बुढ़मू प्रखंड में होली पर्व शांति पूर्ण संपन्न हुआ। इस अवसर पर एक दूसरे को रंग अबीर गुलाल लगाकर होली पर्व की शुभ कामनाएं दी गई। प्रखंड के गांवों में बच्चे, बुजुर्ग, नौजवान भी होली में एक दूसरे को रंग अबीर गुलाल लगाकर बधाई व शुभकामनाएं दी।

सबसे पहले एक बड़ा चम्मच सब्जा सीड यानी तुलसी का बीज को एक कप पानी में 15 से 20 मिनट के लिए भींगा के रख देंगे। अब दो कप दूध को एक कढ़ाही में डाले और इसमें एक चौथाई कप दूध का पाउडर डाल दीजिए। अब इसे अच्छे से मिला लेने के बाद गैस को ऑन करिये और मध्यम आंच में लगातार चलाते हुए दूध को गाढ़ा होने देना है। तीन मिनट बाद एक चौथाई कप चीनी मिलाना है। अब तीन से चार मिनट तक दूध को चलाते रहना है। जब दूध में अच्छे से उबाल आ जाए तो गैस बंद कर लें। अब इसे ठंडा होने के लिए रख दें। अब कढ़ाई में एक तिहाई कप साबूदाना डाले और दो कप पानी मिला कर मध्यम आंच में चार से पांच मिनट तक पकने देना है। अब गैस को बंद कर के साबूदाना को अच्छे से पानी मिला कर छान लें। अब दूध ठंडा हो जाने पर उस पर पका हुआ साबूदाना मिला लेना है और जो फल आपको पसंद है उसे काट कर इसमें मिला लीजिये। ध्यान रखियेगा की बहुत ही ज्यादा खट्टा फल का इस्तेमाल नहीं करना है। अब इसमें आप बारीक़ कटा काजू ,बादाम और पिस्ता डालिये और अच्छे से चला लीजिये। अब एक गिलास में सब्जा सीड्स को डाल कर उसमे यह शरबत डाल दीजिये .तैयार है आपका मज़ेदार साबूदाना का शरबत। 

झारखण्ड राज्य के जमशेदपुर से मधुबाला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से थालीपीठ बनाने की जानकारी साझा किया । थालीपीठ एक महाराष्ट्रीयन व्यंजन है। यह अलग-अलग तरह के आटे, सब्जियों से बनती है । इस रेसिपी में चावल का आटा, रागी का आटा, ज्वार का आटा, साबुत गेहूं का आटा, बेसन, पालक, प्याज, हरी मिर्च का उपयोग किया गया है। कड़ाही में थालीपीठ बनाने का एक पारंपरिक तरीका है। लेकिन आप इसे तवे पर भी बना सकते हैं। यह एक बेहतरीन रेसिपी है जिसे आप जब चाहे बना और खा सकते हैं सामग्री - चावल का आटा – 1 कप, ज्वार का आटा – 1 कप, बाजरे का आटा – 1/2 कप, बेसन – 1/2 कप, गेंहू का आटा – 1/2 कप, हल्दी पाउडर – 1/2 ,छोटी चम्मच अजवाइन – 1/2, छोटा चम्मच जीरा – 1/2 ,छोटी चम्मच तिल के बीज – 1 चम्मच, प्याज – 1 बड़े आकार का बारीक कटा हुआ ,पालक – 1/2 कप, धनिया पत्ती – 2 बड़े चम्मच कटी हुई, 2 हरी मिर्च का पेस्ट , हींग – एक चुटकी, नमक – स्वादानुसार, तेल – सेंकने के लिए आवश्यकता अनुसार थालीपीठ बनाने की विधि - सबसे पहले एक बाउल लें और उसमें सभी प्रकार का आटा, नमक, कटा हुआ प्याज, हल्दी पाउडर, अजवाइन, जीरा, कटा हुआ पालक, हरी मिर्च का पेस्ट, हरा धनिया, हींग, तिल डालें और इसे अच्छी तरह से मिलाएं। बहुत नरम आटा बनाने के लिए इसमें थोड़ा पानी डालें। इसके बाद आप इस रेसिपी को दो तरह से बना सकते हैं। अगर आप इसे कढ़ाई में बनाना चाहते हैं तो कढ़ाई में 2 छोटे चम्मच तेल डालें। आटे का एक बड़ा भाग लें। इसे कढ़ाई में डालें और मध्यम मोटी थालीपीठ बनाने के लिए थपथपाएँ। बीच में एक छेद करें। कढ़ाई में इसे मध्यम आंच पर पकने के लिए रख दें। इसे ब्राउन होने तक पकाएं। फिर इसे निकाल लें। दूसरे तरीके के लिए एक केले का पत्ता लें, इसे तेल से ग्रीस कर लें। आटे का एक बड़ा भाग लें। इसे एक पत्ते पर रख कर थपथपा कर मध्यम मोटी थालीपीठ बना लीजिये और इसके बीच में एक छेद करें। फिर एक पैन या तवा गरम करें, इसे तेल से चिकना कर लें। अब केले का पत्ता लें और उसे तवे या पैन पर पलट दें। केले के पत्ते को धीरे-धीरे बाहर निकाल लें।अब थालीपीठ को मध्यम आंच पर पकाएं। जब यह ब्राउन हो जाए तो इसे पलट दें और दूसरी तरफ से भी पकाएं। जब हो जाए तो इसे सर्विंग प्लेट में निकाल लें। आपका स्वादिष्ट थालीपीठ किसी भी तरह के अचार के साथ परोसने के लिए तैयार है।

