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भारत एक कृषि प्रधान देश है और आज भी यहाँ के 70 प्रतिशत लोग कृषि कार्यों से जुड़े हुए हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसलिए किसान, भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और ग्रामीण समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं। देशभर के किसानों को समाज में उनके योगदान के लिए सम्मानित करने और उनकी सराहना करने के उद्देश्य से भारत में हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती भी होती है। साथियों, राष्ट्रीय किसान दिवस के लिए हर साल एक अलग थीम निर्धारित होती है और इस वर्ष यानी 2024 का थीम है "सतत कृषि और ग्रामीण सशक्तिकरण” जिसका उद्देश्य है किसानों को स्थायी कृषि पद्धतियों के महत्व को समझाना और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीवदास साहू ,टमाटर की खेती के सम्बन्ध में जानकारी दे रहे है। टमाटर के उन्नत किस्म और इसके उपचार की अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?

गांव आजीविका और हम के इस कड़ी में हम हमारे विशेषज्ञ जीवदास साहू द्वारा जानेंगे बरसात के मौसम में बैगन की अच्छी फसल के लिए सिंचाई और दवा के बारे में।अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

इस एपिसोड के मुख्य विषय, वर्षा जल संग्रहण, को दर्शाता है। "बूंद-बूंद से सागर" मुहावरा छोटे प्रयासों से बड़े परिणाम प्राप्त करने की भावना को व्यक्त करता है। यह श्रोताओं को प्रेरित करता है कि वर्षा की हर बूंद महत्वपूर्ण है और उसका संग्रहण करके हम बड़े बदलाव ला सकते हैं। क्या आप वर्षा जल को इक्कट्ठा करने और सिंचाई से जुडी किसी रणनीति को अपनाना चाहेंगे? और क्या आपके समुदाय में भी ऐसी कहानियाँ हैं जहाँ लोगों ने इन उपायों का इस्तेमाल करके चुनौतियों का सामना किया है?

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने राज्य के कृषि क्षेत्र में नए नवाचारों और प्रगति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काशी विद्यापीठ ब्लाक क्षेत्र के टिकरी स्थित कृषि उत्पादन संगठन एवं औद्यानिक विपणन सहकारी समिति लिमिटेड का भ्रमण के दौरान संगठन द्वारा स्थापित विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं और सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने बायोमास संचालित कोल्ड रूम का अवलोकन किया जिसमें फसल को ताजा और सुरक्षित रखने के लिए एक अत्याधुनिक तकनीकी है। जिसके माध्यम से किसान अपनी उपज को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं जिससे उन्हें बाजार में उचित मूल्य मिल सकेगा। इसके अलावा कोल्ड प्रेस तेल निष्कर्षण इकाई का निरीक्षण किया जो प्राकृतिक तेल उत्पादन की एक नवीन विधि है। इसके साथ-साथ दूध संग्रह केंद्र का भी अवलोकन किया जो स्थानीय किसानों द्वारा उत्पादित दूध के संग्रह और प्रशंसकरण के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा है। इसके अलावा मशरूम स्पान लैब, किसान प्रशिक्षण केंद्र का अवलोकन किया जिसमें किसानों को उन्नत कृषि तकनीकी एवं नवाचारों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। मंत्री जी ने राज्य के किसानों को समर्पित वेबसाइट पोर्टल www.upkisan.org का शुभारंभ किया। इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी एवं नवीनतम तकनीकी के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। अंत में उन्होंने पौधारोपण कर पर्यावरण का संदेश देते हुए पौधा वितरण भी किया।