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दोस्तों, कोरोना की दूसरी लहर धीरे धीरे समाप्त हो रही है। पर इस बार बहुत से लोगो ने अपनों को खोया। कही अस्पतालों में गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगो को सही वक़्त पर इलाज़ नहीं मिल पाया तो कहीं लोगो को कोरोना से सम्बंधित मृत्यु प्रमाण पत्र ही नहीं मिल पाया। क्या आप सब के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है ? -- क्या आपको या आपके आसपास के लोगो को कोरोना के समय उचित इलाज़ मिल पाया ? -- क्या कोरोना से मृत्यु होने पर लोगो को कोरोना से समबन्धित मृत्यु प्रमाण पत्र मिला ? -- क्या आयुष्मान भारत योजना के तहत आपको निजी अस्पतालों में सही इलाज़ मिला ? --- क्या आपको कोरोना से सम्बंधित मुआवजा के बारे में किसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा ? ---क्या आपको कोरोना से जुडी किसी क़ानूनी मदद की ज़रूरत है ? इन मुद्दों पर अपने राय और अनुभव बताने के लिए अभी दबाए नंबर 3 और रेकॉर्ड करे अपनी बात

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की एक नई रिपोर्ट कह रही है कि दुनियाभर में बाल मजदूरों की संख्या में 16 करोड़ नए बच्चों ने इजाफा किया है. यह बीते 4 दशक की सबसे बड़ी बढोत्तरी है. इसके पीछे दो कारण है. पहला, परिवार की आर्थिक स्थितियां खराब हो गईं हैं इसलिए अब परिवार का हर सदस्य अपनी क्षमता के हिसाब से काम की तलाश कर रहा है और दूसरा, स्कूल बंद हैं. और भला...मजदूर के आंगन में खेलता हुआ बच्चा कब किसे अच्छा लगा है.... सो उसे भी काम की आग में झोंका जा रहा है. दिल्ली, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद समेत कई महानगरों में बाल श्रमिकों की संख्या तेजी से बढ़ी है. जो चिंता का विषय होना चाहिए.दोस्तों --बाल मज़दूरी के बारे में आप क्या सोचते है ? -- आखिर क्यों हमें बाल मज़दूरी समाप्त करनी चाहिए ? -- आपके हिसाब से बाल मज़दूरी कारण है ? इस बारे में अपने विचार और अनुभव बताने के लिए अभी दबाएँ अपने फोन में नं 3 और रिकॉर्ड करें अपनी बात 

कोविड की दूसरी लहर का प्रकोप कम होते ही एक बार फिर से जो सवाल मुंह उठा रहा है वह है गरीब की थाली के भोजन का. सरकार ने एलान किया है कि गरीबों को दिवाली तक नि:शुल्क राशन दिया जाएगा पर सवाल ये है कि पुरानी व्यवस्था में भी बहुत से गरीब परिवार भूख से बिलखते रह गए। साथियों, अगर आप भी नि:शुल्क राशन पाने वालों की श्रेणी में आते हैं तो हमें बताएं कि क्या जब से कोविड ने देश में पांव पसारे हैं तब से आपको नियमित रूप से सरकारी राशन मिल रहा है? अगर नहीं तो डीलर राशन देने से मना क्यों कर रहे हैं? जो लोग नया राशन कार्ड बनवाना चाहते हैं क्या उन्हें राशन कार्ड बनवाने में दिक्कतें आ रही हैं? अगर दिक्कतें हैं तो वे क्या हैं और क्या इस बारे में प्रखंड आपूर्ति ​अधिकारी या जिला अधिकारी की लिखित रूप से शिकायत की है? सरकार राशन ना मिल पाने की स्थिति में आप कैसे अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं? क्या कोविड के दौरान आपके परिवार को या आपको राशन ना होने पर भूखे पेट सोना पडा है? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

नमस्कार दोस्तों, कोरोना वायरस का कहर कम होता दिख रहा है, शहर और रास्ते फिर खुलने लगे हैं, लोग अपने काम पर वापस जाने की तैयारी में है. लेकिन इन सबके पीछे एक अहम मसला है...जो छूट रहा है! ये है ग्रामीण स्वास्थ्य की बदहाल व्यवस्था.. जिस पर बात करना इसलिए जरूरी है कि क्योंकि भारत की अधिकांश आबादी अभी भी गांवों में बसती है. जिनकी सेहत वहां के बदहाल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निर्भर है. कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा भयावह स्थिति ग्रामीण इलाकों में बनी. साथियों, हमें बताएं कि आपके गांव के सामुदायिक, प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति कैसी है? क्या वहां दवाएं, चिकित्सक और दूसरा मेडिकल स्टॉफ है? क्या इन केन्द्रों पर पर्याप्त बिस्तर, आॅक्सीजन सिलेंडर और दूसरे जरूरी उपकरण उपलब्ध हो रहे हैं? कोरोना काल के दौरान क्या इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और दूसरी बीमारियों से ग्रसित लोगों को इलाज मिल सका? क्या कोरोनाकाल के दौरान गांव में टीकाकरण का काम प्रभावित हुआ है?अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

