नसरीन बोरखेड़ा थाने से बात कर रही है, इनका कहना है की, जहाँ पर रहते है वहां कुछ ऐसे इलाके है जहाँ पर बच्चो, लड़कियों और महिलाओं को प्रॉब्लम होती है आने जाने में. असुरक्षित रास्तों की वजह से घरवाले लड़कियों का स्कूल छुड़वा देते है, जिसकी वजह से उनकी ग्रोथ रुक जाती है, तो हम लोग चाहते है की उन स्थानों पर पुलिस गश्त करें ताकि हम लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।

हम जहाँ पर रहते है, वहाँ पर कई तरह के असामाजित तत्त्व होने की वजह से हम असुरक्षित महसूस करते है, इसको ध्यान में रखते हुए हम लोग चाहते है की यह माहौल सुरक्षित हो ताकि वहां आने जाने लोग लड़किया, महिलाये सुरक्षित रहे, इसके लिए हम चाहते है की आप पहल करें

अनंतपुरा थाना से आयुषि, लड़कियों की सुरक्षा के बारे में अपनी राय बता रही है | वह यह कह रही है की अगर बाहर किसी गली में या पार्क में लड़के का झुंड खड़ा है तोह लड़किया क्यूँ वह जाने से डरते है | इसी जगहों में बचपन में लड़कियां खेलने जाती थी और बड़े होने के बाद बेज़्ज़ती और छेड़खानी की डर से जा नहीं पाती है, और ऐसा बिलकुल नहीं होना चाइये | वह यही सोच रही है की लड़कियों को क्या महसूस होता होगा | उनको यह महसूस होता है की सब लड़कियों को वह जाना चाहिए क्यूंकि यह सारी जगह सब के लिए बना हुआ है, तोह लड़कियों को बिना डर कर वह जाना चाहिए |

सुरक्षा सखि पवन यह बोल रहे है की उनको सुरक्षा सखि का काम करके बोहोत अच्छा लग रहा है, और दुसरो का मदद करके उनको और अच्छा महसूस हो रहा है

निम्रत बनु, भरतपुर से यह बोल रहे है की वह सुरक्षा पैनल के साथ जुड़े हुए है

Transcript Unavailable.

मेरा नाम गुड्डी है, हमारे गांव में 8 शादियाँ है, मैंने उनकी जानकारी की है लेकीन उनमे कोई बाल विवाह नहीं है अभी 4 तारीख को शादी है, मैंने छोटे भाई बहनों से जानकारी ली है, स्कूल से भी जानकारी ली है लेकिन उनमे बड़े भाई बहनो की शादी है, इसलिए हमारे यहाँ पर ऐसा कुछ बाल विवाह नहीं है.

डहरा से कमलेश देवी बोल रही है, जो सुरक्षा सखी से जुडी हुई है, और इन्हे सुरक्षा सखी के बारे में पूरी जानकारी चाहिए

मेरा नाम रेखा है, मैं नोखा थाने से हूं, मुझे बाल विवाह के बारे में यह बताना है कि हम सिर्फ लड़कियों को यह सब बताते हैं जबकि हमें लड़कों के साथ भी स्कूलों में जाकर बाल विवाह को लेकर मीटिंग करनी चाहिए, क्योकि वहां तो किसी का भाई भी पढ़ता होगा तो किसी की बहन, तो ऐसे उसके विचार बदल सकते हैं तो भाई के भीतर भी बदलाव आएगा तो वह अपने घर में भी अपनी माता पिता से कहेंगे कि बाल विवाह नहीं करना चाहिए। तो मैं कहूँगी की स्कूलों में भी जाए और उनको भी यह सब समझाएं कि बाल विवाह नहीं होना चाहिए, तो लड़कों को भी समझ होगी तभी तो वो रोक पाएंगे।

मेरा नाम सुशीला है, मै बंदला से बात कर रही हूं और हमें अपने अधिकार के बारे में, बच्चों के अधिकार के बारे में जानकारी मिली है तो मुझे बहुत अच्छा लगा है और आगे किसी के साथ घटना होगी तो मैं पुलिस को सूचना भी दूं