बिहार राज्य के गिद्धौर जिला से संवाददाता रंजन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कहा कि हमारे समाज में सभ्यता और असभ्यता सबसे बड़ी चीज है। रंजन ने कहा कि आज के समय में सभ्य समाज के लोग अपने से बड़ो का आदर करते है और साथ ही साथ असभ्य समाज के लोग बड़े तो बड़े छोटो का भी आदर नहीं करते है। हमरे देश में होली को प्रेम और भाई चारगी का प्रतिक माना जाता है। संवाददाता ने कहा कि पहले के समय में हमारे समाज में लोग फाल्गुन माह में गीत संगीत और भाई चारगी के साथ होली मनाते थे। पहले के समय में होली में लोग एक गाँव से दूसरे गाँव में जाकर गीत संगीत का कार्यक्रम रखते थे। लेकिन अभी के समय में कुछ लोगो ने इस होली को हुड़दंग बना कर रख दिया है। संवाददाता ने कहा कि अभी के समय में लोग होली नशीले पदार्थ का सेवन और कपड़े फाड़ने का रीति रिवाज बना दिया गया है। इस कारण से समाज में तनाव उत्पन होना शुरू होने लगता है और होली के सरे मजे को किरकिरा कर देता है। संवाददाता ने कहा कि आज के समाज में यह भी देखा जा रहा है कि हमारे समाज के कुछ लोग होली की सभ्यता को भूल कर असभ्यता का इस्तेमाल कर रहे है और गीत संगीत के जगह अभद्र संगीत का प्रयोग कर रहे है। यह ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है।ऐसा न हो की आने वाले समय में यह सब चीज धीरे धीरे विलुप्त हो जाए।