सबसे पहले सूप बनाने की तैयारी करते है.इसके लिए एक गाजर ,एक प्याज़ ,एक चौथाई पत्ता गोभी को स्लाइसेस में काट लीजिये। एक पतीला में पानी उबलने के लिए गैस पर रख दीजिये ,इसमें कटी हुई सब्ज़ियां ,दो तेज़ पत्ता ,दस से पंद्रह गोलकी ,पांच से छह लांग ,एक छोटा चम्मच विनेगर और एक छोटा चम्मच सोया सॉस डाल लीजिये और अब अच्छे से उबाल आ जाने के बाद पानी को छान कर अलग कर लीजिये। अब इसी पानी में सोया बड़ी को पांच मिनट के लिए उबाल लेना है। ऐसे में सोया बड़ी का स्वाद बढ़ जाता है।  अब सोया बड़ी को छान लीजिये और ठंडा होने के लिए रख दीजिये। ठंडा होने के बाद सोया बड़ी से पानी निचोड़ लीजिये ध्यान रहे की सोया बड़ी को पूरा सुखाना नहीं है। अब सारे सोया बड़ी को दरदरा पीस लीजिये। अब इसे एक बड़ा कटोरा में निकाले और इसमें एक उबला आलू को घिस कर मिला लीजिये। साथ में दो बड़ा चम्मच मक्के का आटा ,एक बड़ा चम्मच लाल मिर्च पाउडर ,एक बड़ा चम्मच काली मिर्च पाउडर ,नमक स्वादानुसार ,एक बड़ा चम्मच प्याज़ का पाउडर ,एक बड़ा चम्मच लहसुन पाउडर,तीन बड़ा चम्मच टोमेटो केचप मिला लीजिये और अच्छे से सभी सामग्री को मिक्स कर लीजिय। अब इस मिश्रण को जाँच लें कि अच्छे से सारी सामग्री बंध रही है या नहीं । अगर अच्छे से मिश्रण नहीं  बंध रहा हो तो आप इसमें थोड़ा और उबला आलू को घिस कर मिला सकते है। अब इस मिश्रण का छोटा छोटा नगेट्स तैयार कर लीजिये ,नगेट्स के लिए आप कोई भी आकर दे सकते है।  अब एक कटोरा में आधा कप मैदा ,स्वादानुसार नमक लीजिये और एक कप पानी मिला कर घोल तैयार कर लीजिये।  अब इस घोल में आपको और मसाले का इस्तेमाल करना है तो आप एक चम्मच कश्मीरी लाल मिर्च और एक चम्मच काली मिर्च का इस्तेमाल कर सकते है।  अब एक प्लेट में एक कप ब्रेड का चुरा ले लीजिये। अब तैयार नगेट्स को मैदा के घोल में डूबा के ब्रेड का चुरा में रोल कर लीजिये .इससे ब्रेड का चुरा से नगेट्स ढक जाएगा। इसी प्रक्रिया से सारे नगेट्स को तैयार कर लीजिये। और इसे 15 मिनट के लिए फ्रिज में रख दीजिये इससे नगेट्स फ्राई होने के बाद कुरकुरा बनता है। जब तक नगेट्स फ्रिज में है तब तक अच्छे से रिफाइंड तेल को कढ़ाही में गर्म कर लीजिये। तेल गर्म होने के बाद थोड़ा थोड़ा कर के नगेट्स को धीमी से मध्यम आंच में डीप फ्राई कर लेंगे।