दोस्तों, देश का हर शहर, हर गांव... वहां रहने वाले लोग फिर चाहे वो अमीर हो या गरीब... इस वक्त कोरोना की मार झेल रहा है. जो संक्रमित हैं वे जल्द से जल्द ठीक होना चाहते हैं और जो अब तक संक्रमण की चपेट में नहीं आए हैं वे वैक्सीन लगवाकर खुद को सुरक्षित करना चाहते हैं. तो , आप हमें बताएं कि क्या आप भी इनमें से किसी दिक्कत का सामना कर रहे हैं? क्या टीका लगवाने की प्रक्रिया मुश्किल होने के कारण आपने अब तक टीका नहीं लगवाया है? अगर आप फीचर फोन का इस्तेमाल करते हैं या फिर आपके पास मोबाइल नहीं है तो फिर कोरोना टीका लगवाने के लिए किस तरह पंजीयन करवा रहे हैं? क्या पंचायत स्तर पर या फिर मुखिया की ओर से आपको टीकाकरण पंजीयन में किसी तरह की मदद मिल रही है? क्या आप में से ऐसा कोई है, जिसे आधार कार्ड ना होने के कारण टीका लगाने से इंकार कर दिया गया हो? अगर आपने अब तक टीका नहीं लगवाया है तो इसकी क्या वजह है? क्या टीकाकरण केन्द्रों पर टीके उपलब्ध नहीं हो रहे हैं? आपके सामने आ रही परेशानियों के बारे में हमें बताएं फोन में नम्बर 3 दबाकर.

साथियों, संक्रमण फैल रहा है और हमें पहले से ज्यादा सतर्कता की आवश्यकता है. इसके साथ ही जरूरी है कि जल्द से जल्द कोरोना बचाव का टीका लगवा लिया जाए. हम आपसे जानना चाहते हैं कि क्या आपने अब तक कोरोना बचाव वैक्सीन लगवाई है? क्या आपको भी टीकाकरण के पंजीयन में परेशानी आ रही है, जैसे ओटीपी ना आना या फिर सर्वर डाउन होना? क्या आपके क्षेत्र में मोबाइल—इंटरनेट के अलावा पंजीयन का कोई और तरीका है? टीकाकरण अभियान से संबंधित अगर कोई भी परेशानी आ रही है तो उसे मोबाइलवाणी पर रिकॉर्ड करें. हमारे वॉलिंटियर आप तक मदद पहुंचाने का प्रयास करेंगे. अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

दोस्तों, जिन वक्त को हम काट रहे हैं वो किसी भी मायनों में बहुत आरामदेय तो नहीं है पर कोरोना संक्रमण के प्रभाव को कम करने वाली वैक्सीन आ जाने के बाद ये उम्मीद जरूर जगी है कि धीरे—धीरे ही सही पर सब ठीक हो जाएगा. साथियों, हम आपसे जानना चाहते हैं कि क्या आपने कोविड बचाव के दोनो टीके लगवा लिए हैं? अगर हां तो आपका अनुभव कैसा रहा, यानि क्या आपको बुखार या किसी दूसरी शारीरिक दिक्कत का सामना करना पडा? क्या आपके क्षेत्र में बिना रूके टीकाकरण हो रहा है? क्या आपके क्षेत्र के हर वर्ग के व्यक्ति को चाहे वह गरीब हो या अमीर, उसे टीका लगाया जा रहा है? टीका लगाए जाने के बाद डॉक्टर आपको बुखार ना आने के लिए दवाएं दे रहे हैं? टीकाकरण केन्द्र पर सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन, मास्क और सैनेटाइजर का उपयोग और पानी आदि की व्यवस्था है? टीकाकरण से संबंधित अपना अनुभव हमारे साथ साझा करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

साथियों, कोरोना संक्रमण ने देश के हर वर्ग को बुरी तरह प्रभावित किया है. लोग दवाओं और दुआओं दोनों की आस लिए हर रोज जागते हैं और इसी उम्मीद के साथ सोते हैं कि शायद कल सब कुछ ठीक हो जाए. आम जनता को कोरोना के इलाज में किस तरह की परेशनियां आ रहीं है, ये जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

दोस्तों , गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक चिकित्सालय, जिला अस्पताल खस्ताहाल हैं. दवाओं और बुनियादी सुविधाओं की कमी के बीच चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ की भी कमी हो रही है. साथियों, हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में कोरोना का इलाज किस तरह से हो रहा है? यानि आपको किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं? क्या आप भी अस्पताल में बेड ना मिलने की दिक्कत का सामना कर रहे हैं? जो लोग घर पर रहकर कोरोना संक्रमण का इलाज करवा रहे हैं, उन्हें डॉक्टर्स का परामर्श मिल पा रहा है? ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमिडिसेवर इंजेक्‍शन समेत दूसरी दवाओं का इंतजाम आप कैसे कर रहे हैं? अस्पताल प्रबंधन क्यों ये सारी सुविधाएं मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं? क्या आप उस कंट्रोल रूम के बारे में जानते हैं जो प्रखंड और जिला स्तर पर कोविड मरीजों की सुविधा के लिए बनाए गए? क्या आपको इन कंट्रोल रूम से संपर्क में कोई परेशानी आ रही है? अगर हां तो अपनी बात मोबाइलवाणी पर नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें, हमें उसे संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने में आपकी मदद करेंगे.