बिहार राज्य के जिला नवादा से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सारो देवी से हुई। सारो देवी यह बताना चाहती है कि पहले महिला घर में रहती थी , जीविका के बारे में नहीं जानती थी लेकिन अब जीविका में जाती है मीटिंग अटेंड करने के लिए। पहले परिवार के लोग दवाब डालते थे कहीं जाने पर पूछते थे कहाँ जा रही है। बाहर निकलने से उनको बहुत जानकारी मिलती है। वह महिलाओं को कहना चाहती है कि अच्छा से काम करे।

बिहार राज्य के जिला नवादा से तारा ,की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सारो देवी से हुई। सारो देवी यह बताना चाहती है कि महिलाएं को आगे बढ़ना चाहिए। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि महिलाएं किसी पर निर्भर न रहें और अपना काम खुद करें, जैसे पहले पुरुष लोग सारे काम करते थे, अब महिलाएं भी सभी काम करती है। महिला को पहले बहुत परेशानी उठाना पड़ता था , उसे घर पर रहना पड़ता था और घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता था , लेकिन अब महिला धीरे-धीरे जागरूक हो गई, शिक्षित भी हो गई। धीरे धीरे अपना रोजगार करके आगे बढ़ रहो है।

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कुमारी प्रतिमा से हुई। कुमारी प्रतिमा यह बताना चाहती है कि पहले महिला घर में ही रहती थी लेकिन अब थोड़ा बाहर निकलने लगी है, और काम करने लगी है और अपने बच्चो को पढ़ाने लगी है।

बिहार राज्य के जिला नवादा से मीनू की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विजय से हुई। विजय यह बताना चाहते है कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रभावी महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है । शिक्षा, राजनीतिक भागीदारी, सामाजिक सुधार और आर्थिक सशक्तिकरण के खोलने का अधिकार दिया। आज भी स्वतंत्रता सेनानी महिलाओं को सशक्तिकरण और समानता का अधिकार है फिर भी इसके बावजूद महिलाओं को भूमि का अधिकार नहीं मिलता है जबकि न्याय और सम्मान के सवाल हैं, यह हमारे समाज के पूर्ण और सच्चे अर्थों में महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलना चाहिए।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू ,ज्वार के फसल के लिए मिट्टी एवं बीज का चयन और बीज शोधन की जानकरी दे रहे हैं। ज्वार के फसल से जुड़ी कुछ बातें किसानों को ध्यान में रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा मक्का फसल की बुवाई के बारे में जानकारी दे रहे हैं । विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज से तारा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं को भूमि का अधिकार देना ज़रूरी है। पहले समाज में पुरुष को जमीन का अधिकार मिलता था। लेकिन महिलाओं को भी अब जमीन अधिकार देना चाहिए ताकि उनका सम्मान किया जाए। जमीन में पुरुष का हक़दार है तो आधा हकदार महिला का भी होना चाहिए

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज से तारा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से रिद्धि विनायक से बात कर रही है। ये कहती है कि कई महिला बाहर जा कर काम करना चाहती है पर पुरुष उन्हें यह अधिकार नहीं देते है। जबकि महिला को आज़ादी देना चाहिए ,वो बाहर निकलेंगी तो कुछ सीखेगी।

दोस्तों, भारत में केवल 28 प्रतिशत महिलाओं को जमीन में हिस्सेदारी मिली हुई है। खेतीहर भूमि में तो यह और भी कम महज 11 प्रतिशत महिलाओं की हिस्सेदारी है। जबकि खेती का 80 प्रतिशत काम महिलाओं के द्वारा ही किया जाता है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जमीन पर अधिकारों तो दूर की बात है, महिलाओं को किसान ही नहीं माना जाता है। ग्राणीण इलाकों में किसान के तौर अभी भी पुरुषों की पहचान बनी हुई है। *------ महिलाओं को अधिकार न दिये जाने के मसले पर आप क्या सोचते हैं, *------ क्या आपको भी लगता है महिलाएं अभी भी पिछ़ड़ी हुई हैं? या फिर वह अभी भी स्वतंत्र निर्णय ले पाने की स्थिति में नहीं ले सकती हैं। *------ महिलाओं को भूमि अधिकार मिलने से उनके जीवन स्तर और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में क्या सुधार हो सकता है? *------ महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों के राह में क्या -क्या बाधाएं हैं और इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है? *------ महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए क्या- क्या तरीके प्रभावी हो सकते हैं?