झारखण्ड राज्य के जमशेदपुर से मधुबाला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से झारखंडी धुस्का बनाने की जानकारी साझा किया । सामग्री- 1 कप चावल,1/2 कप उडद दाल,1/2 कप चना दाल,2 हरी मिर्च,1 चम्मच अदरक,2 चम्मच हरा धनिया,1 चम्मच जीरा,1/4 चम्मच हींग,1/4 चम्मच हल्दी पाउडर,स्वादानुसार नमक ,1/2 चम्मच ईनो फ्रूट नमक :आवश्यकतानुसार तेल तलने के लिए बनाने की विधि - चावल और सभी दालो को अलग अलग अच्छी तरह धो कर 4-5 घंटे के लिए भिगो दे।अब सभी का पानी निकाल कर अच्छी तरह धो ले। चावल को मिक्सर जार मे डाल कर पीस ले। अब चावल के पेस्ट को एक बर्तन मे निकाल ले।अब चना दाल, उडद दाल, हरी मिर्च, अदरक, थोडा पानी डाल कर पीस ले। अब इसको भी चावल वाले पेस्ट मे मिला ले।अब इस बैटर मे जीरा, हींग, हल्दी पाउडर, हरा धनिया, नमक डाल कर अच्छी तरह मिक्स कर ले।बैटर अगर गाढा लगे तो थोडा पानी मिला ले।अब कढाई मे तेल गर्म करे। बैटर को चम्मच की सहायता से तेल में डाले। जब  धुसका तेल में डालेंगे वो ऊपर आ जाएगा।अब इसको पलट दे। धुसके को गोल्डन ब्राउन होने तक फ्राई करे। फिर प्लेट मे निकाल ले।धुसके को आलू टमाटर की सब्जी और चटनी के साथ सर्व करे।

झारखंड राज्य के रांची जिले से अनिका आज मैं आपके साथ मटन स्टू की रेसिपी शेयर करने जा रहा हूं । मटन स्टू बनाने के लिए हमें किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है ? सबसे पहले पाँच सौ ग्राम मटन लें , क्यूब्स में काटें , एक प्याज , क्यूब्स में काटें , दो चम्मच मक्खन , एक चौथाई कप आटा , दो चम्मच नमक और आधा चम्मच चाय लें । एक चौथाई चम्मच काली मिर्च चार कप पानी के किनारे एक चौथाई कप गाजर टुकड़ों में कटा हुआ और एक चौथाई कप आलू टुकड़ों में कटा हुआ ई . जी . फ्रेंच बीन्स को प्रत्येक मेज पर दो या तीन टुकड़ों में काटा जाना चाहिए और एक चम्मच राइफल पाउडर मिलाया जाना चाहिए । आधा चम्मच जायफल कंडुका आधा चम्मच गदा कंडुका चलो आगे बढ़ते हैं । सबसे पहले एक भारी तले वाले पैन में तेल गर्म करें , उसमें प्याज डालें और मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक भूनें । आज इसे तेज़ करें , फिर मटन डालें और लगभग एक मिनट तक भूनें जब तक कि इसका रंग न बदल जाए । आटा जोड़ें और तब तक हिलाते रहें जब तक कि सभी टुकड़े आटे से ढक न जाएं । अब पानी डालें और इसे उबलने दें । पानी डालें और इसे उबलने दें और तब तक उबालते रहें जब तक कि हमारा मटन आधा न हो जाए । उस मटन में हम बीज , आलू , गाजर , नमक , काली मिर्च और जायफल डालेंगे । हमारे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम मटन को नरम होने तक उबालें । सब्जियों को काटकर गर्म रखना चाहिए । रोजेंजः इस तरह से हमारा मटन स्टू तैयार किया जाता है , जिसका स्वाद अद्भुत होता है ।

