दोस्तों, सरकार जिन योजनाओं की घोषणा कर दावा कर रही है कि उससे गरीब परिवार का पेट भरेगा उन पर खर्च भी होता है. तो क्या ये संभव है कि सरकार राशन देने या मिड डे मील के चावल बांटने की बजाए गरीबों के खाते में सीधे पैसे पहुंचा दे? क्या ऐसा करने से व्यवस्थाओं में सुधार की गुंजाइश है या फिर यहां भी दिक्कतें आएंगी? अगर दिक्कतें आ सकती हैं तो वे क्या हैं? क्या कोविड काल के दौरान आपको भी पेंशन, राशन, जॉब कार्ड, टीकाकरण, मिड डे मील जैसी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा? अगर सरकारी पेंशन योजना या फिर सहायता राशि के तौर पर आपके खातों में रूपए पहुंच हैं तो क्या उन्हें निकालने में किसी तरह की परेशानी आ रही है? राशन के बदले पैसे दिए जाने की व्यवस्था में क्या आपके खातों में राशि पहुंचाई गई? अगर नहीं तो बैंक इस संबंध में क्या जवाब दे रहे हैं? सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आ रही दिक्कतों के बारे में हमें बताएं. मोबाइलवाणी के वॉलिंटियर आपकी सहायता करने का पूरा प्रयास करेंगे. अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.