उत्तरप्रदेश राज्य के बदायू से अरूण मीणा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे कि आज एक मजदूर दूसरे मजदूर को धोखा देने में लगा हुआ है। हम केवल अपने बारे में सोच सकते हैं, सरकार हमारे बारे में सोचेगी, लेकिन हम अपने बारे में सोचते हैं। एकता में बहुत ताकत है। कौन सा नेता है जो हमारी बात नहीं सुनता है और हमारी बात नहीं सुनता है, लेकिन हम क्या करते हैं जब हमें कुछ समझ में नहीं आता है, तो एक नेता हमारा उपयोग करता है, यानी एक विपक्षी दल हमारा उपयोग करता है। सरकार के खिलाफ हम तोड़फोड़ के आदी हैं, हमारे देश में दंगे होंगे, अगर हम एकजुट हुए तो कोई भी सरकार हमारे अधिकार नहीं छीन सकती, चाहे कोई भी सरकार आए,

उत्तरप्रदेश राज्य के बदायू से अरूण मीणा मोबाइल वाणी के माध्यम से मजदुर दिवस की शुभकामनाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम सभी मजदूर हैं मतलब कि मजदूर का मतलब है कि जो व्यक्ति श्रम करता है वह मजदूर है, कोई छोटा मजदूर है, कोई दुनिया का बड़ा मजदूर है। हर चीज हर व्यक्ति एक मजदूर है, चाहे वह महिला हो या पुरुष, हम सभी मजदूर हैं, यानी हम सभी काम करते हैं, कोई कम काम करता है, कोई अधिक काम करता है, जिस तरह से एक इंजीनियर काम करता है, पहले वह पढ़ाई करता है, यानी वह काम करता है, फिर अपने पैर रखता है, फिर वह इंजीनियर बन जाता है, डिग्री प्राप्त करता है, फिर वह वहां काम करता है, कोई गंभीरता से काम करता है, कोई दिमाग से करता है।

महाराष्ट्र के जिला नागपुर से आदर्श श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि मजदुर की वजह से ही देश का विकास संभव है।

महाराष्ट्र के जिला नागपुर से आदर्श श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि राज्य सरकार मजदूरों को अनदेखा कर रही है

महाराष्ट्र के जिला नागपुर से आदर्श श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि राज्य सरकार मजदूरों पर ध्यान नही दे रही है

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महाराष्ट्र के जिला नागपुर से आदर्श श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि मजदुर की वजह से ही देश का विकास संभव है

महाराष्ट्र के जिला नागपुर से आदर्श श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि आज का दिन मजदूरों के नाम पर है, लेकिन मजदूरों की स्थिति को देखते हुए देश की प्रगति और देश की सत्तारूढ़ सरकार यही बता रही है। यह श्रम दिवस उन श्रमिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो वर्तमान में अपने किसी न किसी कार्य में लगे हुए हैं, जो श्रमिकों की प्रगति को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। जिस तरह से कुछ मजदूरों ने यहां अपनी विचारधारा के माध्यम से पुराने आंदोलन को आगे बढ़ाने की कोशिश की है मजदूर वे श्रमिक हैं जिनकी प्रगति के लिए इस देश में एक ओर देश की राज्य सरकार या सरकार को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है, तो दूसरी ओर श्रमिकों के लिए बड़े-बड़े चुनाव हैं। समय पर दावे, वादे, लेकिन ये निर्णय मजदूरों को अधिकांश नौकरियां प्रदान करने में विफल रहे हैं। साथियों, मजदूर भी हैं, इसलिए देश में बड़ी-बड़ी इमारतें हैं। देश में बहुत काम है, देश का विकास है, लेकिन जो प्रगति मजदूरों के नाम पर है, जो कर्तव्य है, जो काम है, जो रोजगार है, जो कुछ भी मजदूरों के नाम पर है, जो सरकार यहां शासन करती है, उसे अपना नाम मिला है। यह सब कर रहा है और यह सब विकास को व्यक्त करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मजदूरों के बिना बड़े घर नहीं बन सकते हैं, बड़ी इमारतें नहीं बन सकती हैं, बड़ी इमारतें नहीं बन सकती हैं, लेकिन आप जिन घरों में रह रहे हैं, वे अक्सर मजदूरों के नाम पर होने चाहिए।

मध्यप्रदेश राज्य से हमारे एक श्रोता श्रमिक वाणी के माध्यम से सभी श्रोताओं को हार्दिक शुभकामनाएँ दे रहे हैं कि

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