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बिहार राज्य के नालंदा जिला से मीना देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम कहा कि होली हिन्दुओं का पर्व है और यह साल में एक बार ही आता है। इस होली में महिलायें अपने अपने घरों में पकवान बनती है। साथ ही बच्चे रंग और अबीर के साथ खेलते है। बड़े बुजुर्ग लोग गीत संगीत का कार्यक्रम कर होली का आनंद लेते है। मीना देवी कहती है कि कुछ लोग ऐसे है जो होली को बेरंग करने में लगे है। कुछ लोग शराब का सेवन कर गाली गलौज करना, मारपीट करना और आपराधिक घटनाओं को अंजाम देना ये सभी होली के रंग को बेरंग कर रहे है। मीना देवी ने कहा कि इस बार पुलिस प्रशासन की कड़ी निगरानी के साथ कोई भी घटना करते हुए पकड़ाते है, तो उन पर कार्रवाई होगी।

बिहार राज्य के गिद्धौर जिला से संवाददाता रंजन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कहा कि हमारे समाज में सभ्यता और असभ्यता सबसे बड़ी चीज है। रंजन ने कहा कि आज के समय में सभ्य समाज के लोग अपने से बड़ो का आदर करते है और साथ ही साथ असभ्य समाज के लोग बड़े तो बड़े छोटो का भी आदर नहीं करते है। हमरे देश में होली को प्रेम और भाई चारगी का प्रतिक माना जाता है। संवाददाता ने कहा कि पहले के समय में हमारे समाज में लोग फाल्गुन माह में गीत संगीत और भाई चारगी के साथ होली मनाते थे। पहले के समय में होली में लोग एक गाँव से दूसरे गाँव में जाकर गीत संगीत का कार्यक्रम रखते थे। लेकिन अभी के समय में कुछ लोगो ने इस होली को हुड़दंग बना कर रख दिया है। संवाददाता ने कहा कि अभी के समय में लोग होली नशीले पदार्थ का सेवन और कपड़े फाड़ने का रीति रिवाज बना दिया गया है। इस कारण से समाज में तनाव उत्पन होना शुरू होने लगता है और होली के सरे मजे को किरकिरा कर देता है। संवाददाता ने कहा कि आज के समाज में यह भी देखा जा रहा है कि हमारे समाज के कुछ लोग होली की सभ्यता को भूल कर असभ्यता का इस्तेमाल कर रहे है और गीत संगीत के जगह अभद्र संगीत का प्रयोग कर रहे है। यह ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है।ऐसा न हो की आने वाले समय में यह सब चीज धीरे धीरे विलुप्त हो जाए।

एक तरफ़ तो हम रोते हैं कि अगले दो-ढाई दशक के बाद हम पानी की बूंद-बूंद को तरसेंगे.मगर आज नदी-नालों-झीलों-बारिश की शक्ल में जो मीठा पानी उपलब्ध है उसे हम साफ़ करके महफ़ूज़ और जमा करने की बजाय उसमें दुनियाभर का गंद घोल रहे हैं और चीख़ भी रहे हैं कि हाय! हाय! हमारा पानी किसने ज़हरीला कर दिया.सब कहते हैं सिंधु नदी पाकिस्तान की जीवनरे खा है. सिंधु में तिब्बत से लेकर नीचे तक कम से कम आठ छोटे-बड़े दरिया और सैकड़ों नाले गिरते हैं.सबको मालूम है कि सिंधु दरिया ना हो तो पाकिस्तान रेगिस्तान हो जाए.जहां तक धरती और दरिया से अच्छे व्यवहार की बात है तो इसमें भारत हो या पाकिस्तान दोनों तरफ़ एक जैसी हरकतें हो रही हैं.भारतीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड कहता है कि गंगा और नर्मदा समेत देश के 445 में से 275 दरिया इतने प्रदूषित हो चुके हैं कि उनका पानी इंसानों के पीने के लायक़ नहीं. और कावेरी नदी के पानी से तो कई इलाक़ों में खेतों की सिंचाई भी ख़तरनाक हो चली है