कुपोषण

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से कीर्ति सिंह उत्तरप्रदेश मोबाइल वाणी के माध्यम से गर्भवती महिला की देखभाल के बारे में जानकारी देते हुए यह कहती हैं कि प्रेगनेंसी के समय पौस्टिक आहार लेने से बच्चे के मस्तिष्क के सही विकास होने में मदद मिलती है और जन्म के समय शिशु का वजन भी ठीक रहता है। संतुलित आहार से बच्चे में जन्म विकार प्रेगनेंसी में अमोनिया मॉर्निंग सिकनेस में भी बचाव होता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को फोलिक एसिड लेने की सलाह देते हैं डॉक्टरों की माने तो प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में किसी महिला को ज्यादा भीड़ भाड़, प्रदूषण और रेडिएशन वाली जगह पर जाने से ज्यादातर बचना चाहिए, क्योंकि इसके अलावा उबड़ खाबड़ रास्तों पर सफर करना लंबे समय तक खाली पेट लेना और अधिक मिर्च का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि यह सारी चीजें प्रेग्नेंसी के लिए घातक नहीं जाती है जिसका असर सीधा बच्चे पर पड़ता है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से आदर्श श्रीवास्तव उत्तरप्रदेश मोबाइल वाणी के माध्यम से ग्राम प्रधान से साक्षात्कार किया। जिसमे ग्राम प्रधान जी ने बताया कि वह अपने ब्लॉक के अधिकारीयों को अपने आस पास फैले गन्दगी की सफाई के लिए आवेदन दिया था। लेकिन अभी तक कोई भी करवाई नहीं की गई है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से अरविंद श्रीवास्तव उत्तप्रदेश मोबाइल वाणी के माध्यम से आरम्भिक बाल विकास पर ध्यान देने के बारे में जानकारी देते हुए यह कहते हैं कि जीवन से पहले दो वर्ष आरंभिक बाल विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चे जो कुछ भी सीखते हैं वह जीवन के इन्ही शुरुआती वर्षों में ही सीखते हैं, जैसे बच्चे बड़े होते हैं बातचीत करना चलना दौड़ना और सोचना और समस्याओं को हल करना सीखते हैं। उन्होंने बताया कि यह बदलाव बच्चे के विकास को दर्शाता है लड़की और लड़का दोनों को सामान वृद्धि एवं विकास के लिए परिवार से एक जैसे कि ध्यान और देखभाल की आवश्यकता होती है। बचपन में आरंभिक अवध में उचित वृद्धि और मस्तिष्क के विकास का माता-पिता देखभाल कर्ताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए निम्नलिखित सहायक वातावरण से निकटतम संबंध होती है। बच्चे के साथ खेलना संवाद करना बातचीत करना और मुस्कुराना।

उत्तप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से पूनम सिंह उत्तप्रदेश मोबाइल वाणी के माध्यम से स्वच्छता के बारे में जानकारी देते हुए यह कहती हैं कि हमारे जीवन में स्वच्छता का बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। इसलिए हमें स्वच्छता पर पूरा ध्यान देना चाहिए। जिससे की हमें किसी भी प्रकार की बीमारी से ग्रस्त न हो पाए

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से ज्योति सिंह उत्तरप्रदेश मोबाइल वाणी के माध्यम से पोषण के बारे में जानकारी देते हुए यह कहती हैं कि भोजन के मुख्य पोषक तत्वों के नाम होते हैं जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनीज है। उन्होंने बताया कि उनके अतिरिक्त भोजन में अहारी रिशु तथा जल्दी होता है, हालांकि जीवन के पहले 2 वर्षों में शिशुओं के लिए स्तनपान ही पोषक तत्वों का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत होता है। उन्होंने यह भी बताया कि इसमें यह सलाह दी जाती है कि पूरक आहार के साथ-साथ स्तनपान कम से कम 2 वर्ष की आयु तक जारी रखना चाहिए। साथ ही खराब पोषण बच्चों में बीमारियां और उनकी मृत्यु होने की भर्ती घटनाओं का एक प्रमुख कारण है बच्चों के पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और कैलोरी आवश्यक होता है

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से ज्योति सिंह उत्तरप्रदेश मोबाइल वाणी के माध्यम से कुपोषण के बारे में जानकारी देते हुए यह कहती हैं कि सही मात्रा में पोषण आहार न मिलने से बच्चों और महिलाओं को कुपोषण का शिकार बनना होता है और प्रतिरोधक क्षमता ख़त्म हो जाती है। उन्होंने यह भी बताय कि सही पोषण न मिलने से मानसिक क्षमता खत्म हो जाती है

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोबाइल वाणी के माध्यम से अरविन्द श्रीवास्तव बता रहें हैं की ओआरएस बनाने से पहले हाथ को साबुन से धो ले। उसके बाद एक गिलास पानी में चुटकी भर नमक और एक चमच चीनी डाले और दोनों को अच्छे से मिश्रण करें उसके बाद टेस्ट करके देखे इसका टेस्ट ना ही नमकीन और ना ही मीठा जैसे होना चाहियें। तब बच्चे को दे और 24 घंटे के बाद जो भी ओआरएस घोल बचा है उसे फेक देना चाहियें

उत्तरप्रदेश राज्य के ब्लॉक महाराजगंज के ग्राम फक्तपुर से विकास कुमार गुप्ता उत्तरप्रदेश मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि उनके गाँव की सड़क की मरम्मत प्रधान के द्वारा नहीं करवाया जा रहा है। जिसके चलते लोगों को आने जाने में काफी समस्या हो रही है

उत्तरप्रदेश राज्य से राजेश कुमार पटेल ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि शरीर में पर्याप्त पोषक तत्वों की कमी से होता है कुपोषण। कुपोषण में आहार एक मुख भूमिका निभाता है। आम टूर पर लोगों को पता नहीं लगता है कि कुपोषण है या नहीं कैसे पता करें। इसके लक्षणों में थकान, चक्कर आना और वजन घटना शामिल होते है। कुपोषण का इलाज नहीं करना शारीरिक और मानसिक विकलांगता का कारण बन सकता है