उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मंजू यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी नीतू यादव से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि यदि महिलाओं के नाम पर जमीन होगा तो वे जरुरत पड़ने पर इससे व्यवसाय भी कर सकती हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी आशीष श्रीवास्तव से बातचीत की। उन्होंने बताया कि महिलाएँ हिस्सा लेकर कोई भी काम कर सकती हैं, अपना घर बना सकती हैं, अपना परिवार चला सकती हैं, उसे बेच सकती हैं या ऋण ले सकती हैं और अपनी पसंद की कोई भी कार ले सकती हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से साफिया से बातचीत की। बातचीत में साफिया ने बताया कि महिलाओं के लिए, बेटियों के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं।लेकिन महिलाएं अभी भी पिछड़ी हुई हैं, लोग उन्हें दमित या निम्न परिस्थितियों में मानते हैं। वह अपने दम पर कोई निर्णय लेने या अपने जीवन के बारे में कोई निर्णय लेने में सक्षम नहीं है। महिलाओं में शिक्षा की कमी है कि उन्हें शिक्षित किया जाना चाहिए और उनमें शिक्षकों की जागरूकता पैदा करना होगा ताकि वे देश में आगे बढ़ें ताकि वे बेहतर भविष्य के बारे में निर्णय ले सके।साथ ही अपने बच्चों के लिए अपने जीवन और अपनी आत्मरक्षा के लिए आगे बढ़ें।वर्तमान में महिलाएं शिक्षित हुई हैं, यह हर घर की स्थिति है कि हर महिला शिक्षित हुई है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से पलक से बातचीत की। बातचीत में पलक ने बताया कि महिलाओं को वह नहीं मिलता है जिसके वे हकदार हैं इसका कारण पुरुष हैं जो महिलाओं को जवाब नहीं देना चाहते हैं, पुरुषों को यहां जो अधिकार मिल रहे हैं, महिलाओं को भी वहां समान अधिकार मिलने चाहिए। कुछ महिलाएं हैं जो आगे बढ़ने में सक्षम नहीं हैं या हम कह सकते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं बहुत पिछड़ी हुई हैं, वे नहीं जानती कि हमें कैसे रहना चाहिए, वे घरेलू काम के अलावा कुछ नहीं जानती हैं। हमारे क्षेत्र में या हम लोगों के गाँव में ऐसी प्रथा है कि जो पुरूष हैं महिलाओं पर बहुत अत्याचार कर रहे हैं, महिलाएं शिक्षा के मामले में थोड़े पीछे हैं,उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए और उन्हें कुछ करना चाहिए, उन्हें उच्च शिक्षा मिलनी चाहिए, उन्हें उच्च अधिकार मिलने चाहिए। महिलाएं धान के पौधे की तरह होती हैं जो बोया अलग जाता है और बीज कहीं और लगती है। लड़कियों का जीवन भी इसी तरह से होता है, वह माइके में रहती है, वह कहती है कि माइके को अपना मानती हैं लेकिन ससुराल जाना पड़ता है वह कभी भी दोनों घरों को अपना नहीं मानती है। अगर यहाँ कोई समस्या है, तो वह वहाँ के बारे में सोचेगी और अगर वहाँ कोई समस्या है, तो वह ससुराल के बारे में सोचेगी। ऐसी समस्या होने पर भी हम कभी-कभी ऐसी स्थिति में आ जाते हैं और वे ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों से झूलती रहती हैं। बहुत से लोग लड़कियों के लिए ऐसा मानेंगे घर के कुछ काम करने चाहिए ताकि वह मोबाइल के माध्यम से या किसी के माध्यम से कुछ पैसा कमा सके ताकि उसे किसी भी स्थिति में न फैलाना पड़े, चाहे समाज या सरकार से आपका कोई भी मतलब हो। योजनाएं चलाई जाती हैं ताकि महिलाएं अपने लिए स्वतंत्र हो सकें और अपने हाथों के लिए आगे बढ़ सकें।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम निधि जी से बातचीत की। बातचीत में निधि ने बताया कि महिलाओं को शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से उन्हें भूमि का अधिकार दिलाया जा सकता है। पुरुषो को अपनी सोच बदलने की जरुरत है और साथ ही महिला के मायके वालो को भी अपनी सोच बदलने की जरुरत है

