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नाम विशाल सिंह पिता का नाम विजय कुमार सिंह ग्राम सभा सिंहपुर ब्लॉक हजूरपुर जिला बहराइच

विशाल सिंह श्री विजय कुमार सिंह ग्राम सिंहपुर ठकुराइन पूर्व तहसील पयागपुर जिला बहराइच

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उत्तरप्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिला से यशवंत मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि ग्रामीणों को आयुष्मान कार्ड एवं प्रधान मंत्री जल जीवन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है

उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से पूनम वर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लोकतंत्र में चुनाव एक प्रक्रिया है। किसी भी आदमी को समान अधिकार व हक देने के लिए उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए। ऐसा करने के पीछे उद्देश्य होता है। कुछ नागरिक समूह किसी नागरिक अधिकार के लिए ऐतिहासिक राजनितिक दलों के सामने अपनी मांगे उठाते हैं। साथ ही देश के विकाश में भागीदारी निभा सके।

उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से ब्लाक हुजूरपुर मौज लव का ही गांव राजापुर्वा के निवासी मनोज कुमार मौर्य से बातचीत की। बातचीत में मनोज कुमार मौर्य ने बताया कि उनके क्षेत्र में नालियों की मरम्मति एवं साफ सफाई नहीं हो रही है ,मनरेगा के तहत काम नहीं हो ,राशन कार्ड नहीं बना है रहा है

उत्तरप्रदेश से राकेश ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार बुनियादी सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं दे रही है। लोगों के घरों में पीने का पानी और सड़क की व्यवस्था नहीं है

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ प्रधानमंत्री की एक कल्याणकारी योजना है जो अच्छी तरह से और सुचारू रूप से चल रही है। लोगों को अपनी बेटियों को भी अच्छी तरह से शिक्षित करना चाहिए। कुछ लोग हैं जो कहते हैं कि नई बेटियों को कम पढ़ाया जाना चाहिए, हम अपने बेटे को बढ़ावा देंगे। अगर बेटी पढ़ती है तो वह भविष्य में मां बनेगी। वह भी एक बच्चे को जन्म देगी, तभी वह अपने बच्चों को पढ़ा पाएगी, नहीं तो वह पढ़ नहीं पाएगी, तो वह बच्चों को क्या सिखाएगी। बेटी होने पर उनकी अच्छी तरह से देखभाल की जा सकती है

महिलाओं के पास भी अपनी सम्पत्ति होनी चाहिए जिससे उनका कोई शोषण न कर सके। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को बहुत कम अधिकार हैं। अधिकार हैं, लैंगिक असमानता मुख्य कारण है, भूमि और प्रकृति संसाधनों के समान अधिकारों के बिना लैंगिक समानता हासिल नहीं की जा सकती है, आज भी हमारा समाज पुरुष प्रधान है, आज भी हमारा समाज पुरुष प्रधान है। इसके अलावा, अपने पिता या पति की पहचान करना बहुत महत्वपूर्ण है, पति या पिता के नाम के बिना, महिला समाज एक महिला को स्वीकार नहीं करता है। जो आज भी हमारे रीति-रिवाजों और कानूनों को अधिकार देगा, वह महिलाओं को अधिकार देने में संकोच करता है। समाज में महिलाओं का काम सिर्फ घर चलाना है, बच्चे का जन्म सिर्फ दो काम हैं जिन्हें अधिक शुद्धता दी जाती है और समाज में एक महिला समाज से अधिक घृणित है।