जयपुर जिले के ग्राम पंचायत देव परमा पोस्ट बल्लीपर्मा ब्लॉक की शीला देवी हूँ, आज मैं ग्रामवाड़ी के माध्यम से उस स्तर की कुछ बहनों से बात कर रही हूँ। मीडिया चैनल के माध्यम से मैं महिला सशक्तिकरण के बारे में कुछ बातें करने जा रहा हूं। हाँ जी, आपका नाम क्या है? हां, हमें अपना नाम मिल गया है। हां, हमें अपना पर्केट मिल गया है। सबसे पहले, हमें अपना नाम मिल गया है। हम समूह से बात कर रहे हैं। ठीक है, आपके गाँव का नाम क्या है? देव परम तो दीदी ये बातिये, आज हम अपनी ग्रामवाली के माध्यम से इस मंच पर महिला सशक्तिकरण के बारे में कुछ चर्चा करने जा रहे हैं। अगर महिलाओं को भूमि का अधिकार नहीं दिया जाता है, तो मुझे बताएं कि आपको क्या मिलना चाहिए, नए समाज में कई कैदियों को उठना चाहिए या नहीं, या ये लोग कैसे आगे आए हैं। हां, अगर हम उन्हें भूमि का अधिकार देते हैं, तो उन्हें बताएं कि वे अपने परिवार को अपने जीवन में किस समस्या से आगे ले जा सकते हैं, यानी हमें अपने बच्चों को लिखना और आगे बढ़ना सिखाना चाहिए क्योंकि हम पढ़ाना, लिखना और शिक्षित करना चाहते हैं। अगर आप सब कुछ करना चाहते हैं क्योंकि आपको जमीन का अधिकार मिलेगा, तो आप अपने बच्चों को सही शिक्षा और परवरिश दे सकते हैं क्योंकि ऐसा भी होता है कि कभी-कभी गांव की महिलाओं को उनके नाम पर जमीन मिल रही है, इसलिए लोग घर में विरोध करते हैं। दूसरी ओर, सभी को करना चाहिए या न करना चाहिए या न करना चाहिए क्योंकि हम मानते हैं कि कोई आपत्ति नहीं है, कोई आपत्ति नहीं है, कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए, हमें लोगों से बात नहीं करनी चाहिए थी, इसलिए हमें मिलकर यह आवाज उठानी होगी।