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी ऋचा से बातचीत की। उन्होंने बताया कि महिलाओं को अभी तक अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं है, महिलाएं शिक्षित हो रही हैं लेकिन फिर भी उनमें कहीं न कहीं अपने अधिकारों के बारे में जितनी जागरूकता होनी चाहिए वो उन्हें नहीं है। एक महिला को साल में कितने त्योहार हैं , कितने व्रत रखने हैं इसकी जानकारी है लेकिन अगर उनसे पुझा जाये कि सरकार महिलाओं को कौन -कौन अधिकार दे रही है,तो इसकी जानकारी उन्हें नहीं होती है।यदि महिलाओं को भूमि का अधिकार नहीं मिल रहा है तो इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि महिला अभी तक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं। महिलाओं को पुरुषों और महिलाओं के समान अधिकार मिलने चाहिए। जितना हक़ पुरुषों का होता है उतना ही हक़ महिलाओं का भी होना चाहिए। महिलाओं को शिक्षित होना बहुत जरूरी है ताकि पुरुष उन पर किसी प्रकार का दबाव न बना सके।आज भी समाज में महिलाएं स्वतंत्र नहीं हैं, उन्हें बार-बार दबाया जाता है लेकिन ऐसा यदि कही होता है तो सबसे बड़ी कमी समाज की है। आज महिलाओं को जो सबसे बड़ा डर है वह समाज का भी है कि लोग क्या कहेंगे, सबसे पहले यह डर दूर किया जाना चाहिए और महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाएं अपने हक के लिए लड़ सकतीं है। शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, लोग राजनीतिक मुद्दों से विचलित हैं, शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं दूर हैं। उनकी भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, माता-पिता शिक्षित हों, मां शिक्षित हो, तभी बच्चे को अच्छी शिक्षा दें।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी काजल से बातचीत की। उन्होंने बताया कि महिलाओं को भूमि का अधिकार बिल्कुल भी दिया जाना चाहिए, जिससे समाज में उनका एक अलग स्थान बनेगा और वे अपना भविष्य बना सकती हैं। अपने बच्चों की परवरिश कर सकती हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से अभिषेक से बातचीत की। बातचीत में अभिषेक ने बताया कि बहुत सारी बाधाओं के कारण महिलाएं ज्यादातर भूमि अधिकारों से वंचित हैं। उन्होंने बताया घर वालों का विरोध सोच की कमी और शिक्षा की कमी के कारण महिलाओं को उनका अधिकार नहीं मिल पाता। इसमें भाई बहन के बीच मनमुटाव का भी डर रहता है। जागरूकता की कमी के कारण ऐसा होता है यदि भाई चाहेगा तो बहन को उसका अधिकार मिल जाएगा लेकिन अगर वो विरोध करता है तो कानून का सहारा लेना पड़ता है जिससे भाई बहन में मन मुटाव होता है

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से आसिया बानो से बातचीत की। बातचीत में आसिया बानो ने बताया कि महिलाओं को उनका अधिकार मिलना चाहिए। ताकि वे अपनी अगली पीढ़ी में अच्छी तरह से रह सकें, अगर उन्हें भूमि पर अधिकार रहेगा , तो वे अपने बच्चों की अच्छी देखभाल कर सकती हैं । वह अपने मन की बात भी कह सकती है और जैसा कि उनका मानना है कि अच्छे दिन तभी आयंगे जब ताकत होती है। उनका कहना है कि महिलाओं को आगे बढ़ने से नहीं रोका जाना चाहिए। साथ ही पढ़ाई लिखे करने के लिए भी उन्हें कभी नहीं रोकना चाहिए।