उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी एजाज शा से बातचीत की। उन्होंने बताया कि जहां तक महिलाओं के संपत्ति के अधिकार की बात है, तो इसमें केवल विवाद ही पैदा हो सकता है। बड़ी कठिनाई से लोग दहेज देकर शादी करते हैं और मध्यम वर्ग में विशेष रूप से इतनी संपत्ति होती नहीं है। बहुत लोग तो चंदा कर के भी शादियां करते है। अगर संपत्ति थोड़ी बहुत है और वह उसमें अधिकार दिया जाये तो ये उचित नहीं है और इससे भाइयों-बहनों में कड़वाहट पैदा होगी, उनके रिश्ते में दरार आएगी और से यह उचित नहीं है। इसमें विवाद हो सकता है, विवाद के अलावा और कुछ नहीं हो सकता है और रिश्ता टूटने की अधिक संभावना है। कही कही पर तो लोग जमीन बेचकर दहेज़ देते है
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनील जी से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए लेकिन भविष्य में झगड़ों और झगड़ों की संभावना बढ़ जाती है.क्यूंकि शादी के बाद जब लड़कियां मायके आ जायेंगी तो यह समाजिक रूप से सही नहीं है। लड़कियों की शादी करना उन्हें दान दहेज़ देकर विदा किया जाता। उनका कहना है कि महिलाओं को भूमि का अधिकार देने से समाज में समस्यायें बढ़ सकती हैं
उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर के सी चौधरी ने स्थानीय निवासी अर्जुन सिंह से बातचीत की। उन्होंने बताया कि इससे भाइयों-बहनों के रिश्ते को नुकसान पहुंचेगा और तनाव भी बढ़ेगा, मैं इसका विरोध कर रहा हूँ। उनका कहना है की जिन माता पिता के पुत्र संतान नहीं है ये अधिकार उनके लिए सही है।
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उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी से बातचीत की। उन्होंने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए ,आगे के समय में दिक्कत हो सकती है ।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के. सी. चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि दूषित पानी पीने के लिए लोग मजबूर हो रहे हैं सरकार द्वारा गांव में हैंडपंप लगाए जा रहे हैं लेकिन हैंडपंप पर अक्सर देखने को मिल रहा है वहां दुसित पानी मिलता है। दुसित पानी मिलने के चलते वहां निशान भी लगाया जाता है लेकिन व्यवस्था अभी भी वही है कि अधिकारी और कर्मचारी निशान लगाकर गायब हो रहे हैं। नल की स्थिति और दिशा में अभी तक सुधार नहीं हुआ है। गाँव वालों का कहना है कि गाँव में अब जो पानी की टंकी लगाई जा रही है, वह भी लगभग दो साल से इस स्थिति में पड़ा हुआ है, अपूर्णता के कारण पानी की आपूर्ति उपलब्ध नहीं है। अक्सर ग्रामीणों को दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि जब सरकार को व्यवस्था नहीं करनी थी, तो नल पर निशान क्यों लगाया गया?
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