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हिट एंड रन कानून की बात आते ही ड्राइवर में मचा खलबली अगर चालक द्वारा कोई घटना होती है तो चालक को 10 साल की सजा और सात लाख रुपए का जुर्माना भुगतान करना होगा जो यह बात ड्राइवर को मनाना नहीं है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुने
बिहार राज्य के जिला जमुई से मुख्तेश्वर पांडेय , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि हिट एंड रन के मामले में वाहन चालकों पर लगाए गए कानूनी प्रावधानों से उपजे संकट पर बाते चल रही है जो कहीं न कहीं सही भी लगता है। इस मामले में सरकार कह रही है की यदि वाहन चालाक किसी व्यक्ति को ठोकर मारकर भागता है तो उसे सात लाख और दस साल की सजा सुनाई जाएगी। वाहन चालकों को कहा जा रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को हॉस्पिटल तक पहुंचाया जाये। और इसी बात को लेकर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने हड़ताल कर दी। इसका परिणाम यह हुई की जरूरी सेवायें ठप हो गई। खाने पिने की चीज़े से लेकर पेट्रोल आदि कि सप्लाई बंद हो गई और इसका असर आम लोगों पर पड़ रहा है। एसा इसीलिए हुआ की इस सम्बन्ध में कानून बनाने से पहले लोगों की राय नहीं लिया गया। सरकारों को भी सोच समझ कर कानून बनाना चाहिए।
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बिहार राज्य के जिला गिद्धौर से निशा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि सलोनी मरांडी दसवीं कक्षा की छात्रा है जो उद्योगित हाई स्कूल केवल में नामांकित है और दो साल से यानी नौवीं कक्षा से हर दिन स्कूल जा रही है । उन्हें अभी तक सरकार का साइकिल भत्ता , पोशाक भत्ता और छात्रवृत्ति नहीं मिली है । जब वह प्रधानाध्यापक के प्रति अपने अधिकार के लिए आवाज उठाती है , तो उसे प्रताड़ित किया जाता है , डांटा जाता है , और उनमें से एक भी सलोनी नहीं है । बल्कि , ऐसे कई छात्र हैं जो अभी तक स्कूल द्वारा दी जाने वाली सरकारी योजनाओं से लाभान्वित नहीं हुए हैं । बच्चों का कहना है कि सरकारी स्कूल में उचित शिक्षा नहीं है , शिक्षक देर से आते हैं और तुरंत जाते हैं , जिससे बच्चों पर अनुशासन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है । वह एक महादलित आदिवासी परिवार के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने की उम्मीद के साथ अपने बच्चों को एक सरकारी स्कूल में दाखिला देता है । ताकि वह अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके , वह स्कूल में सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सके , क्योंकि महादलित लोगों के पास उतना पैसा नहीं है । क्योंकि वह अपने बच्चों को अच्छी कोचिंग भी नहीं दे पा रहे हैं , जिसकी वजह से महादलितों के बच्चे अभी भी प्राथमिक स्तर पर जा रहे हैं ।
गिद्धौर से हमारे एक स्त्रोता बता रहे हैं कि ग्रामीण सड़क का हालत बदतर हो गई है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पुरी जानकारी सुनें
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गिद्धौर प्रखंड के अंतर्गत पांडे ठीका के 65 वर्षीय बुजुर्ग को नहीं मिलता है वृद्धा पेंशन अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुने
जमुई के बनाडीह से अभिषेक ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि इनका एटीएम नहीं आया। एक माह हो गया है आवेदन किये हुए साथ ही पैन कार्ड भी अब तक नहीं आया है
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