दोस्तों, भारत में विविधता की कोई कमी नहीं है। यहाँ के विभिन्न राज्य, जिलों और गांवों में भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक, भाषाई और भौगोलिक विशेषताएं हैं। ये भिन्नताएं जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करती हैं और विशेष रूप से महिलाओं की स्थिति को भी प्रभावित करती हैं।भारत के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता में भारी अंतर है। शहरी और विकसित क्षेत्रों में जहां स्कूलों और शिक्षा संस्थानों की संख्या अधिक है और सुविधाएं बेहतर हैं, वहीं ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्कूलों की कमी और सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण शिक्षा प्राप्ति में असमानताएं देखने को मिलती हैं। दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- भारत के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह की असमानताएं है, जिसमे खेती किसानी भी एक है। यहाँ आपको किस तरह की असमानताएं नज़र आती है। *----- महिलाओं को कृषि और अन्य ग्रामीण उद्यमों में कैसे शामिल किया जा सकता है?

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से वीर बहादुर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि सरकार को जनजाति वर्ग की महिला का ध्यान रखना चाहिए। महिलाओं के लिए शिक्षा ,बिजली ,रोजगार आदि पर ध्यान देना चाहिए। महिलाओं को वोट बैंक के तौर पर देखा जाता है। सरकार माहि उत्थान के वादे करते है पर निभाते नहीं है

महिलाओं के मामले में, भूमि अधिकारों की दृष्टि से कई चुनौतियाँ होती हैं। भारतीय समाज में, महिलाएं अक्सर अपने परिवार और समुदाय के साथ रहती हैं और उन्हें भूमि अधिकारों की पहुँच से दूर रखा जाता है। सामाजिक प्रतिष्ठा, संस्कृति और कानूनी प्रवृत्तियाँ ऐसे होती हैं जो महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर सकती हैं। इसके अलावा, ऐसे कई सामाजिक तौर तरीके और मान्यताएँ हैं जो महिलाओं को भूमि के मामलों में उनके अधिकारों की प्राप्ति में अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों क्यों ज़रूरी है और उसका क्या महत्व हैं? *----- महिलाओं को भूमि अधिकारों तक पहुंचने में कौन सी बाधाएं आती हैं? *----- महिलाओं के सशक्त होने के लिए समाज का उनके साथ खड़ा होना ज़रूरी है लेकिन ऐसा किस तरह हो सकता है? *----- आपके हिसाब से महिलाओं के सशक्त होने से समाज में किस तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं?

Comments


उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से वीर बहादुर यादव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं को भूमि में अधिकार नहीं मिल रहा है तो यह गलत है , पिता के जमीन को महिला को भी मिलना चाहिए। महिलाओं को बराबर का दर्जा मिलना चाहिए।
Download | Get Embed Code

June 28, 2024, 7:49 a.m. | Location: 3372: Up, Balrampur, Balrampur | Tags: gender   women   personal expressions   womanity   rights  

भारत में जहां 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में एक तरफ राजनीतिक दल हैं जो सत्ता में आने के लिए मतदाताओं से उनका जीवन बेहतर बनाने के तमाम वादे कर रहे हैं, दूसरी तरफ मतदाता हैं जिनसे पूछा ही नहीं जा रहा है कि वास्तव में उन्हें क्या चाहिए। राजनीतिक दलों ने भले ही मतदाताओं को उनके हाल पर छोड़ दिया हो लेकिन अलग-अलग समुदायो से आने वाले महिला समूहों ने गांव, जिला और राज्य स्तर पर चुनाव में भाग ले रहे राजनीतिर दलों के साथ साझा करने के लिए घोषणापत्र तैयार किया है। इन समूहों में घुमंतू जनजातियों की महिलाओं से लेकर गन्ना काटने वालों सहित, छोटे सामाजिक और श्रमिक समूह मौजूदा चुनाव लड़ रहे राजनेताओं और पार्टियों के सामने अपनी मांगों का घोषणा पत्र पेश कर रहे हैं। क्या है उनकी मांगे ? जानने के लिए इस ऑडियो को सुने

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.