Anonymous caller wants to know as soon as possible when will the academic results of standard 10th be announced
Anonymous woman from Salgaon gaon is reporting than woman in her community are very upset as most of their husbands come home drunk at night and beat them up. They want to like a peaceful life and have a better lifestyle. They are seeking for help
Prabha is reporting domestic violence against another woman. The woman's name is Hema, and she has been tortured a lot by her mother-in-law and father-in-law. She was hit a lot and when prabha got to know this, she immediately reached there. And took the woman to the hospital, and took the help of Kunadi thana. The woman was tortured a lot and Prabha helped her.
हाथीपोल, उदयपुर से नाज़रात बोल रहे है की उनके पति गुजर गए थे जब वह गर्ववती थी (7 महीना) | उनके डिलीवरी के बाद उनके ससुराल वाले उनको घर से निकाल दिया था | इस बात को 13 साल हो गया है और वह सिलाई करती है और खुद की और अपने बच्चे की ख्याल रखने की कोशिश करती है | उन्होंने दूसरी शादी नहीं की | अभी उनको आर्थिक समस्या हो रही है और उनको समझ नहीं आ रहा कि क्या करे, इसलिए वह मदद मांग रहे है |
पहचान छुपके कॉलर अपने साथ हुए घरेलु हिंसा की रिपोर्टिंग कर रहे है | वह उदयपुर से बोल रहे है और उनके ससुराल वाले ने उनको घर से निकाल दिया था जब उनकी बेटी 16 महीने की थी और अब वह 3 साल की हो गई है | उनके पति ने तब से लेकर अभी तक अपने बेटी की शकल नहीं देखा है | उन्होंने कोर्ट पर केस किया हुआ है पर अभी तक कोई सुरहा नहीं मिला है और उनको कोई मदद नहीं मिल रहा है | वह चाहते है की उनको उनकी ससुराल में सुरक्षित पहुँचाया जाये | उनके ससुराल वाले नहीं मानते है की उनके छोटे बेटे (कॉलर के पति) का शादी हुआ है, कॉलर के जेठ और जेठानी उनको घर वापस आने नहीं देते है | वह लोग मकान के बारे में भी बोलते है पर मकान का कोई कागज़ाद नहीं है | कॉलर अपनी 3.5 साल की बेटी का अकेला वहन कर रहे है और मदद मांग रहे है क्यूंकि उनके पति उनका कोई मदद नहीं कर रहे, वह उदयपुर में ही रहते है पर कोई खबर नहीं लेते है, और कॉलर के फ़ोन नंबर भी ब्लॉक कर रखा है | कॉलर की बेटी अब अपने पिता के बारे में पुछते है पर वह कोई जवाब नहीं दे पाते | कॉलर अपनी बेटी के खातिर अपनी ससुराल वापस जाना चाहती है |
रानीवाडा थाना से, रीना देवी एक ऐसी जगह की रिपोर्ट कर रहे है जो सुनसान रहता है और बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है लड़कियों के लिए
पाली से बोल रहे है, उनके घर के पास में एक जंगल सा है जहाँ जाने से महिलाएं डरते है | वहां पर आदमी लोग मदिरा पान करते है | वह औरतें कचरा फेंकने जाती है और उनको घुटन सी महसूस होती है उन आदमियों के वजह से | उस रस्ते से लड़कियां स्कूल भी जाते है और वह लोग भी असुरक्षी महसूस करते है | कॉलर चाहते है लड़कियों और औरतों को और डर न लगे और वह बिना हिचकिचाए उस रस्ते पर चल सके |
अनंतपुर कॉलोनी की कविता बोल रहे है की उनके इलाके के बच्चे क्लास 8 के बाद नहीं पढ़ते है क्यूंकि स्कूल बोहोत दूर है और वह छेडख़ानी से डरते है | वहां लड़के दारु पी कर खड़े हो जाते है | स्कूल में भी वह सुरक्षित महसूर नहीं करते है क्यूंकि टीचर से छेड़खानी की डर है और टीचर लोग भेद भाव करते है |
जैतारण से रिंकू बोल रहे है की उनके गाओं से थोड़ा दूर लड़कियां पढ़ने जाती है | वह आने जाने का कोई साधन नहीं है इसकिये उनको पैदल जाना पढता है | लोग वह अपने साइकिल या बाइक से जाते है, और किसी किसी लड़कियों को उनके घरवाले पूछने जाते है | कोई कोई पैदल भी जाते है | लड़किया जाने से डरते है कि कोई उन्हें कुछ कर न दे | और उनके पास में और एक इलाका जहाँ एक बैंक है और वहाँ बूढ़े औरतें काम से जाते है, उनको भी डर लगता है कि कोई कुछ कर न | उनको ज़रुरत होती है पैसो की इसलिए जाती है | उस रास्ते में लोग शराब पी कर बैठे रहते है | औरतें अकेले जाने से डरते है, उनको MGNREGA का फॉर्म जा पैसे के कारन से जाना पढता है और वह बिना झुण्ड बनाये नहीं जा पाते है | सबका काम होता है, और सब लोग एक टाइम पर नहीं जा पाते है इसी कारण बोहोत महिलायों की डेट छूट जाते है | रिंकू जी चाहते है कि इलाका सुरक्षित हो और सब बिना डरे बैंक जा पाये |
फालना थाना से पूनम गोयल बच्चों की शिक्षा के बारे में बोल रहे है | वह बोल रहे है की भारत सरकार ने मुफ्त में बच्चों की पढ़ाई करवा रहे है, पर इसके आलावा भी राजस्थान सरकार के द्वारा भी कदम किये गए है | इस स्कीम के द्वारा आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवार के बच्चो के लिए पहली से आठवीं तक की पढाई बिनमुल्य कर सकते है | यहाँ एडमिशन की प्रक्रिया लाटरी के द्वारा होता है | और जितने भी महात्मा गांधी स्कूल खोले गए है, सब में यह प्रक्रिया चालू है | वह चाहते है की जितने भी ऐसे परिवार है, वह अपने बच्चों की शिक्षा के लिए यह स्कीम ध्यान रखे और बच्चो की पढाई में कोई कमी न रखें |