कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

शिक्षा विभाग के हंटरगंज प्रखंड साधन सेवी (बीआरपी) सच्चिदानंद सिंह को दस हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार। नव सृजित प्राथमिक विद्यालय सोखा की सहायक शिक्षिका सह सचिव रीता कुमारी से ले रहे थे घुस। एसीबी हजारीबाग की टीम ने जाल बिछाकर किया गिरफ्तार। हंटरगंज इलाके से हुई बीआरपी की गिरफ्तारी। गिरफ्तार बीआरपी को अपने साथ हजारीबाग ले गई एसीबी की टीम। बीईओ के निर्देश पर बीआरपी ने नव सृजित प्राथमिक विद्यालय का किया था जांच। जांच रिपोर्ट मैनेज करने के नाम पर मांगा था दस हजार रुपया घुस। हंटरगंज थाना क्षेत्र के नावाडीह पांडेयपुरा गांव के रहने वाले हैं गिरफ्तार बीआरपी। एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई से शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप।

पेंशन पाने के लिए csc सेंटर से लोग गलत तरीके से बढ़वा रहे है अपनी उम्र

एडीआर संस्था ने अपनी एक और रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में राजनीतिक पार्टियों की कमाई और खर्च का उल्लेख है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां अपने विस्तार और सत्ता में बने रहने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े सत्ता धारी दल ने बीते वित्तीय वर्ष में बेहिसाब कमाई की और इसी तरह खर्च भी किया। इस रिपोर्ट में 6 पार्टियों की आय और व्यय के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई एम और बीएसपी और एनपीईपी शामिल हैं। दोस्तों, *---- आपको क्या लगता है, कि चुनाव लडने पर केवल राजनीतिक दलों की महत्ता कितनी जरूरी है, या फिर आम आदमी की भूमिका भी इसमें होनी चाहिए? *---- चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई खर्च की सीमा के दायेंरें में राजनीतिक दलों को भी लाना चाहिए? *---- सक्रिय लोकतंत्र में आम जनता को केवल वोट देने तक ही क्यों महदूद रखा जाए?

तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

लापरवाही की हद पार करती आंगनबाड़ी कि करतूत को अवगत कराया जाएगा उपायुक्त को

झारखण्ड राज्य के छात्र जिला से कलविंदर राम मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है की, इन्होने ग्रीन राशन कार्ड के लिए आवेदन दिया है, लेकिन अभी तक इन्हे ग्रीन राशन कार्ड नहीं मिला है, इसके लिए इन्हे सहायता चाहिए।

झारखण्ड राज्य के चतरा ज़िला के हंटरगंज प्रखंड के करेली बाग़ के ग्राम सर्दम से सुनीता ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि नल जल योजना के तहत बोरिंग का कार्य को वन अधिकारीयों द्वारा रोका गया और कार्य को पूरा करवाने के लिए बीस हज़ार रूपए की रिश्वत मांगी गयी।

झारखण्ड राज्य के चतरा ज़िला के हंटरगंज प्रखंड के करेली बाग़ के ग्राम सर्दम से बबलू भुईयां ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि नल जल योजना के तहत बोरिंग को वन अधिकारीयों द्वारा काम रोका गया और कार्य को पूरा करवाने के लिए बीस हज़ार रूपए की रिश्वत मांगी गयी