दोस्तों, केन्द्र सरकार ने 1995 में देश के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना की शुरूआत की थी. पहले यह योजना कुछ चुनिंदा राज्यों और स्कूलों में शुरू हुई, फिर धीरे—धीरे करके गांव कस्बों तक पहुंच गई. लेकिन क्या है इस योजना के फायदे ?और क्यों है इसकी ज़रूरत ? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

दोस्तों, सरकार जिन योजनाओं की घोषणा कर दावा कर रही है कि उससे गरीब परिवार का पेट भरेगा उन पर खर्च भी होता है. तो क्या ये संभव है कि सरकार राशन देने या मिड डे मील के चावल बांटने की बजाए गरीबों के खाते में सीधे पैसे पहुंचा दे? क्या ऐसा करने से व्यवस्थाओं में सुधार की गुंजाइश है या फिर यहां भी दिक्कतें आएंगी? अगर दिक्कतें आ सकती हैं तो वे क्या हैं? क्या कोविड काल के दौरान आपको भी पेंशन, राशन, जॉब कार्ड, टीकाकरण, मिड डे मील जैसी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा? अगर सरकारी पेंशन योजना या फिर सहायता राशि के तौर पर आपके खातों में रूपए पहुंच हैं तो क्या उन्हें निकालने में किसी तरह की परेशानी आ रही है? राशन के बदले पैसे दिए जाने की व्यवस्था में क्या आपके खातों में राशि पहुंचाई गई? अगर नहीं तो बैंक इस संबंध में क्या जवाब दे रहे हैं? सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आ रही दिक्कतों के बारे में हमें बताएं. मोबाइलवाणी के वॉलिंटियर आपकी सहायता करने का पूरा प्रयास करेंगे. अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए लॉकडाउन आखिरी जरिया हो सकता है लेकिन लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हो रहे लोगों के सामने विकल्प के रास्ते बंद होते दिख रहे हैं. हम आपसे जानना चाहते हैं कि जो मजदूर शहरों से गांव लौटे ​हैं उन्हें वहां मनरेगा या दूसरी सरकारी योजनाओं की मदद से रोजगार मिल रहा है या नहीं? सरकार गरीबों के लिए नि:शुल्क राशन का एलान कर चुकी है, क्या आपको इस विषय में जानकारी है? क्या गांव में सरकारी राशन दिया जा रहा है या फिर किसी तरह की समस्या आ रही है? क्या बच्चों को अभी भी सरकारी मिड डे मील योजना के तहत राशन या पैसे दिए जा रहे हैं? अगर नहीं तो आप इसकी शिकायत कहां कर रहे हैं? अपनी परेशानी और बात हम तक पहुंचाएं फोन में नम्बर 3 दबाकर.

तो साथियों, अब तक आप जान गए होंगे कि गाँव के विकास के लिए पंचायतों में समितियों के साथ साथ खुद जागरूक रहना भी बहुत ही आवश्यक है । और हम अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से निभाकर स्थानीय स्वशासन की जड़ें भी मज़बूत कर सकते है । तो आप हमें बताएं कि क्या आपके गाँव में स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना की स्थिति ठीक है साथ ही क्या आपके यहाँ स्वास्थ्य केंद्र सही ढंग से चल रहे है ? क्या आप अपने गांव की समितियों के बारे में जानते है और इन समितियों की बैठक में क्या आप शामिल होते है ? इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।

दोस्तों, ग्राम समितियों का गठन व उनको कार्यशील करना पंचायती राज की सफलता का एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। ग्राम पंचायत में गाँव के विकास का काम सही से हो, यह किसकी जिम्मेदारी है . तो आप हमें बताएं कि ग्राम सभा के बारे में आप कितना और क्या जानते हैं ? क्या आपने कभी अपने गाँव में ग्राम सभा बैठक होते देखी है अगर हाँ तो अपना अनुभव साझा करें! साथ ही क्या आपको लगता है कि ग्रामीणों की ज्यादातर समस्याओं का समाधान ग्राम सभा से हो सकता है? इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।

दोस्तों , जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्राम पंचायत, ग्राम विकास की पहली इकाई है। ग्रामसभा के सदस्य ही ग्राम पंचायत का गठन करते हैं। लेकिन आखिर ये ग्राम पंचायत है क्या ?आज की कड़ी में हमलोग यही जानेंगे। तब तक आप हमें बताइए कि ग्राम सभा के बारे में आप कितना और क्या जानते हैं ? क्या आपने कभी अपने गांव में ग्राम सभा बैठक होते देखी है अगर हां तो अपना अनुभव साझा करें! साथ ही क्या आपको लगता है कि ग्रामीणों की ज्यादातर समस्याओं का समाधान ग्राम सभा से हो सकता है? . इन सवालों के जबाब देने के लिए अभी दबाएं अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन।

कोरोना संकट के बीच देश में करोड़ों गरीब बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें स्कूल बंद होने और सरकारी लेटलतीफी के कारण मिड-डे मील मिलना मुश्किल हो गया है। मोबाइल वाणी के अगस्त -सितंबर 2020 के बीच हुए सर्वे में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। बिहार , उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखण्ड में लॉकडाउन के कारण करीब 63 % बच्चों को मिड डे मील के बदले,सूखा राशन या कोई मौद्रिक सहायता नहीं मिल पाया है।

क्या कोरोना महामारी के कारण लगे लॉक डाउन के दौरान आप भी पोषणहार और मध्याह्न भोजन के लाभ से रह गए हैं वंचित...?? अगर हाँ तो सुने इस ऑडियो को और जाने कैसे हम इन योजनाओं का लाभ इस मुश्किल समय में भी बड़ी आसानी से ले सकते हैं...जागरूकता ही हमें अपने अधिकारों तक पहुँचा सकती है इसलिए सुनना ना भुलें इस जानकारी को।

क्या आप जानते हैं लॉक डाउन में विद्यालय बंद है, लेकिन मध्याह्न भोजन योजना बंद नहीं बल्कि कुछ बदलावों के साथ अब भी हैं संचालित।लेकिन कुछ खामियों और जागरूकता की कमी के कारण कई विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। लेकिन बड़ी ही सरलता से इन कमियों को दूर कर आप मध्याह्न भोजन योजना का लाभ ले सकते हैं। इस योजना से संबन्धित विस्तृत जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी जानकारी को और उठायें योजना का लाभ