राजधानी के विकास खंड माल अंतर्गत ग्राम पंचायत थरी में आयुष्मान भारत योजना के तहत उपकेंद्र बनकर तैयार हो गया है लेकिन कर्मचारी ना होने से इसका संचालन नहीं हो पा रहा है ऐसा ग्रामीणों का आरोप है।

उत्तरप्रदेश राज्य के लोचनो ज़िला से अलखराम ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि विकासखंड माल की ग्राम पंचायत गोपालपुर के मजरे कमालुद्दीन नगर में नालियों की सफाई न होने से नालियां बजबजा रही हैं और कई जगहों पर पक्की नालियां ना होने से कच्ची नालियों में गंदगी अधिक जमा हो रही है जिससे गांव में बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है।

गरीबों के लिए कोई भी मौसम आरामदायक या सुविधाजनक नहीं होता है क्योंकि इस मौसम में सबसे अधिक परेशानी गरीबों को ही होती है क्योंकि उनको अपनी जान बचाने के लिए आग का ही सहारा होता है।

राजधानी के विकास खंड माल अंतर्गत सैकड़ों प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के आध्यापक न समय से स्कूल आते हैं और न समय से स्कूल छोड़ते हैं।

वर्तमान समय में देश में संवैधानिक मूल्यों का क्षरण किया जा रहा है। क्योंकि यह कहने वाले की देश संविधान से चलता है वह लोग ही संविधान का पालन करना नहीं चाहते और नियम कानून को ताख पर रखकर सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं और संविधान की बात करने वाले अधिकारियों पर ही कार्रवाई की जा रही है।

उत्तरप्रदेश राज्य के लखनऊ ज़िला से लेखराम मौर्या ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि विकासखंड माल के ग्राम हसनापुर के मजरे चमर खेड़ा में नहर का पानी आने से हमेशा रवि की फसलों में जल भराव हो जाता है जिससे रवि की फसल छात्राग्रस्त हो जाती है इसका मुख्य कारण माइनर के पानी का आगे निकास न होने के कारण वह पीछे खेतों में ही भरता रहता है लोगों का कहना है कि अगर माइनर का पानी आगे नाले में चला जाए तो जल भराव की समस्या समाप्त हो सकती है परंतु इस पर नहर विभाग सोच रहा है और ना ही आगे जिन लोगों ने बंद कर दिया है वह मानने को तैयार हैं

राजधानी के विकासखंड माल अंतर्गत ग्राम पंचायत हसनापुर के मजरे बेल बिरवा के प्राथमिक विद्यालय में एक माह से लड़कियों से खाना बन रहा है यहां गैस सिलेंडर नहीं भराया गया है जबकि गैस पर खाना बनना चाहिए।

राजधानी के अलग-अलग क्षेत्र में आवारा पशु किसानों की फसलों को जिस तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं ,उससे किसान बहुत परेशान हैं। आवारा पशु जिस खेत को निशाना बनाते हैं ,बार-बार उसी खेत में जाते हैं इसलिए किसान अधिक परेशान हो जाते हैं क्योंकि कुछ फसले जैसे ही जग कर ऊपर आती हैं वैसे ही उसको नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं।

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