पाली की सदरी थाना से निकिता लड़कियों की सुरक्षा के बारे में बोल रहे है | वह बोल रहे है की लडकिया जो रात की घर से बहार रहते है पर डरते है | इनके आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए उन्हें सही चीज़ों की जानकारी होना ज़रूरी है | वो बोल रहा है कि लड़कियों पास एक ऐसा फोन नंबर होनी चाइये जिसको इमरजेंसी पर कॉल करने से वह हमेशा फ़ोन उठाये, जैसे कोई रिश्तेदार या क्षेत्र की पुलिस को, जिनसे वह अपने लोकेशन शेयर कर सकते है | अगर ऐसी सावधानी बनाये रख सकते है तोह रात को बाहर जाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाइये |

फालना थाना से पूनम गोयल बच्चों की शिक्षा के बारे में बोल रहे है | वह बोल रहे है की भारत सरकार ने मुफ्त में बच्चों की पढ़ाई करवा रहे है, पर इसके आलावा भी राजस्थान सरकार के द्वारा भी कदम किये गए है | इस स्कीम के द्वारा आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवार के बच्चो के लिए पहली से आठवीं तक की पढाई बिनमुल्य कर सकते है | यहाँ एडमिशन की प्रक्रिया लाटरी के द्वारा होता है | और जितने भी महात्मा गांधी स्कूल खोले गए है, सब में यह प्रक्रिया चालू है | वह चाहते है की जितने भी ऐसे परिवार है, वह अपने बच्चों की शिक्षा के लिए यह स्कीम ध्यान रखे और बच्चो की पढाई में कोई कमी न रखें |

पाली के बगड़ी नगर से ट्विंकल बोल रहे है की उनको कॉलेज जाने में डर लगता है क्यूंकि उनको असुरक्षित महसूस होता है

रिकॉर्डर पाली से है, गाओं खरिणी | अपनी गाओं की असुरक्षित जगह की बारे में रिपोर्ट कर रहे है | उनके गायन में एक ऐसी जगह है जो महिलाएं और लड़कियों के लिए बिलकुल सुरक्षी नहीं है | लड़कियां स्कूल जाना बंद कर रहे है, और औरतों के लिए भी उस रस्ते से कही जाना मुश्किल हो रहा है | रस्ते में लड़कों का झुंड रहता है जो लड़कियों को छेड़ते है और डरते है | वह सारे लड़के लड़कियों को धमकाते भी है और इसके वजह से लड़कियां अपने दिल पर डर से ले कर बैठें है | कॉलर पुलिस की रक्षा मांग रहे है ताकि लड़कियों की डर कम हो और उस रस्ते से वह आने जाने में न डरें |

भरतपुर से निम्रत बानो बोल रहे है की उनको महिलाओं के सुरक्षा के लिए काम करना है

नोखा से संगीता शर्मा बोल रहे है की महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए हर स्कूल में, कॉलेज में पुलिस प्रशाशन की बैठक हो | इन बैठकों में सोशल मीडिया के द्वारा बच्चियों और औरतों पर होते हुए हानि के बारे में बोला जाये | और इन बैठकों में बच्चो की माँ-बाप को भी यह साड़ी चीज़ों के बारे में बोला जाये | और इसके द्वारा माँ-बाप को यह बोला जाये कि बच्चों को फ़ोन न दे और इस विषय में स्कूल के टीचर भी अपनी राए आगे रखें |

नोखा थाने से रेखा जी का कहना है की अभी कुछ समय पहले मीटिंग हुई थी नोखा में तो उसमे सुना था की हम बाल विवाह होने से पहले ही कदम उठा सकते हैं, बाद में कुछ नहीं कर सकते। तो मेरा मानना है की इसमें पहले निर्णय लेने से अच्छा है की बाद में ले, क्योंकि पहले तो क्या करते हैं की पड़ोस के घरों में, या ननिहाल में या चाचा के घर ले जाकर बच्चों की शादी कर दी जाती है पता ही नहीं लगने देते, क्योंकि उनको डर है कि पुलिस आ जाएगी, लेकिन इसके बाद में डर होना चाहिए, क्योकि उन्हें यह लगना चाहिए की किसी को अब भी पता चल गया की बच्चे की शादी हुई है तो भी एक्शन ले सकते है, तो जैसा की हम लोगो ने मीटिंग में बात की तो मैडम ने कहा की पहले ही कदम हो सकता है, बाद में कुछ नहीं हो सकता , तो मेरा राय है की यदि इसमें ज्यादा गहरा, कड़क निर्णय लेना है तो वह बाद में होना चाहिए, शादी होने के बाद में भी कुछ कर सकते है, तो इससे वह बच्चो की शादी करेंगे ही नहीं, तो अपने बाल विवाह अपने आप बंद हो जाएगी।

Transcript Unavailable.

विमला मीणा जी का कहना है की, वह लड़किया और महिलाये जिनकी शादी हो चुकी है, वो ऐसे स्थिति में आ जाती है की एक तरफ तो सास ससुर दूसरी तफर पीहर से घरवालों का दबाव रहता है, उन लड़कियों की किस तरीके से निकलना चाहिए, वह लड़किया छटपटा रही है , किसी की पढ़ाई अधूरी रह गयी है , शादी कर दी गयी है माँ बाप उसे ससुराल भेजना चाहते है और सास ससुर उससे बच्चा मांगना चाहते है उन लड़कियों को किस तरह से निकलना है यह हमारा मुद्दा है

कुणादि थाने से प्रभा शर्मा का कहना है की अभी हमारे इलाके में ऐसा है की रोड पर गांजा बिकता है, शराब बिकता है, जब वहां से लड़कियां या लेडीस जो निकलती है असुरक्षित महसूस करती है तो हम यह चाहेंगे कि वहां पर कोई ऐसा काम हो ताकि वह नशा करने वाले या लड़की को छेड़छाड़ करने वाले वहां से हटा दिए जाएं कुछ ऐसी सुविधा कर दी जाए ताकि हम वहां से निकल सकें ताकि हम निकलने में डरे नहीं, निडर हो के हम आगे बढ़े