिता के संपत्ति में बेटियों का भी हक़ होना चाहिए, कुछ परिवार ऐसे है जो अपने बेटियों को अधिकार नहीं देते है। पैतृक सम्पति में हिस्सा को लेकर आजकल भाई बहन में मन मुटाओ हो जाता है, लेकिन ऐसा होना नहीं चाहिए। पुराने समय से चला आ रहा है की महिलाओं को संपत्ति में अधिकार नहीं मिलना चाहिए , वही मानसिकता आज भी लोगो के अंदर भरी हुई है। महिलाओं को भूमि में भी हिस्सा मिलना चाहिए, वो भी संपत्ति का हिस्सा है। महिलाओं को छोटे मोठे कार्य दिए जा सकते है, जैसे सिलाई, पापड़ व नमकीन बनाने का कार्य , ताकि वो कुछ पैसे कमा सके और अपने परिवार को दे सके

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी प्रज्ञा से बातचीत की। उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार को पहले महिलाओं का आर्थिक विकास करना चाहिए। उन्हें ऋण या सहायता राशि प्रदान कर के उन्हें सक्षम बनाना चाहिए। उन्हें उनके विकास की पूरी सीमा निर्धारित करनी चाहिए, ताकि उन्हें रोजगार में वृद्धि और श्रम में मदद मिल सके और जो उन्हें शिक्षा में मिलनी चाहिए, उनकी शिक्षा को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। जब शिक्षित होंगी तो और भी लोगो को शिक्षित बना पाएंगी और हर तरह के काम कर पाएंगी और रात में भी बाहर निकल कर अपना काम कर पाएंगी ,सरकार को उनकी सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी कविता से बातचीत की। उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि हर महिला को रोजगार मिलना चाहिए। शिक्षित करने के लिए, हर गाँव में एक महिला होनी चाहिए जो सभी को शिक्षित कर सके और इसे आगे बढ़ा सके, और जहाँ तक संभव हो, सरकार द्वारा एक कंपनी खोली जानी चाहिए जहाँ हर महिला को जाना चाहिए और अपने रोजगार बढ़ाना चाहिए। कई महिलायें है जो मनरेगा में भी काम कर सकती है और घर में झाड़ू पूछा का भी काम कर सकती है। जहाँ तक हो सके महिलाओं को आगे बढ़ाया जाये। सरकार को अपनी योजनाओ के सहारे महिलाओं की मदद करनी चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि देश में बेरोजगारी बहुत बढ़ गयी है इसको दूर करने के लिए महिलाओं के लिए शिक्षा जरूरी है सरकार को महिलाओं की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए उनके सिलेबस में बदलाव करना चाहिए इस प्रकार के पाठ्यक्रमों का संचालन करना चाहिए ताकि उनमें स्व-रोजगार की क्षमता पैदा की जा सके, उनके पास बेहतर ज्ञान हो, वे चाहें तो कुछ तकनीकी काम कर सकें, उन्हें पता होना चाहिए कि उस स्तर पर वित्त की व्यवस्था कैसे की जाए। जो आज की शिक्षा प्रणाली है तीन सब्जेक्ट पढ़ा के कम्प्लीट करने का, इससे समाज में महिलाएं उच्च शिक्षा के आधार पर खड़ा नहीं हो सकते। इसलिए शिक्षा में जरुरी बदलाव होना चाहिए। जो औरतें पढ़ी लिखी नहीं हैं ,शिक्षित नहीं हैं ,उनके लिए भी बहुत सारे योजनाएं निकाली गयी हैं। जैसे ग्राम स्तर में दो चार लोग इकठ्ठा कर दूध का व्यवसाय कर सकते हैं। डेयरी दूध बिक्री के काम में मदद कर सकती हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से किरण से साक्षात्कार लिया। किरण ने बताया कि महिलाओं को शिक्षित होना बहुत जरुरी है। बिना शिक्षा के कुछ भी करना मुश्किल है। सरकार को देश की प्रत्येक महिला तक शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करनी होगी। शिक्षित महिला घर में अपना स्वयं का रोजगार कर के पैसे कमा सकती है। जैसे - मोमबत्ती बनाना , दिया बनाना , इत्यादि।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से ऋचा से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को उनके अधिकार मिलें और गांव का अधिक विकास हो, इसके लिए उन्हें शिक्षा प्राप्त करना बहुत जरूरी है।क्योंकि जबतक महिलायें शिक्षित नहीं होंगी उनको अपने अधिकार के बारे में पता नहीं चलेगा। महिला हो या पुरूष कोई भी वर्ग हो सबसे जरूरी बात है शिक्षित होना। अगर अपने गांव का ,अपने क्षेत्र का विकास करना है तो उसमे सबसे अहम् भूमिका शिक्षा की होती है। साथ ही गांव में तकनीक का विकास होने के लिए महिलाओं को शिक्षा के साथ तकनिक की जानकारी भी जरूरी है, जब तक उन्हें शिक्षा नहीं दिया जाएगा उन्हें प्रशिक्षण नहीं दिया जायगा वे आगे नहीं बढ़ सकती हैं। अगर समय समय पर महिलाओं को प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराया जाए साथ उन्हें ऐसी सुविधा दी जाये जिससे वे उद्योग स्थापित कर सके। इससे उनका भलाई होगा उनका विकास होगा खुद के साथ साथ परिवार का विकास होगा परिवार के साथ साथ गांव का भी विकास होगा। गांव में आज भी परिवार वाली भावनाएं होती है वे एक दूसरे साथ जुड़े रहते हैं इलसिए उन्हें शिक्षित किया जाए, जिससे वे पुरे गांव का विकास कर सके। सबसे जरुरी है शिक्षण फिर उसके बाद प्रशिक्षण

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी ऋचा से बातचीत की। उन्होंने बताया कि महिलाओं को अभी तक अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं है, महिलाएं शिक्षित हो रही हैं लेकिन फिर भी उनमें कहीं न कहीं अपने अधिकारों के बारे में जितनी जागरूकता होनी चाहिए वो उन्हें नहीं है। एक महिला को साल में कितने त्योहार हैं , कितने व्रत रखने हैं इसकी जानकारी है लेकिन अगर उनसे पुझा जाये कि सरकार महिलाओं को कौन -कौन अधिकार दे रही है,तो इसकी जानकारी उन्हें नहीं होती है।यदि महिलाओं को भूमि का अधिकार नहीं मिल रहा है तो इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि महिला अभी तक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं। महिलाओं को पुरुषों और महिलाओं के समान अधिकार मिलने चाहिए। जितना हक़ पुरुषों का होता है उतना ही हक़ महिलाओं का भी होना चाहिए। महिलाओं को शिक्षित होना बहुत जरूरी है ताकि पुरुष उन पर किसी प्रकार का दबाव न बना सके।आज भी समाज में महिलाएं स्वतंत्र नहीं हैं, उन्हें बार-बार दबाया जाता है लेकिन ऐसा यदि कही होता है तो सबसे बड़ी कमी समाज की है। आज महिलाओं को जो सबसे बड़ा डर है वह समाज का भी है कि लोग क्या कहेंगे, सबसे पहले यह डर दूर किया जाना चाहिए और महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए