राजस्थान राज्य के उदयपुर ज़िला से हमारे श्रोता ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि गरीबों का पैसा समय पर मिलना चाहिये। अगर समय पर नहीं मिलेगा तो वो क्या खाएंगे। सरकार को इस पर कोई सुनवाई करनी चाहिए ताकि गरीबों को समय पर पैसा मिल सके

राजिस्थान राज्य के नीमराना से गोपाल साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि वो राजिस्थान में मजदूरी का काम करते है। साथ ही कह रहे है कि सरकार डरा बनाया नया नियम जिसके तहत अब मजदूरों को सिर्फ 8 घंटे ही काम करना है वो उससे संतुष्ट नहीं है कहते है कि 8 घंटों के काम से मजदूर अपने परिवार का खर्चा नहीं चला पाइनहे तथा उन्हें काफी दिक्कतों का भी सामना करना पद सकता हैं। कि इस कानून को लाने के बाद यह पता चलता है कि सरकार मजदूरों और गरीबों के बारे नहीं सोच रही है

राजस्थान के सीटू अध्यक्ष शुक्ला जी बता रहें हैं कि केंद्र व राज्य दोनों ही श्रम कानून मज़दूरों विरुद्ध हैं और यूनियने इसका विरोध कर रहीं है यह दोनों कानून पूंजीपतियों के हित में हैं और इनके लागू होने से मज़दूर गुलाम बन जायेगा।

नन्द किशोर प्रशाद ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वे राजस्थान के नीमराना में उपस्थित हैं। वहाँ उपस्थित श्रमिक जीतेन्द्र ,जो ऑटो मोबाइल के सेक्टर के कम्पनी में कार्यरत हैं। जितेंद्र ने बताया कि वे कम्पनी में गाड़ी के पार्ट्स बनाने में मदद करते हैं। कंपनी में दो हज़ार के करीब श्रमिक कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि श्रमिकों को दस तारिक को वेतन। श्रमिकों को सरकार अच्छी तनख्वा दिलानी चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा ईएसआइ ,पीएफ की भी सुविधा प्रदान नहीं की जाती है और ना ही ओवर टाइम का अतिरिक्त वेतन दिया जाता है

राजस्थान राज्य के नीमराना से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रमिक अमर से हुई। अमर बताते है कि वो चटनी की फैक्ट्री में काम करते है जहाँ लगभग 200 लोग मज़दूर है। जिसमे अधिकतर मज़दूर ठकेदारी में ही कार्य करते है। कंपनी से सैलरी स्लिप नहीं मिलती है ,वो 12 घंटे काम करते है जिसमें उन्हें 11 हज़ार रूपए मिलते है ।अभी उन्हें ओवरटाइम सिंगल रेट पर ही मिलता है और महीना के 9 -10 तारीख तक वेतन मिल जाता है। राजस्थान सरकार के नए क़ानून के तहत वो कहते है कि वेतन बढ़ना चाहिए तभी 8 घंटे में काम करेंगे ,क्योंकि 8 घंटे काम कर के घर परिवार की जिममेदारी नहीं उठा सकते है। अभी उनके कंपनी में पीएफ व ईएसआई की सुविधा नहीं मिलती है। अगर वेतन बढ़ता है तो क़ानून अच्छा है नहीं तो ओवरटाइम मिलना चाहिए। इस क़ानून को लेकर सरकार को सोच विचार करना चाहिए

राजस्थान राज्य के नीमराना से रफ़ी जी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से ज्ञानेन जी से बातचीत कर रहे हैं जो ए बी व्योय कंपनी में कार्यरत हैं। ज्ञानेन जी ने बताया कि कंपनी ने बताया कि उनका वित्तीय घाटा है लेकिन ये कम्पनी की सोची समझी साजिश थी। कंपनी ने कोरोना काल में पहले स्थायी श्रमिकों को नौकरी से बाहर किया फिर कोरोना काल के बाद प्लांट को चालु ही नहीं किया। इसके बाद 60 श्रमिकों को उनका हिसाब कर नौकरी से बाहर कर दिया और पांच को सस्पेंड कर दिया। कंपनी ने बिना की जानकारी के 11 मार्च 2021 को शिवरात्रि की छुट्टी के बाद दूसरे दिन गेट पर नोटिस लगा दिया कि श्रमिकों का हिसाब कर दिया गया है और उन्हें उनके पैसे दे दिए गए हैं। जिसके लिए अभी श्रमिक अपने हक़ के लिए संघर्ष कर रहे हैं

