दोस्तों, इन दिनों जगह—जगह कैंप लगाकर लोगों को कोविड बचाव का टीका लगाया जा रहा है. डॉक्टर्स कहते हैं कि जितने ज्यादा लोगों को टीका लगेगा, हम कोरोना की तीसरी लहर को रोकने में उतने ज्यादा कामयाब होंगे. लेकिन इस बीच वो लोग जो सार्वजनिक स्थानों में बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के बेवजह भीड़ जमा कर रहे हैं... उनसे खतरा महसूस किया जाने लगा है. दोस्तों, हमें बताएं कि आप इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या अपने कोविड बचाव का टीका लगवाया है? अगर नहीं तो क्यों? क्या आपके क्षेत्र में टीकाकरण शिविर नहीं लगाए जा रहे या फिर वैक्सीन की कमी है? क्या आपके क्षेत्र में भी सोशल डिस्टेंस और मास्क का प्रयोग कम हो गया है? क्या आपको भी लगता है कि अब कोरोना का खतरा पूरी तरह से खत्म हो गया है? अगर कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा जताया जा रहा है तो आप इससे बचने के लिए क्या कर रहे हैं? क्या आप भीड़भाड़ वाले इलाके में आने का जोखिम उठा रहे हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

दोस्तों... अपने दैनिक जीवन में कई तरह की कल्याणकारी योजनाओं को पाने के लिए हम और आप सरकारी महकमों के सामने से अक्सर आप चक्कर लगाया करते हैं! कभी राशन कार्ड बनवाने के लिए तो कभी जॉब कार्ड के लिए.. कई बार तो जरूरतमंद अपनी परेशानियों से जूझते रहते हैं और उन्हें ये खबर ही नहीं होती कि सरकार उनकी मदद के लिए कोई खास योजना लेकर आई है.ऐसे में आखिर हम अपनी आवाज़ को उठाएं कहाँ। और हमारी आवाज़ कोई सुनता भी नहीं अगर आपको राशन कार्ड, आधार, जॉब कार्ड, मनरेगा योजना, स्वास्थ्य योजनाओं, बीमा योजनाओं और बैंक से मिलने वाले सरकारी लोन से संबंधित योजनाओं का लाभ लेने में कोई दिक्कत आ रही है, तब भी आप हमसे संपर्क कर सकते हैं. हमारे विशेषज्ञ आपकी दिक्कतों को हल करने का पूरा प्रयास करेंगे. तो सुनना ना भूले मेरी भी आवाज़ सुनो। क्योकि आवाज़ उठाने से ही बात बनेगी और मिलेँगे आपको अधिकार। अपनी आवाज़ उठाने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 और रिकॉर्ड करें अपनी आवाज़

दोस्तों, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन एकोनॉमी की रिपोर्ट कहती है कि मई के दौरान बेरोजगारी दर 12 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि अप्रैल के दौरान यह आंकड़ा 8 फीसदी का था. आंकड़ों को अगर देखें तो इस अवधि में करीब 1 करोड़ लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. जाहिर है कि हालात सुधरने में काफी वक्त लगने वाला है. साथियों, हमें बताएं कि अगर आपको पहले की तरह काम नहीं मिल पा रहा है तो इसकी क्या वजह है? क्या कंपनी और कारखानों के संचालक ज्यादा नियुक्तियां नहीं करना चाहते? क्या वे पहले की अपेक्षा कम वेतन दे रहे हैं और क्या आपको कम वेतन पर काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है? क्या काम मांगने के लिए लिखित आवेदन देने के 15 दिन बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ? क्या मनरेगा अधिकारी बारिश या कोविड का बहाना करके काम देने या किए गए काम का भुगतान करने में आनाकानी कर रहे हैं? दोस्तों, अपनी बात हम तक पहुंचाएं ताकि हम उसे उन लोगों तक पहुंचा सकें जो आपकी समस्या का समाधान कर सकते हैं. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

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दोस्तों, सरकार जिन योजनाओं की घोषणा कर दावा कर रही है कि उससे गरीब परिवार का पेट भरेगा उन पर खर्च भी होता है. तो क्या ये संभव है कि सरकार राशन देने या मिड डे मील के चावल बांटने की बजाए गरीबों के खाते में सीधे पैसे पहुंचा दे? क्या ऐसा करने से व्यवस्थाओं में सुधार की गुंजाइश है या फिर यहां भी दिक्कतें आएंगी? अगर दिक्कतें आ सकती हैं तो वे क्या हैं? क्या कोविड काल के दौरान आपको भी पेंशन, राशन, जॉब कार्ड, टीकाकरण, मिड डे मील जैसी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा? अगर सरकारी पेंशन योजना या फिर सहायता राशि के तौर पर आपके खातों में रूपए पहुंच हैं तो क्या उन्हें निकालने में किसी तरह की परेशानी आ रही है? राशन के बदले पैसे दिए जाने की व्यवस्था में क्या आपके खातों में राशि पहुंचाई गई? अगर नहीं तो बैंक इस संबंध में क्या जवाब दे रहे हैं? सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आ रही दिक्कतों के बारे में हमें बताएं. मोबाइलवाणी के वॉलिंटियर आपकी सहायता करने का पूरा प्रयास करेंगे. अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

साथियों, कहने को तो देश में अनलॉक हो चुका है. सारी गतिविधयां फिर से पटरी पर आ रही हैं पर जो हाशिए पर अब भी है वो है गरीब और उसकी थाली. हालांकि सरकार ने राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 80 करोड़ लोगों तक भोजन पहुंचाने का प्रयास किया है लेकिन अब भी 20 करोड़ से ज्यादा ऐसे लोग हैं जो अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. इन लोगों के साथ दिक्कतें ये हैं कि उनके राशन कार्ड आवेदन प्रक्रिया में उलझे हुए हैं. कई गांवों में राशन डीलरों की मनमानी और भ्रष्ट्राचार की बातें भी सामनें आईं हैं. और ये बातें हमें नहीं, वे लोग कह रहे हैं...जिनका राशन पाना हक है.. तो चलिए उन्ही से सुनते हैं उनकी बातें...

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सरकार योजनायें तो बनाती है। लेकिन क्या सभी लाभुकों को उन योजनाओं का लाभ मिल पाता है .? जिन्हें योजनाओं का लाभ मिलता है क्या उन्हें इस दौरान किसी समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे कई सवाल आपके मन में भी आते होंगे।आपके इन सवालों का बेहतरीन जवाब आपको मिल सकता है।तो देर किस बात की आप अभी रिकॉर्ड करवायें अपनी समस्या और आसानी से उठायें सरकारी योजनाओं का लाभ। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

साथियों, हम कोविड के सबसे विकराल पडाव को पार कर आगे तो बढ रहे हैं पर चुनौतियां हैं कि कम होने का नाम नहीं ले रहीं. खासतौर से मजदूर वर्ग के लिए. मजदूर परिवारों का संघर्ष कोविड काल के दौर में मुश्किल भरा हो गया था और यह दिन पर दिन कठिन ही हो रहा है. इसमें सबसे दुखद तस्वीर जो सामने आई है वो है बाल श्रमिकों की संख्या में इजाफा होना. परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए बहुत बड़ी संख्या में बाल श्रमिक महानगरों का रूख कर रहे हैं. सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें