इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?
इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?
इस एपिसोड के मुख्य विषय, वर्षा जल संग्रहण, को दर्शाता है। "बूंद-बूंद से सागर" मुहावरा छोटे प्रयासों से बड़े परिणाम प्राप्त करने की भावना को व्यक्त करता है। यह श्रोताओं को प्रेरित करता है कि वर्षा की हर बूंद महत्वपूर्ण है और उसका संग्रहण करके हम बड़े बदलाव ला सकते हैं। क्या आप वर्षा जल को इक्कट्ठा करने और सिंचाई से जुडी किसी रणनीति को अपनाना चाहेंगे? और क्या आपके समुदाय में भी ऐसी कहानियाँ हैं जहाँ लोगों ने इन उपायों का इस्तेमाल करके चुनौतियों का सामना किया है?
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से ब्लाक हुजूरपुर मौज लव का ही गांव राजापुर्वा के निवासी मनोज कुमार मौर्य से बातचीत की। बातचीत में मनोज कुमार मौर्य ने बताया कि उनके क्षेत्र में नालियों की मरम्मति एवं साफ सफाई नहीं हो रही है ,मनरेगा के तहत काम नहीं हो ,राशन कार्ड नहीं बना है रहा है
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से ग्राम मौज भवानीपुर के स्थानीय निवासी जमुना प्रसाद बता रहे हैं कि गाजीपुर के भवानीपुर में पानी टंकी की सुविधा नहीं मिलने से परेशान है जनता और मनरेगा में काम नहीं मिलने से लोग समस्या से परेशान हैं। राशन कार्ड और बिजली की भी व्यवस्था नहीं है
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से ग्राम गाजीपुर कुंडली के स्थानीय निवासी गुड्डू बता रहे हैं कि गाजीपुर कुंडली में पानी टंकी की सुविधा नहीं मिलने से परेशान है जनता और मनरेगा में काम नहीं मिलने से लोग समस्या से परेशान हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से कटक सिंह बता रहे हैं कि पयागपुर गांव में पानी टंकी की सुविधा नहीं मिलने से परेशान है जनता। साथ ही मनरेगा में लोगों को काम भी नहीं मिल रहा है।
महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?
मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?
हाय रे नरेगा तुम कितना करिश्मा करेगा कि उक्ति चरितार्थ होते उस समय देखने को मिला जहा एक ग्राम सभा मे चक रोड़ पर मिट्टी भराई की जगह घास छिलाई का कार्य दूसरे गांव के दहाड़ी मजदूरों एवम बगल के गांव के रोजगार सेवक द्वारा चक मार्ग पर उगी घास को छील कर कराते पाया गया । नेबुआ नौरंगिया विकास खण्ड के ग्राम सभा देवगांव में अशोक मल्ल के खेत के बगल से लगभग एक किलोमीटर लम्बे चकरोड पर मिट्टी के द्वारा चकरोड के मररमत का कार्य होते देखा गया जब कि उस चक मार्ग पर मिट्टी का कार्य बिगत वित्तीय वर्ष में भी कराया जा चुका है।मौजूदा समय मे नरेगा योजना के तहत यह कार्य दूसरे ग्राम सभा के रोजगार सेवक द्वारा बहादुर चौहान,छोटेलाल, हरिकिसुन, किशोर, ध्रुव,राजू द्वारा दहाड़ी मजदूरी पर बिना मानक के घास की छिलाई करा कर कराया जा रहा है।जब कि रोजगार गारंटी योजना के तहत इस कार्य को गांव के जॉब कार्ड धारकों के द्वारा कराया जाना चाहिये ।इस संबंध मे बीडीओ ऊषा पाल ने बताया कि किसी भी ग्राम सभा मे मिट्टी से संबंधित कार्य जॉब कार्ड धारकों द्वारा होना चाहिये अन्यथा की स्थिति में जांच करा कर उचित कार्यवाही की जाएगी