हर व्यक्ति को जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर ऐसे पियर प्रेशर यानि की अपने साथियों के दबाद का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आपके अनुसार या दबाव हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है ? कई बार दोस्तों के दबाव में आकर लोग ऐसे काम करने को आगे बढ़ जाते हैं जो पूरी तरीके से सही नहीं होता है लेकिन सब जानते समझते हुए भी अपने दोस्तों को ना नहीं कह पाते है। आखिर इसके पीछे क्या कारण होता है ? और क्या आपने कभी ऐसे दबाव का सामना किया है ?
बिहार राज्य के नवादा जिला के हिसुआ प्रखंड से पूजा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी चाहती है कि खुद की देखभाल अवसाद में क्यों जरूरी है ?
हमारे आसपास ऐसे कौन कौन सी परिस्थिति देखने को मिलती है जो एक ब्यक्ति को अवसाद ग्रस्त कर सकती है और अगर आपके किसी अपने में आज के कड़ी में बताये गए लक्षणों में से कोई लक्षण देखने को मिले तो सबसे पहला कदम आप क्या उठाएंगे ? इस तनाव भरी ज़िन्दगी में बच्चो और युवाओं को मानसिक तौर पर मज़बूत बनाने और अवसाद की स्थिति से दूर रखने के लिए माता पिता व परिवार के दूसरे सदस्यों की क्या भूमिका है ?
बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से दीपक मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि जैसे जैसे बच्चे का उमर बढ़ता है तो उसमें भावनात्मक लगाव भी अलग अलग तरीके से होता है और मुख्य रूप से किशोरावस्था में बहुत ज्यादा बदलाव होता है।इसमें बच्चों को बहुत सावधानी से देखभाल करने की जरूरत है और उस समय उनका गुस्सा या जरूरत या मानसिक सहयोग की ज्यादा जरूरत होती है हालाँकि बचपन से लेकर बुढ़ापे तक मानसिक सहयोग की जरूरत होती है।जिसे लोगों को समझने की जरूरत है।बचपन में बच्चे माँ और पिता से ज्यादा लगाव रखते है।इसके बाद फिर जैसे इनका उम्र बढ़ता है तो ये अपने दोस्तों के साथ भी खेलते है और मुख्य रूप से किशोरावस्था में इनका जैसे शारीरिक बदलाव भी होता है और उसमें मानसिक बदलाव भी होता है।इसमें सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है और उस स्थिति में बहुत ज्यादा सहयोग की भी ज़रूरत होती है।
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू धान की नर्सरी में दवा और खाद का प्रयोग कब और कैसे करना चाहिए इसके सम्बन्ध में जानकारी दे रहें हैं।
बुलिंग का सामना करना कोई आसान काम नहीं होता हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसका शिकार है क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने कभी अपने जीवन में बुलिंग का सामना किया है ? आखिर क्या वजह है कि हमारे समाज में बुलिंग जैसी समस्या मौजूद है और लोग इस समस्या से जूझने के लिए मजबूर होते हैं ? अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है तो ऐसी स्थिति में वह खुद को इससे बाहर निकालने के लिए क्या कर सकते हैं ? और बुलिंग जैसी समस्या को समाज से मिटाने के लिए सामुदायिक स्तर पर किस तरह की पहल की जा सकती ?
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू उन्नत विधि से धान की खेती और बिचड़ा के हैंडलिंग की जानकारी दे रहें हैं।
आज के समय में लोगो आख़िरकार इतने ज़्यादा अकेलेपन का शिकार क्यों हो जाते है ? वे कौन से वजह होते हैं कि लोग साथ साथ होते हुए भी अपनी मन की बात एक दूसरे तक नहीं पहुचा पते है ? अपने परिवार और अपनों को इस अकेलेपन से दूर रखने के लिए आप अपने स्तर पर क्या करना चाहेंगे ?
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू जानकारी दे रहें हैं धान के बिचड़ा को कैसे तैयार किया जाए। उन्होंने बताया कि सारा बिचड़ा एक ही दिन में तैयार नहीं करना चाहिए, बिचड़ा को तैयार करने के लिए क्रमबद्ध तरीक़ा के साथ साथ मौसम का भी ख़ास ध्यान रखना चाहिए .
बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज ब्लॉक से मीना देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी चाहती है कि क्या साइकोसिस वयस्कों के रिश्तों को प्रभावित कर सकता है ?