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हमारे एक श्रोता साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं की कार्यस्थल में चार अंक के पी.एफ नंबर दिया हैं। इसके द्वारा पी.एफ निकाली जा सकती हैं
बिलाल मस्जिद गली न. 10 से मोहम्मद शाहनवाज़ साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से साझा मंच से जुड़ने हेतु जानकारी चाहते हैं।
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साझा मंच से जुड़ने की इच्छा जताने के लिए आपका धन्यवाद, जो निस्वार्थ भाव से श्रमिक बंधुओं को अधिकारों के प्रति जागरुक करने और उनके मुद्दों को बड़े स्तर पर सामने लाने के प्रयास में जागरुका फैलान के लिए हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं, हम उनसे संपर्क करते हैं। हमारी टीम जल्द ही आपसे संपर्क करेगी।
Sept. 11, 2018, 12:45 p.m. | Tags: int-PAJ
बिलाल मस्जिद के पास गली न. 10 से मोहम्मद शाहनवाज़ साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बरसात के मौसम में वायरल फ़ैल रहा हैं जो आज के समय में जानलेवा भी साबित हो रहे हैं । सड़कों में जगह जगह गडढे में जल-जमाव के कारण वायरल का प्रकोप बढ़ गया हैं साथ ही चिकनगुनिया एवं डेंगू के प्रकोप भी फ़ैल रहा हैं।
1. भारत में न्यूनतम वेतन से कम मिल रही सैलरी, सख्ती से लागू हो वेतन कानून : ILO :-- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के मुताबिक पिछले दो दशक से भारत में वेतन और असमानता की समस्या बनी हुई है। महिला-पुरुष, नियमित-अनियमित और शहरी-ग्रामीण सभी मामलों में असमानता बरकरार है। आईएलओ की ओर से जारी की गई 'इंडिया वेज रिपोर्ट' के मुताबिक में ग्रामीण इलाकों में अनियमित वर्कर के तौर पर काम करने वाली महिलाओं का वेतन देश में सबसे कम 104 रुपए रोजाना है। उन्हें शहरों में संगठित क्षेत्र के पुरुषों की तुलना में सिर्फ 22 फीसदी वेतन मिलता है। इसमें ये भी कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के कारण गरीबी में कमी आर्इ है। उद्योग आैर सर्विस सेक्टर में श्रमिकों के अनुपात में रोजगार के क्षेत्र में हल्का बदलाव ही आया है। 47 प्रतिशत मजदूर अब भी कृषि क्षेत्र में ही काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि 1990 में राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन लागू किया गया था जिसे 2017 में बढ़ाकर 176 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया था। लेकिन इसे कानूनन बाध्य नहीं बनाया गया है। हालांकि 1970 से ही इसे कानूनी तौर पर बाध्य बनाने पर लगातार चर्चा हो रही है। आईएलओ ने सभी कर्मचारियों को लीगल कवरेज देने, न्यूनतम वेतन का ढांचा आसान बनाने और प्रभावी कदम उठाने की बात कही है। 2. चीनी उत्पादों के बढ़ते आयात पर संसदीय समिति ने जताई चिंता, सरकार से की घरेलू इंडस्ट्री को सुरक्षा देने की मांग:-- सस्ते और कम गुणवत्ता वाले चीनी माल की देश में बढ़ती डंपिंग और उससे घरेलू उद्योग को होने वाले नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने सरकार से किसी भी तरह के अवैध, संरक्षणवादी और अनुचित व्यापार व्यवहार के समक्ष घरेलू उद्योगों को पूर्ण सुरक्षा देने की सिफारिश की है। स्थायी समिति ने अमेरिका और यूरोपीय संघ का उदाहरण देते हुए कहा है कि ये देश अपने घरेलू उद्योगों को होने वाले नुकसान और रोजगार के अवसर घटने पर काफी सक्रिय होकर कदम उठा रहे हैं। इसे देखते हुए समिति का मानना है कि भारत सरकार को भी घरेलू उद्योगों के हित में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत उपलब्ध रक्षात्मक उपायों का अधिक सक्रियता के साथ उपयोग करना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार 2007-08 में चीन के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार जहां 38 अरब डॉलर था, वहीं यह 2017-18 में बढ़ कर 89.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वर्ष 2013-14 में देश के कुल आयात में चीन से होने वाले आयात का हिस्सा 11.6 प्रतिशत था, जो कि 2017-18 में तेजी से बढ़कर 16.6 प्रतिशत पर पहुंच गया। इसका रोजगार के अवसरों को भी नुकसान हुआ है। इनमें कपड़ा उद्योग के अलावा सौर ऊर्जा उद्योग प्रमुख है, जो तेजी से बढ़ रहा है।
