कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

टीबी बीमारी को क्षयरोग के नाम से भी जाना जाता है. हर वर्ष 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के रूप में मनाया जाता है। टीबी एक गंभीर बीमारी है जिसे लेकर आज भी लोगों के बीच कई सारी अफवाह फैली हुई हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन इस दिन दुनिया भर में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करता है ताकि लोग इसके प्रति जागरूक हो। हर साल विश्व क्षयरोग दिवस एक निर्धारित थीम के तहत मनाया जाता है। अभी 2024 की थीम यस! वी कैन एंड टीबी! इस थीम का उद्देश्य है टीबी उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाना। मरीज़ों और उनके परिवारों को प्रेरणा देना की टीबी का जड़ से उपचार संभव है और वह हार न मानें। टीबी का खात्मा हम सब मिलकर कर सकते हैं। इसलिए हमें इससे बचने के लिए विभिन्न उपाय करने चाहिए जैसे टीकाकरण संतुलित आहार लेना और एक्टिव लाइफस्टाइल को शामिल करना चाहिए ।खांसते और छींकते समय चेहरे को साफ नैपकिन या रुमाल से कवर करना और इस्तेमाल के बाद इन चीजों को कूड़े में डाल देने की आदत अपनाने चाहिए ।तो दोस्तों हमें अपनों और खुद का ख्याल रखना है और टीबी से बचाव के उपाय को अपनाना है तभी तो हम टीबी को हराएंगे और देश को जिताएंगे।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है।सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

नमस्कार दोस्तों जैसा की आपको पता ही है कि हर साल दुनियाभर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मकसद है लोगों को कैंसर बीमारी के प्रति जागरूक कर, इस बीमारी को मात देना है। हर साल कैंसर डे पर नई थीम जारी की जाती है। जिसका उद्देश्य हैं, कैंसर के लक्षण और बचाव के लिए लोगों को जानकारी देना। हर साल की तरह इस साल भी वर्ल्ड कैंसर डे की थीम "कैंसर केयर गैप को कम करें" है. हम जानते हैं कि हममें से हर एक में बदलाव लाने की क्षमता है, चाहे बड़ा हो या छोटा, साथ मिलकर हम कैंसर के वैश्विक प्रभाव को कम करने में कामयाबी हासिल कर सकते हैं. इस 4 फरवरी को हम आपसे, चाहे आप कहीं भी हों, कैंसर मुक्त दुनिया बनाने में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान करते हैं. आशा करते है कि आप सब कैंसर दिवस पर सभी के साथ हौसला बढ़ाएंगे और कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई को और भी मजबूत करेंगे।इसी उम्मीद के साथ मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी को विश्व कैंसर दिवस की शुभकामनाये।

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चतरा उपायुक्त की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में टी बी कमिटी की बैठक की गई। इस बैठक में टी बी मरीजों की जाँच व मरीजों के इलाज हेतु दिए गए कई आवश्यक दिशा निर्देश ।

उपायुक्त चतरा अबु इमरान के निर्देशानुसार उप विकास आयुक्त उत्कर्ष गुप्ता की अध्यक्षता में स्पर्श -कुष्ट जागरूकता अभियान -2024 के सफल क्रियान्वयन हेतु विकास भवन के सभागार में बैठक की गई । बैठक में उप विकास आयुक्त ने सिविल सर्जन से स्पर्श कुष्ट जागरूकता अभियान की रुपरेखा के बारे जानकारी लिया। सिविल सर्जन ने बताया कि महात्मा गाँधीजी की पुण्यतिथि 30 जनवरी से 13 फरवरी 2024 तक स्पर्श कुष्ट जागरूकता अभियान के तहत लोगों को कुष्ट के लक्षण एवं ईलाज के बारे में जानकारी दिया जाएगा। उन्होंने बताया इस वर्ष कुष्ट जागरूकता अभियान का थीम "कलंक को समाप्त करना गरिमा को अपनाना" रखा गया है । उन्होंने बताया कुष्ट रोग छूने से नहीं फैलता है। एमडीटी दवा के सेवन से कुष्ट रोग का ईलाज संभव है। उन्होंने बताया कुष्ट रोग के निम्नलिखित लक्षण जो इस प्रकार हैंl त्वचा में बदरंग दाग जिसमें पूर्णतः सुन्नपन या हल्का सुन्नपन्न हो सकता है l किसी चीज को उठाने या पकड़ने में कठिनाई होना,कमीज का बटन लगाने में कठिनाई,हाथ की उंगलियों या पैर के अंगूठे मेंचेहरा चमकदार या तेलिया दिखाई दे ,त्वचा में गठान दिखाई दे,कान के किनारे मोटापन एवं गठान/ चेहरे में गठान,आँख का फलक बंद करने में कठिनाई हो या आँख से पानी आये,भौं का झड़ जाना,नाक का दब जाना,कोहनी या घुटना में दर्द या झुनझूनी, ठंडा या गर्म महसूस नहीं होना , हथेली में सून्नपन झुनझूनी, हाथ/पाँव में झुनझूनी ,हाथ/पाँव में दर्दरहित घाव होना या जलने का एहसास ना होना, हाथ/पाँव की उँगलियों का मुड़ जाना,चलते समय चप्पल का अपने आप निकल जाना, पंजा को ऊपर नहीं उठा पाना /कलाई का झूल जाना उन्होंने कहा इनमें से कोई एक या अधिक लक्षण हो तो उसे छुपाये नहीं अविलम्ब नजदीकी अस्पताल में जाँच के लिए जायें । स्पर्श कुष्ट जागरूकता अभियान के तहत पंचायत स्तर पर ग्राम सभा में मुखिया के द्वारा, आंगनबाड़ी में आंगनबाड़ी सेविका के द्वारा तथा विद्यालय स्तर पर शिक्षकों के द्वारा कुष्ट रोग से सम्बंधित सन्देश पढ़ कर कुष्ट रोग के प्रति जागरूक किया जाएगा तथा कुष्ट निवारण हेतु अपना योगदान देने की प्रतिज्ञा दिलायी जाएगी। इसके अलावा पोस्टर बैनर, समाचार पत्र, सोशल मीडिया इत्यादि के द्वारा भी लोगों को कुष्ट रोग के प्रति जागरूक किया जाएगा । बैठक में डीआरडीए निदेशक अरुण कुमार एक्का, सिविल सर्जन डॉक्टर जगदीश प्रसाद, अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर मनीष लाल, डब्लू एच ओ के एस एम ओ डॉक्टर दीपक, डीआरसीएचओ डॉक्टर एल आर पाठक,फिजियो थेरेपिस्ट डॉक्टर आशीष पाठक, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉक्टर उत्तम समेत अन्य संबंधित उपस्थित रहे।

भारतीय संसद के इतिहास में न विपक्ष का हंगामा नया है और न उनका सदन से निष्कासन, हाल के सालों में इस तरह के निलंबन की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं, इसमें भी निलंबन उनका होता है जो सदन में अपनी बात पुरजोर तरीके से रखकर सरकार का विरोध करते हैं। लोकतंत्र और संसद जो सहमति और असहमति का मिला जुला रूप हैं, उसमें इस तरह की कार्रवाईयों का क्या औचित्य है?