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बारिश नहीं होने से धान की रोपनी नहीं हुई है इसलिए जिले को सुखाड़ क्षेत्र घोषित कर किसानों को सरकार द्वारा अनुदान दी जाए ताकि किसान द्वारा लगाए गए उन्हीं को वापस कर सकें

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता करुणा सिंह ने एक दीदी से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने बताया की वो कोरोना टीका का दोनों डोज ले चुकी हैं।उन्होंने जानकारी दी की वो बूस्टर डोज अभी नहीं लगवा हैं। टीका लेते वक्त उन्हें किसी भी प्रकार का कोई डर नहीं लगा। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

मोबाइल वाणीसंवाददाता संवाददाता कंगना से बता रही है कि सिमुलतला थाना क्षेत्र के कनौदी पंचायत वार्ड नंबर 2 3D गांव के आदिवासी समुदाय आज भी स्वास्थ्य शिक्षा और जल के लिए तरस रहे हैं जिसके कारण धान की फसल नहीं हो पाती है जबकि स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है साथ ही साथ उनके गांव में एक नवीन प्राथमिक विद्यालय है जिस विद्यालय में आदिवासी समुदाय के बच्चे अपनी पढ़ाई करते हैं और फिर अपनी पढ़ाई को बंद कर देते क्योंकि गांव से विद्यालय की दूरी काफी अधिक है इसके कारण बच्चे वहां तक नहीं पहुंच पाते हैं

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिवगंत नेता स्वर्गीय नरेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके पैतृक गांव जमुई जिले के खैरा प्रखंड के पकरी गांव पहुंचे, तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दी श्रद्धांजलि। विस्तारपूर्वक खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें

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सिमुलतला थाना क्षेत्र के कनौदी पंचायत के गरीबी वार्ड नंबर 2 आदिवासी टोला के लोग बता रहे हैं कि हम लोगों के पास मनरेगा मजदूर कार्ड है लेकिन मनरेगा का काम जेसीबी से करा लिया जाता है जिसके कारण हम लोगों को काम नहीं मिल रहा है अगर मनरेगा के तहत हम लोगों को काम दिया जाता है तो हम लोगों के साथ बेरोजगारी नहीं होती

आदिवासी समुदाय के महिला पुरुष सुबह होते ही जंगलों की ओर चले जाते हैं और जंगल से सूखी लकड़ी और शकुनि का पत्ता ला करके वह पत्तल बनाती है और अपने नजदीकी बाजार में जाकर बेचती है जिससे उसका गुजर बसर हो रहा जबकि सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं लेकिन इन योजनाओं का लाभ आदिवासी समुदाय तक नहीं पहुंच रहा है

करौली पंचायत के जरूरी वार्ड नंबर 2 की आदिवासी महिलाएं बता रही है कि वह जंगलों से पत्ते तोड़कर रहती है और पत्थर बनाकर उसे बाजार में भेजती है तब उसे परिवार चलाना पड़ रहा है ऐसी स्थिति में अगर सरकार उन्हें स्वरोजगार द्वारा कार्ड मुहैया करा दिया जाता है तो शायद उसे ₹6000 सालाना मिल जाता है