नव वर्ष और नयी उम्मीदें इसी के साथ लोग प्रवेश करेंगे नए साल में। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी खबर को।

Transcript Unavailable.

नए साल में नए उम्मीद के कार्यक्रम शामिल हुए मोबाइल वाणी के नियमित श्रोता और अपनी बताई उम्मीदे अपनी जुवानी

Transcript Unavailable.

साल 2020 शुरू होने वाला है. जो काम इस साल अधूरे रह गए हैं, वे नए साल में पूरे होने की उम्मीद है. जनता की रिपोर्ट चर्चा मंच पर इस बार का विषय है— नया साल, नया संकल्प, नया बदलाव. सुनने के लिए सूने ऑडियो...

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है. यही वो वक्त है जब लोग परिवार के साथ बैठकर तरह—तरह के पकवान खाना पसंद करते हैं और जब पकवान की बात हो तो प्याज, टमाटर और आलू का होना बहुत जरूरी है. लेकिन जिस तरह से इनके दाम आसमान पर पहुंच गए हैं उससे उम्मीद कम ही है, कि लोग इस बार चटपटे व्यंजनों का लुत्फ उठा पा रहे होंगे। वहीं दूसरी ओर किसानों के हाथ अब भी खाली हैं। यानि आम जनता महंगे दामों पर प्याज और बाकी सब्जियां खरीद रही है लेकिन उसका मुनाफा किसानों को नहीं मिल रहा है। दोनों पक्षों की समस्याओं को सामने लाने के लिए मोबाइलवाणी ने इस बार जनता की रिपोर्ट चर्चा मंच पर— महंगे प्याज—टमाटर, क्या सूख पाएंगे किसानों के आंसू!, विषय पर बात की। जहां आम आदमी से लेकर किसानों और व्यापारियों ने भी अपनी राय रखी।अगर आप भी इस विषय पर अपना पक्ष रखना चाहते हैं तो अपनी बात हमारे साथ साझा करें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नम्बर तीन। इसके साथ ही अन्य रोचक जानकारियों के लिए सुनते रहें मोबाइलवाणी एप।

विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। आवक में आई कमी

प्याज महँगा होने का लाभ किसानों को नहीं बल्कि बड़े व्यापारी वर्ग को ही मिलता है। किसान तो फसल होने के बाद व्यापारियों को बेच देता है। लेकिन व्यापारी और बिचौलियों को इसका बहुत बड़ा लाभ मिल जाता है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।