उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से वीर बहादुर की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से जसवंत यादव से हुई। ये बताते है कि पशुपालन और कृषि अब दूर दूर तक रिश्ता नहीं है ,जबकि पहले पशुपालन कृषि का अंग हुआ करता था। पशुपालन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और इसकी देख रेख की जिम्मेदारी महिलाओं को दी जानी चाहिए। सरकारी स्कूलों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है इसीलिए महिलाओं को बढ़ाने के लिए कौशल विकास पर ध्यान दें।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने सौम्या मिश्रा से बातचीत की। जिसमें उन्होंने बताया कि वो पांच लोग मिल कर आचार बनाने का काम करती हैं। गांव के लोगों में ही उस आचार को बेचती हैं। कई बात ऑर्डर मिलने पर भी आचार बनाती हैं। इससे अच्छी आमदनी हो जाती है

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता विभा ने कंचन वर्मा से बातचीत की। जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि अगर देश के कानून की तरफ से देखा जाए तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है की महिलाओं को पीछे रखा गया है। हर क्षेत्र में महिला को अधिकार दिए गए हैं। लेकिन समस्या है की हमारे समाज के कुछ लोग हैं, जो महिला को आगे बढ़ने से रोकते हैं। उन्हें अधिकार नहीं देते आजादी नहीं देते। जिस कारण महिला पिछड़ी हुई है। लेकिन लोगों को अपनी मानसिकता में बदलाव लाना चाहिए क्योंकि देश की आर्थिक व्यवस्था में महिलाओं की हिस्सेदारी भी बहुत जरुरी है। महिलाएं हर क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है। जरूरत है अब की हम सोच बदलें और उन्हें सहयोग करें। इससे वो स्वतंत्र तौर पर हर कार्य और निर्णय लेने के लिए सक्षम होंगी

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रजनी जायसवाल से साक्षात्कार लिया। रजनी ने बताया कि ये समूह सखी की सदस्य हैं।समूह सखी से इन्होने लोन लिया और नर्सरी लगाया। नर्सरी से जो मुनाफा हुआ उसे सभी सखियों ने बाँट लिया और बैंक का लोन भी चूका दिया।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पुष्पा देवीजायसवाल से साक्षात्कार लिया। पुष्पा देवी ने बताया कि ये समूह सखी नामक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। बैंक से लोन लेकर समूह ने गाय ख़रीदा और दूध बेच कर बैंक का खर्चा चुकाया। घर एवं गृहस्थी का खर्चा भी दूध बेचकर चलता है।पुष्पा और गे खरीद कर अपने बिजनेस को आगे बढ़ाना चाहती हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता विभा कुमारी ने रीता से साक्षात्कार लिया। रीता ने बताया कि ये सब्जी बेचती हैं और अपना घर चलती हैं। एक दिन की इनकी कमाई चार-पांच सौ रुपए है। इस रोजगार में घाटा और मुनाफा होता रहता है। इनके घर में बस यही कमाने वाली हैं।इनके पति शराब पी कर मारपीट करते हैं। रीता का सुझाव है कि सभी लोगों को अपने रूचि के अनुसार बिजनेस करना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से अंकिता मिश्रा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मुकेश विश्वकर्मा से हुई। मुकेश विश्वकर्मा यह बताना चाहते है कि जिस तरह हम अपने लड़कों को जमीन देते है उसी प्रकार अपनी लड़कियों को भी जमीन देना चाहिए। अगर लड़कियों को भी जमीन पर हिस्सा मिलेगा तो वह भी जीवन में कुछ कर दिखाएंगी । विवाह होने के बाद पैसों के कमी के कारण महिलाएं कुछ नहीं कर पाती है। लड़कियों को जमीन में अधिकार मिलेगा तो आर्थिक रूप से सशक्त बनेगी

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से काजल सिंह , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि गर्मी के कारण लोग बीमार पड़ सकते है। धुप के कारण स्किन ख़राब हो सकते है। शरीर को ठण्ड रखने के लिए पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए। गर्मी में पसीना अधिक आता है। अधिक धुप के कारण स्वास्थय ख़राब होता है। पसीना शरीर से अधिक निकलने के कारण शरीर में पानी की कमी आ जाती है। इसीलिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से वीर बहादुर यादव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता और भूमि में हिस्सेदारी होना बहुत महत्वपूर्ण है । उनके पास स्वामित्व का अधिकार है, क्योंकि भूमि के कारण उन्हें समाज में मान्यता प्राप्त है, इसलिए यदि समाज में पहचान भूमि के अधिकार के कारण पुरुष द्वारा बनाई जाती है, तो इस विषय पर महिलाओं को भी अपना भूमि अधिकार मिलना चाहिए, भारत में महिलाओं को भूमि अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं यह गलत है और महिलाओं को भूमि की स्वतंत्रता है और भूमि में हिस्सेदारी होना चाहिए ।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से वीर बहादुर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि यह एक बड़ी विडंबना है कि महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। महिलाओं को किसी भी निर्णय में भाग लेने नहीं दिया जाता है। मुख्य कारण यह है कि महिलाओं को लोग शिक्षा से वंचित रखते है। शिक्षा के अभाव में महिलाएँ शोषण का शिकार होती है। समाज में महिलाओं को पुरुष के बराबर नहीं समझा जाता है। यह कार्यस्थल में देखने को मिलता है कि सामान काम का वेतन सामान नहीं मिलता है।