बिहार राज्य के नवादा ज़िला के ग्राम बुचि से कुमारी प्रतिमा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के धारा 8 के अनुसार पत्नी का अपने ससुराल या पति के पैतृक सम्पत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता है। पति की मृत्यु के बाद विधवा पत्नी का अधिकार बनता है
बिहार राज्य के नवादा ज़िला से मुस्कान कुमारी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए सरकार ने कई कानून बनाए है। स्त्री शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है ,तलाक का कानून बना है , मर्ज़ी के बगैर लड़की की शादी पर प्रतिबन्ध है ,महिला अपने हुनर अनुसार कही भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकती है।
बिहार राज्य के नवादा ज़िला से मुस्कान कुमारी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि सफल होने के लिए महिलाओं को अपने जीवन के सब पहलुओं की अपनाने की ज़रुरत है।इसमें आत्मविश्वास ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,स्वतंत्रता शामिल है सशक्तिकरण भीतर से आता है ।
बिहार राज्य के नवादा ज़िला से तारा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिला पर बने कानून को सख्ती से लागू होना चाहिए। दहेज़ प्रथा , कन्या भ्रूण हत्या ,घरेलु हिंसा ,सामान वेतन आदि पर बने कानून का सख्ती से पालन हो।
बिहार राज्य के नवादा ज़िला से बिंदु कुमारी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि गर्मी बहुत बढ़ा हुआ है। स्वास्थ्य के लिए पानी लगातार पीते रहना चाहिए। अच्छे से पर्याप्त भोजन करें।गर्मी के कारण कई शिक्षण संस्थान बंद हो रहे है।
बिहार राज्य के जिला नवादा से तारा कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि महिलाओं का सम्मपत्ति पर अधिकार नहीं होता है। पति की मृत्यु के बाद, यानी विधवा को अपनी संपत्ति पर अधिकार है जो संपत्ति में उनका हिस्सा है वह उनको मिलना चाहिए।
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बिहार राज्य के जिला नवादा से सोनी कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से महिलाओं के अधिकार के सम्बन्ध में बताना चाहती है। महिलाओं के लिए मौलिक अधिकार भारतीय संविधान द्वारा क्रांति लाए गए मुख्य अधिकार हैं जो समानता और सशक्तिकरण सुनिश्चित करते हैं।
बिहार राज्य के नवादा जिला से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महिलाओं के अधिकार की पहली जीत कब हुई थी। इसके बारे में विस्तारपूर्वक बताया
बिहार राज्य के नालंदा जिला से तारा कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाएं भी मानवाधिकार की हकदार हैं। जैसे शिक्षा, हिंसा से मुक्त जीवन और उचित मजदूरी जैसे समान बुनियादी अधिकारों की हकदार हैं।