किशोर पंडित अपने खेतों में मनरेगा के तहत वृक्षारोपण करना चाहते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के ग्राम केवाल से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विकास कुमार से हुई। विकास कहते है कि यह जानते थे कि ब्लॉक से मनरेगा के तहत पौधा मिलता है पर इसको लेकर जागरूकता नहीं थी। इनके गाँव में गिद्धौर मोबाइल वाणी का बैठक हुआ जिसमे मोबाइल वाणी के कार्यकर्ताओं द्वारा मनरेगा के तहत मिलने वाला पौधा की जानकारी दी गई और सुविधा देने तथा पौधा उपलब्ध करवाने की बात की गई। मोबाइल वाणी की सहायता से इन्होने पिछले साल 200 पौधा लगाया और इस साल 200 पौधा लगाया। जिसमे कुछ पौधा हाइब्रिड है। 120 रुपया पौधा लगाया है। इस वर्ष 20 -22 हज़ार रूपए तक का पौधा लगाया है। इन्होने सरीफा , आम ,सागवान ,अमरुद जैसे फ़लदार व अच्छी लड़की वाला वृक्ष लगाया है। मोबाइल वाणी के माध्यम से इनके गाँव के पांच व्यक्ति जागरूक हुए और पौधारोपण किया है। मोबाइल वाणी समुदाय में अच्छा काम कर रहा है। सरकारी लाभ जितना भी मिल रहा है ,उसमे मोबाइल वाणी का अहम भूमिका है।
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बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता नागमणि धोबघट क्षेत्र के निवासी शिक्षक पंकज कुमार से बातचीत की जिसमें पंकज ने जानकारी दी कि नौकरी के अवसर कम हैं और इन्हीं अवसरों में महिलाओं को भी नौकरी तलाशनी पड़ रही है। इसके साथ ही असुरक्षा के कारण महिलायें नौकरी के लिए आगे नहीं आती हैं। अगर महिलाओं को सुरक्षा और सही नीति मिले तो वो जरूर नौकरी के लिए आगे आयेंगी। महिलाओं को अपना जीवन सुरक्षित लगेगा और उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जायेगा तो महिला जरूर नौकरी के लिए आगे आयेंगी। आज महिलायें हर क्षेत्र में आगे हैं। अगर महिलाओं को थोड़ा समर्थन और सुरक्षा मिले तो स्थिति इससे भी बेहतर हो सकती है
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन कोल्हुआ पंचायत क्षेत्र के निवासी पशुराम से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलायें आर्थिक दृष्टिकोण से कमजोर इसलिए रहती हैं। क्योंकि उनका ज्यादा असमय अपने घर - परिवार को सँभालने में जाता है। महिलायें इस बात पर ध्यान नहीं दे पाती हैं की वो भी आर्थिक रूप से मजबूत रहे। पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को आर्थिक आजादी नहीं होती है। इसका कारण है की महिलाओं को कमजोर समझा जाता है। लेकिन अगर महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हक मिले और उन्हें परिवार का सहयोग प्राप्त हो तो बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अधिकारों के साथ महिला का मनोबल बढ़ेगा उनमें कुछ करने की हिम्मत आयेगी। महिलायें खुद आत्मनिर्भर होंगी और अपने बच्चों का भविष्य भी अच्छा बना पायेगी। इसलिए घर के पुरुषों को अपनी घर की महिला को आगे बढ़ने में सहयोग करना चाहिए
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता नागमणि साव ने जामती देवी से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि समाज में पुरुषों को अधिकार ज्यादा दिया जाता है। अगर महिलाओं को भी अधिकार दिया जाये तो बदलाव देखने को मिल सकता है
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता नागमणि साव ने कोल्हुआ पंचायत निवासी मंजु देवी से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि समाज में पुरुषों को अधिकार ज्यादा दिया जाता है। घर का खर्च पुरुष ही देखते हैं और करते हैं। महिलाओं को पैसे खर्च करने की आजादी नहीं होती है। अगर महिलाओं को भूमि अधिकार दिया जाए तो महिला उसमे खेती कर आत्मनिर्भर बन सकती हैं। जिससे समाज में बदलाव नजर आ सकता है
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बिंदु देवी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान बिंदु ने बताया की महिलाओं के मुकाबले पुरुष का अधिकार ज्यादा है। महिला को अगर संपत्ति का अधिकार दिया जायेगा तो महिलाएं आत्मनिर्भर हो का खेती कर पाएंगी और अच्छे से परिवार चला पाएंगी
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता नागमणि साव ने कोल्हुआ पंचायत निवासी से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि आर्थिक दृष्टिकोण से महिलायें बहुत कमजोर होती हैं। क्योंकि उन्हें घर से निकलने की आजादी नहीं होती है। आज भी पुरुष प्रधान समाज महिला को घर में ही रखते हैं।महिलाओं को अचल संपत्ति का भी हक़ नहीं दिया जाता है। महिला पुरुष के डर से अपना अधिकार भी नहीं मांगती है। क्योंकि महिलायें कम पढ़ी लिखी होती है, तो पुरुष महिला को कम महत्व देते हैं। महिलाओं को भूमि पर अधिकार मिलेगा तो महिलाएं खेती और व्यवसाय कर के आत्मनिर्भर होंगी। इससे एक अच्छा बदलाव देखने को मिल सकता है