उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से राजेश कुमार से बात किया, उन्होंने बताया की महिलाओं को भूमि में अधिकार देना सही भी है और गलत भी है।अगर महिला असहाय है उसका पारिवारिक संबंध खराब है, तो उसे संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए और दूसरी तरफ अगर महिला सशक्त है और मजबूत है तो उसे संपत्ति का अधिकार नहीं देना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से राम सजीवन जी से बात किया, उन्होंने बताया की महिलाओं को भूमि में अधिकार देना बहुत ही जरुरी है।अगर उनके ससुराल में उन्हें कोई परेशानी होती है , तो वो अपने ससुराल में अपना निर्वाह कर सकती है। भाई बहन के रिश्ते में खटास आ सकता है , लेकिन ऐसा होना नहीं चाहिए क्युकी वो भी एक ही माँ बाप की पैदाइश है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे एक श्रोता से बात किया उन्होंने बताया की महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए, चाहे लड़की का भाई हो या न हो।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शांति जी से साक्षात्कार लिया। शांति जी ने बताया कि लड़की और लड़का में कोई फर्क नहीं है। जिस माता पिता के पास पुत्र संतान नहीं ही वो, अपने बेटी को संपत्ति में अधिकार दे सकते है। बेटी और बीटा में कोई फर्क नहीं होता है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय श्रोता से साक्षात्कार लिया।उन्होंने बताया कि महिलाओं को भी भूमि का अधिकार मिलना चाहिए। इससे महिलाओं में मजबूती आएगी
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सविता से साक्षात्कार लिया। सविता ने बताया कि अगर बेटी उस लायक है तो बेटियों का भी अधिकार पैतृक संपत्ति में होता है। अगर भाई नहीं है तो उनका अधिकार पूरा है और अगर भाई है तो उन्हें अधिकार नहीं लेना चाहिए। इससे भाई बहन के रिश्ते में दरार आता है। बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है , बेटियां भी बेटो के जैसा बन कर दिखा सकती है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से आशुतोष उपाध्याय से साक्षात्कार लिया। आशुतोष ने बताया कि पैतृक संपत्ति में बेटियों को भी बेटे के समान बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। आज भारत का हर क्षेत्र लड़कियाँ और महिलाएँ भी पुरुषों की तरह ही आगे बढ़ रही हैं, वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। अगर पैतृक संपत्ति में बेटियों को भी बेटों की तरह समान अधिकार मिलेंगे, तो उनका सर्वांगीण विकास होगा, वे आत्मनिर्भर होंगी और महिला सशक्तिकरण में बहुत बड़ा योगदान होगा।संपत्ति के अधिकार के बराबर बंटवारे से समाज में उनका भी अच्छा योगदान होगा और अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगी। अगर शादी के बाद ससुराल उन्हें कोई समस्या होगी तो वे, पैतृक संपत्ति के भरोसे अपना पालन पोषण कर सकती है। बेटियों को भी पिता के संपत्ति में बराबर का हिस्सा मिलना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से गरिमा उपाध्याय से साक्षात्कार लिया। गरिमा उपाध्याय ने बताया कि पैतृक सम्पत्ति में बेटी को अधिकार तभी मिल सकता है जब मायके में भाई ना हो। माँ - पिता की सेवा करने पर बेटी को सम्पत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। भाई के रहते बहन को अधिकार नही मिल सकता है। ऐसा होने पर भाई - बहन के बीच दरार पैदा हो जाती है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से के . के . मिश्रा से साक्षात्कार लिया। मिश्रा जी ने बताया कि महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार मिलना चाहिए। सरकार का प्रयास है और सबका हक़ दस्तूर है। यदि बीटा को सम्पत्ति का अधिकार है तो बेटी हो भी हक़ है। सम्पत्ति बंटवारे को लेकर भाई - बहन के रिश्ते में दरार तो जरूर आएगी। सम्पत्ति अधिकार मिलने से महिलाएं सशक्त होंगी और अपने अधिकार , कर्तव्य और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी होगी। अपनी लड़ाई स्वयं लड़ेंगी
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