1. नगड़ी में डीबीटी स्कीम फेल, देश में सबसे पहले हुई थी शुरुआत, बैकफुट पर आई झारखंड सरकार :-- झारखंड में जनवितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न वितरण योजना में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना का प्रयोग फेल हो गया है। अब पूर्व की भांति पीडीएस दुकानों से खाद्यान्न का वितरण अनुदानित दर पर किया जाएगा। रांची के नगड़ी प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तहत खाद्यान्न वितरण में डीबीटी के प्रयोग को लागू किया गया था, इसे पहल का नाम दिया गया था। नगड़ी देश का पहला प्रखंड था जहां डीबीटी के माध्यम से अनाज वितरण का काम शुरू हुआ था। बता दें कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को व्यवहारिक दिक्कतों का हवाला देते फिलहाल डीबीटी व्यवस्था को समाप्त करने का अनुरोध किया था, जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया है। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अपर सचिव विनय कुमार राय ने इस संदर्भ में बकायदा रांची जिले के उपायुक्त को पत्र लिखकर सूचना दी है। 2. मिस कॉल पर पता करें पीएफ अकाउंट बैलेंस :-- अब आप सिर्फ एक मिस्ड कॉल देकर अपने पीएफ अकाउंट की सारी डिटेल मोबाइल पर जान सकेंगे. EPFO ने ये (011-22901406) नंबर जारी किया है. आपको सिर्फ अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से इस पर मिस्ड कॉल देनी होगी. जैसे ही आप इस नंबर पर कॉल करेंगे, कुछ रिंग के बाद फोन कट जाएगा और कुछ सेकेंड में खाते की पूरी जानकारी मैसेज के जरिये आपके फोन में पहुंच जाएगी. मिस्ड कॉल के अलावा SMS के जरिये भी PF बैंलेंस चेक कर सकते हैं. इसके लिए EPFO ने नंबर जारी किया है. इसके लिए भी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 7738299899 पर SMS भेजना होगा. जैसे ही आप SMS करेंगे, वैसे ही ईपीएफओ आपको आपके पीएफ योगदान और बैलेंस की जानकारी भेज देगा. 3. सिम फर्जीवाड़े पर रोक, UIDAI की नई योजना के तहत आधार के फोटो से लाइव फोटो का मिलान करना होगा संभव:-- भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने व्यक्ति की पहचान के सत्यापन की एक अतिरिक्त विधि के अंतर्गत फोटो का चेहरे से मिलान करने की सुविधा चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की घोषणा की है। यह सुविधा पहले दूरसंचार सेवा कंपनियों के साथ 15 सितंबर को शुरू की जा रही है। प्राधिकरण ने इससे पहले चेहरा पहचानने का फीचर एक जुलाई से लागू करने की योजना बनाई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर एक अगस्त कर दिया गया था।इसके तहत मोबाइल सिम कार्ड के लिए आवेदन के साथ लगाए गए फोटो का मिलान संबंधित व्यक्ति के आमने-सामने लिए गए फोटो से की जाएगी। यूआईडीएआई ने अगले महीने के मध्य से इस तय लक्ष्य को पूरा नहीं करने वाली दूरसंचार कंपनियों पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव दिया है। खास बात यह है कि यूआईडीएआई ने कहा है कि ‘लाइव फेस फोटो’ और ईकेवाईसी के दौरान निकाली गई तस्वीर का मिलान उन मामलों में जरूरी होगा, जिनमें मोबाइल सिम जारी करने के लिए आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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बताना चाहेंगे कि पीएफ नंबर 4 अंक का नहीं होता है, पीएफ नंबर में जहां कंपनी रजिस्टर्ड है उस राज्य का कोड, कंपनी का रजिस्ट्रेशन नंबर और फिर कर्मचारी का 7 अंक का पीएफ नंबर शामिल होता है। कृप्या अपने नियोक्ता से सही पीएफ नंबर की मांग करें।
Oct. 5, 2018, 10:54 p.m. | Tags: int-PAJ