झारखण्ड राज्य के जमशेदपुर से मधुबाला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मकुटी बनाने की जानकारी साझा किया । मकुटी बिहार की स्पेशल डिश है । यह एक स्वीट डिश है जो शादियों और पर्व- त्योहार में बनाई जाती है ।इसका  टेस्ट में बहुत ही लाजवाब होता है । यह एक तरह मूंग दाल और चावल की खीर है। सामग्री - 1 लिटर फुल क्रीम दूध,3 छोटी चम्मच मूंग दाल,डेढ़ छोटी चम्मच चावल,1 छोटा कटोरी मावा,3 बड़े चम्मच मिल्कमेड,कुछ केसर के धागे,अपनी पसंद के अनुसार के बारीक कटे मेंवे,स्वाद अनुसार चीनी,3 इलायची का पाउडर। बनाने की विधि -सबसे पहले चावल और दाल को पानी में भिगोकर दो-तीन घंटे के लिए रख दें ।अब कुकर में चावल और दाल को डालें और एक कप पानी डालकर हाय फ्लेम पर रख दें। एक सिटी आने के बाद गैस का फ्लेम स्लो कर दें ।5 मिनट पकाएं और गैस बंद कर दें।कुकर ठंडा हो जाने पर पाव भाजी मैशर से या हाथ से अच्छी तरह मैश कर लें ।अब दूध को अच्छी तरह उबाल कर गाढ़ा कर लें ।जब दूध आधे से थोड़ा ज्यादा रह जाए तब उसमें मैश किए हुए चावल दाल डाल दें ।लगातार चलाते हुए पकाएं।अब उसमें केसर के धागे, मावा,मेवे ,मिल्कमेड,स्वादानुसार चीनी और इलायची का पाउडर भी डालें ।मिश्रण को हमें कम से कम 8 से 10 मिनट तक पकाना है। मिश्रण थोड़ा गाढ़ा हो जाने पर गैस बंद कर दें। ऊपर से मेवे डाल कर गार्निश कर लें । थोड़ा ठंडा हो जाने पर फ्रिज में तीन-चार घंटे के लिए रख दें ।फ्रिज में रखने से ये और भी गाढ़ा और स्वादिष्ट हो जाएगा। आप चाहे तो इसे गरमा गरम भी खा सकते हैं। पर ये ठंडी ठंडी बहुत स्वादिष्ट लगती है।

झारखण्ड राज्य के जमशेदपुर से मधुबाला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पोई साग के पकौड़े की जानकारी साझा किया ।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा कृषि में ड्रोन के लाभ तथा उपयोग के बारे में जानकारियाँ दे रहे है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें 

झारखण्ड राज्य के जमशेदपुर से मधुबाला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से चावल और मटर का पीठा बनाने की जानकारी साझा किया । सामग्री - 1/2 किलो चावल का आटा,1/2 किलो मटर,  अदरक छोटा टुकड़ा,2 लहसुन कली,2 चम्मच जीरा,स्वादानुसार नमक,1/2 चम्मच हल्दी,आवश्यकतानुसार हरी मिर्च,2 चम्मच सरसों का तेल विधि - सबसे पहले एक कडाही में चार गिलास पानी डाल कर गरम हो ने दें और फिर जब पानी में उबाल आने पर उसमें चावल का आटा डालकर अच्छी तरह से मिला लें ।फिर गैस को बंद कर दें ।आटा को ढककर रख दें और फिर जब आटा ठंडा हो जाये तो उसे अच्छी तरह से गूंध लें। फिर हम मटर का मसाला तैयार करते हैं ।इसके लिए एक कटोरी में मटर को अच्छी तरह से धो लें। फिर कुकर में एक सिटी डाल कर उबाल लें। पानी से मटर को अलग कर दें और ठंडा होने पर मिक्सी जार में मटर,अदरक, हरा मिर्च, लहसुन और जीरा डालकर अच्छी तरह से पीस लें। अब सभी चीजों को एक कटोरी में निकाल लें ।फ़िर उसमें नमक स्वाद के अनुसार सरसों का तेल हल्दी डालकर मिला लें ।इस तरह से मसाला तैयार हैं।अब हम चावल के आटा की छोटी छोटी लोई बनाकर उसमें मटर के मसाला भरकर गुजिया के आकार में बना लेते हैं ।एक-एक करके सभी को गढ़ लेना है.फिर एक कड़ाही में पानी डालकर अच्छी तरह से गरम कर लें और उसके ऊपर एक स्टीमर वाला बर्तन रख दें और फिर उसमें थोड़ा सा तेल लगा कर चिकनाई कर लें ।फिर उसमें गढ़ा हुआ पीठा को डालकर अच्छी तरह से स्टीम कर लें ।इस तरह से सभी पीठा को बारी-बारी से स्टीम करें ।हमारा पीठा खाने के लिए  तैयार हैं ।आप इसे बैंगन-आलू या गोभी-आलू की सब्जी के साथ खाये ।ये बहुत मजेदार लगता है ।