उत्तर प्रदेश राज्य से अरविन्द श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से संत राम से बातचीत की ,संत राम का कहना है कि महिलाओं को क़ानूनी साक्षरता के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाये जाने चाहिए इसमें महिलाओं के अधिकार के बारे में बताया जाए इसमें उन्हें कहाँ पर सम्पर्क करना चाहिए ये भी बताया जाए साथ ही महिलाओं को शिक्षित करना जरूरी है शिक्षित होंगी महिलाएं तभी जागरूक होंगी।
उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती जिला से अरविन्द श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अखिलेश श्रीवास्तव से साक्षात्कार लिया।अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि महिलाओं को समाज और घर में उनका मौलिक अधिकार मिलना चाहिए। उन्हें शिक्षा एवं सुरक्षा का भी है ।साथ ही सामाजिक संगठनों और परिवार को उनके विकास का सार्थक प्रयास करना चाहिए।
सरकार द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने और गांवों में पीएम आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत से ज्यादा मकान महिलाओं को देने से देश में महिलाओं की गरिमा बढ़ी तो है। हालांकि, इन सबके बावजूद कुछ ऐसे कारण हैं जो महिलाओं को जॉब मार्केट में आने से रोक रहे हैं। भारत में महिलाओं के लिए काम करना मुश्किल समझा जाता है. महिलाएं अगर जॉब मार्केट में नहीं हैं, तो उसकी कई सारी वजहें हैं, जिनमें वर्कप्लेस पर काम के लिए अच्छा माहौल न मिल पाना भी शामिल है . दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- नौकरी की तलाश में महिलाओं को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। *----- आपके अनुसार महिलाओं के नौकरी से दूर होने के प्रमुख कारण क्या हैं? *----- महिलाओं को नौकरी में बने रहने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से पूनम देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लड़कों और लड़कियों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। बच्चों को बराबर अधिकार मिलना चाहिए। बेटा और बेटी दोनों को जमीन में पूरा अधिकार है। हक़ देने से बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं रहेगा और वो अपने माता - पिता के लिए अच्छी राय रखेंगे।
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि हमारे समाज में महिलाओं का शिक्षित होना बहुत महत्वपूर्ण है, जब तक वे शिक्षित नहीं होतीं, वे अपना व्यवसाय नहीं चला सकतीं। माननीय प्रधानमंत्री ने हमारे समाज में कई योजनाओं का शुभारंभ किया। जैसे सुमंगला है सुकन्या है जन धन योजना है पीएम किसान निधि है और समूह का काम है सिलाई मशीन है और भी काम है अगर हमारे समाज में महिलाएं जागरूक नहीं हैं, तो वे पढ़ या लिख नहीं पाएंगी अन्यथा वे अपना व्यवसाय नहीं कर पाएंगी। जिससे उन्हें कष्ट सहना पड़ता है, परिश्रम करना पड़ता है। और जो शिक्षित महिलाएँ हैं हमारे समाज में अपना व्यवसाय कर सकेंगी।
भारत में महिला श्रम शक्ति भागीदारी में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि वैश्विक औसत की तुलना में यह कम आधार पर है। ।स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत में महिला कार्यबल की संरचना विकसित हो रही है, जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त युवा महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जो श्रम बाजार में शामिल हो रही हैं। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आयु वाली आबादी होने का अनुमान है, जो 2030 तक लगभग 70% तक पहुंच जाएगी, लेकिन कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का वर्तमान निम्न स्तर लगातार असहनीय होता जा रहा है।तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- महिलाएं किन प्रकार के कार्यों में अधिकतर अपना ज्यादा समय लगाती है ? *----- महिलाओं को उच्च पदों पर पहुंचने में क्या क्या चुनौतियां आती हैं? *----- आपके अनुसार महिलाओं को कार्यस्थल पर किन प्रकार के भेदभाव का सामना करना पड़ता है? और महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत हैं? *----- क्या आपको भी लगता है कि समाज को इस दिशा में सोच बदलने की ज़रूरत है .?
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडे ने मोबाइल वाणी के माध्यम से नसीमा बानो से बातचीत की। नसीमा बानो का कहना है कि उनके बेटे और बेटियां भी हैं लेकिन इसमें वे अपने बेटे को अधिकार देंगी बेटी को नहीं क्योंकि बेटी तो शादी कर के अपने घर चली जायेंगी लकिन थोड़ा जमीन है उनके पास तो वे उसे अपने बेटे को देंगी
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लड़कियाँ कॉलेज जा रही हैं और माता-पिता को लगता है कि हमारे बच्चे पढ़ने जाते हैं, लेकिन अक्सरलड़कियां फोन और मोबाइल पर व्यस्त रहती हैं और दूसरों से बात करती हैं और हमारे समाज में अत्याचार, अपराध बहुत बढ़ रहे हैं। लड़कियाँ गायब हो रही हैं। लड़कों के माता-पिता कुछ नहीं बोलते हैं और अगर ऐसा नहीं होता है तो उन पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है तो हमारा कानून सख्त है। हमारे समाज में लड़कियाँ गायब हो रही हैं, इसके बाद कुछ नहीं हो रहा है, हमारे समाज में बहुत अधिक जघन्य अपराध हो रहे हैं, गरीब महिलाएं जिस तरह से वह अपने खेत में काम करती है उन्हें अपनी आवाज उठाना आवश्यक है और अगर वह आवाज उठाती है, तो उनके साथ अत्याचार होता है
उतर प्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिला से नीतू मोबाइल वाणी के माध्यम से बात रही है की अगर कोई भी पुरुष जिसे ऐसी भावना नहीं है कि महिलाओं को अधिकार नहीं दिए जाने चाहिए, उसे कभी भी ऐसी स्थितियों का सामना नहीं करना चाहिए। हम महिलाओं को भी अधिकार होगा, तभी हम आगे बढ़ सकते हैं, अपने परिवार को आगे ले जा सकते हैं, हमें अपने परिवार को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद की भी आवश्यकता है, जो पुरुषों के हाथों में है।
उतर प्रदेश राज्य से नीतू मोबाइल वाणी के माध्यम से बात रही है की जब भूमि अधिकारों की बात आती है, तो यह महिलाओं को भी मिलना चाहिए क्योंकि माता-पिता दोनों ने दोनों को जन्म दिया है और बुढ़ापे में वे दोनों एक-दूसरे का सहारा बन जाते हैं।