राजस्थान राज्य के नीमराना से साझा मंच संवादाता नन्द किशोर प्रसाद जी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनील पांडेय से बातचीत कर रहे हैं जो ए बी व्योय कंपनी में 2008 से काम करते 13 साल बीत गए। कंपनी में जितने भी श्रमिक हैं उनकी उम्र 25-55 की है। इन श्रमिकों ने अपनी पूरी जिंदगी इस कंपनी को दी है। लेकिन कंपनी ने बिना की जानकारी के 11 मार्च 2021 को नोटिस दे कर श्रमिकों का हिसाब कर नौकरी से निकाल दिया।

राजस्थान राज्य के नीमराना से रफ़ी जी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से जित्ता राम सैनी जी से बातचीत कर रहे हैं जो ए बी व्योय कंपनी में कार्यरत हैं। जित्ता राम सैनी ने बताया कि कंपनी ने बताया कि उनका वित्तीय घाटा हुआ है इसलिए वे कंपनी से श्रमिकों को निकाल रही है। लेकिन ये कम्पनी की सोची समझी साजिश है । कंपनी ने कोरोना काल में पहले स्थायी श्रमिकों को नौकरी से बाहर किया फिर कोरोना काल के बाद प्लांट को चालु ही नहीं किया। इसके बाद 60 श्रमिकों को उनका हिसाब कर नौकरी से बाहर कर दिया और पांच को सस्पेंड कर दिया। कंपनी ने बिना की जानकारी के 11 मार्च 2021 को शिवरात्रि की छुट्टी के बाद दूसरे दिन गेट पर नोटिस लगा दिया कि श्रमिकों का हिसाब कर दिया गया है और उन्हें उनके पैसे दे दिए गए हैं। जिसके लिए अभी श्रमिक अपने हक़ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राजस्थान सरकार ने जो कानून लागु किये हैं उसके तहत श्रमिकों को कुछ भी हाथ नहीं आएगा क्योंकि सरकार द्वारा दिए गए निर्देश धरातल पर ही नहीं पहुंचते।

राजस्थान राज्य के नीमराना से साझा मंच संवादाता नन्द किशोर प्रसाद ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से पवन कुमार यादव से बातचीत कर रहे हैं जो ए बी व्योय कंपनी में कार्यरत हैं। पवन कुमार यादव ने बताया कि वे व्योय कंपनी में बीते 15 साल से काम कर रहे हैं। लेकिन कंपनी ने अवैध रूप से श्रमिकों को 12 मार्च 2021 से नौकरी से बाहर कर दिया है। जिसके लिए अभी श्रमिक अपने हक़ के लिए धरना प्रदर्शन कर विरोध के साथ संघर्ष कर रहे हैं।

राजस्थान राज्य के नीमराना से रफ़ी जी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से जित्ता राम सैनी जी से बातचीत कर रहे हैं जो ए बी इन व्योय कंपनी में कार्यरत हैं। ये कंपनी बियर बनाती है जिसमे 60-70 श्रमिकों को बिना नोटिस दिए घर में बैठा दिया गया है। जिन श्रमिकों को नौकरी से निकाला गया वे 18 से 20 साल तक इस कंपनी में काम कर चुके हैं। इन्ही मुद्दों और राजस्थान सरकार द्वारा निकालने गए श्रम कानून के विरोध में श्रमिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 11 मार्च 2021 को शिवरात्रि की छुट्टी के बाद दूसरे दिन गेट पर नोटिस लगा दिया कि श्रमिकों का हिसाब कर दिया गया है और उन्हें उनके पैसे दे दिए गए हैं। जिसके लिए अभी श्रमिक अपने हक़ के लिए संघर्ष कर रहे हैं।