उत्तरप्रदेश राज्य से अमित शर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाएं आज के समय में तेजी से उत्थान कर रही हैं और पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर उनके साथ चल रही है और हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान रहा है। अगर बात की जाए तो महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रिम है और वह अपने अधिकारों का प्रयोग कर रही है देखा जाए तो महिलाएं हर क्षेत्र में अपना वर्चस्व बनाए हुए हैं। चाहे वह खेल की बात कर ले ,चाहे रोजगार की बात कर ली जाए तो महिलाएं अग्रिम है।र्तमान समय में प्रशासनिक स्तर पर, जिला स्तर पर और हमारे सोशल मीडिया के माध्यम से हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान बहुत बेहतर है। आज, महिलाएं अपने प्रचार के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रही हैं, जो है प्रशासन रोजगार के लिए उपयोग कर रहा है, प्रयोग कर रहा है, यानी सभी क्षेत्रों में महिलाओं का योगदान सर्वोपरि है। अगर हम अपने देश में महिलाओं की बात करें तो महिलाओं की स्थिति पहले बहुत खराब रही है। ये समय के लिए तो धीरे-धीरे परिवर्तन आता है, समय का दूसरा नाम परिवर्तन और जो है की नारियां पहले जैसी नहीं हैं जो है मोदी जी द्वारा निकाली गयी योजना पढ़े बेटिया बढ़े बेटिया के आधार पर हम सभी बेटियां आगे हैं। आने वाले समय में लैंगिक असमानता पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी, जैसे कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं, जैसे कि महिलाओं को भूमि लिखने में पहले नाम दिया जाता है, जैसे कि वे हर क्षेत्र में सबसे प्रमुख हैं। अगर हम महिलाओं को आगे नहीं ले जाते हैं, तो एक समस्या है, जैसे अगर उन्हें आगे ले जाना है, तो हमें उन्हें कई क्षेत्रों में आगे ले जाना है, जो आज राशन कार्ड में किसान का नाम है। वे जहां भी जाएँ, उनका नाम पहले आएगा, चाहे उनकी जमीन बंजर हो, उनका नाम पहले आएगा, इसमें सरकार की योजनाएं भी हैं, उन्हें बहुत छूट मिलती है, ताकि सरकार की योजनाओं का भी लगातार प्रचार हो। चाहे वह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हो, चिकित्सा के क्षेत्र में हो, वायु सेना के क्षेत्र में हो, लोको पायलट क्षेत्र में हो, यह धीरे-धीरे सभी क्षेत्रों में अपना वर्चस्व स्थापित कर रहा है। आप देखेंगे कि भविष्य में महिलाओं का उत्थान बहुत तेजी से होगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर के गाँव लक्ष्मणपुर, गंगापुर, से पूनम देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आजकल महिलाएं कई लोगों के बीच नहीं बोल पाते हैं। मोबाइल वाणी में महिलाओं को बोलना सिखाया जाता है और वे कुछ बोल रही हैं, डरने की बात नहीं है, अन्यथा डर से बोल रही थीं, आज की तारीख में महिलाएं कुछ बढ़ रही हैं महिलाओं को समान अधिकार मिलने चाहिए क्योंकि पुरुष महिलाओं को नीचा देखते हैं क्योंकि आजकल महिलाओं ने इतनी प्रगति की है कि महिलाओं का नाम हर चीज में शीर्ष पर है और महिलाएं अपना जीवन यापन अच्छे से कर सकती हैं

पर्यावरण परि+आवरण दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है। जो मनुष्य के जीवन से जुड़ा हुआ है,यदि हमारे आसपास पेड़ होते हैं तो हमें ऑक्सीजन मिलता है। वही गर्मियों से राहत भी मिलता है। अगर पर्यावरण न हो तो मानव जीवन काफी मुश्किल में हो सकता है। पेड़ों की कटाई के जगह हमें पेड़ लगाना चाहिए जिससे लोगों का जीवन सुरक्षित रहे ताकि धरती पर रहने वाले लोग सुरक्षित रह सके ।

उत्तरप्रदेश राज्य से आकांशा श्रीवाश्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति का अधिकार होना चाहिए। दरअसल महिलाओं को संपत्ति से संबंधित अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं है। इसलिए अपने आप को बोझ न समझें एक लड़की को शादी में पर्याप्त दहेज दिए जाने का मतलब यह नहीं है कि वह अपने परिवार की संपत्ति पर अपना अधिकार खो देती है।लड़कियों को शादी से पहले उन्हें सिखाया जाता है कि उनका अपना घर कोई और होगा। यह भी एक कारण है कि महिलाएं अपने मायके में अपना हक़ नहीं समझती।

Transcript Unavailable.

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उत्तरप्रदेश राज्य के मिर्ज़ापुर जिला से संतोष कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि बेटियों को सुरक्षित रखना चाहिए और उन्हें अच्छी शिक्षा भी देनी चाहिए। कन्या भ्रूण हत्या समाज को गन्दा कर देगी और ये बिलकुल भी सही नहीं है

उत्तरप्रदेश राज्य से पूनम वर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि हमें पर्यावरण को साफ़ रखने के लिए गंदगी नहीं फैलानी चाहिए ,हरे पेड़ नहीं काटने चाहिए। यदि हम आसपास पेड़ लगाएंगे ,तो हमें हवा और ऑक्सीजन भी मिलती है और हम अपने पास मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकाल सकते हैं और खुली हवा में ले सकते हैं। पेड़ लगाने से शरीर भी स्वस्थ रहता है।