राज्य झारखंड,जिला बोकारो के तेनुघाट प्रखंड से संतोष कुमार पासवान साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि वे तेनुघाट में सिचाई विभाग के अंतर्गत कार्य करते हैं। वे अतिकुशल श्रेणी में आ रहे हैं। लेकिन उन्हें अकुशल का पैसा कार्यपालक अभियंता तेनुघाट बाँध प्रमंडल के द्वारा दिया जा रहा है। उनके साथ में 22 सुरक्षा कर्मी है उन सभी को दिया जा रहा है। जो की न्यूनतम दर से कम है। वे सभी 1995 से काम कर रहे हैं

राजधानी दिल्ली के सरोल गाँव से साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से रफ़ी और इनके साथ कपिल कुमार तिवारी जो कि एक निजी फ़ैक्टरी में काम करते थे। उन्हें पीएफ में नाम के फर्क के कारण उन्हें कंपनी नहीं मान रही है की वे उस कंपनी में काम किये है। इस कारण उन्हें पीएफ निकलने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।उन्होंने अपने नाम को चेंज करने के लिए पीएफ ऑफ़िस भी गए परन्तु वहाँ के कर्मचारी उनका नाम चेंज नहीं किये। उन्होंने उस कंपनी से काम को छोड़ भी दिया परन्तु उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा।इस कारण उन्होंने साझा मंच में अपनी समस्या की शिकायत दर्ज करवाई।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से संतोष कुमार पासवान साझ मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि जल संसाधन विभाग के अंतर्गत जितने भी ठेकाकर्मी है जो सरकारी प्रतिष्ठान में काम कर रहे हैं। तथा जिनका दस वर्ष पूर्ण हो गया है उन सभी के लिए सरकार ने आदेश जाहिर किया था कि बहुत ही जल्द ऐसे मजदूरों को स्थाई नौकरी दी जाएगी।परन्तु अबतक ऐसा नहीं किया गया। मजबूरन सभी ठेका कर्मी 15-6-2015 को जनसंवाद केंद्र में लिखित आवेदन भी जमा किया। पर अबतक मजदूरों को स्थाई नौकरी देने का कोई प्रक्रिया नहीं किया जा रहा है। पदाधिकारी सरकार के आदेश का उलंघन कर रहे हैं। यही नहीं मजदूरों को 12-13 माह में एक बार वेतन का भुगतान किया जाता है। ऐसे में मजदूरों का भविष्य अंधकार मय होता नजर आ रहा है।

झारखण्ड के जिला बोकारो से जे.एम.रंगीला जी साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि अविभाजित बिहार में हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन के अधीन बोकारो जिला के गोमिया प्रखण्ड में पन बिजली परियोजना स्थापित किया गया था। जिसमे बतौर सुरक्षा प्रहरी महेश राम, सतीश कुमार प्रजापति, घनश्याम ठाकुर, गुलचंद राम, गुलाबचंद्र राम, मनोज ठाकुर,महाबीर राम, विक्रम राम आदि आठ लोग कार्य कर रहे थे। जिनका विगत उन्नीस माह का वेतन बकाया है। सुरक्षा प्रहरियों ने झारखण्ड जेनरल मजदुर यूनियन के ललपनिया शाखा के सचिव सुरेंद्र प्रसाद यादव को लिखित शिकायत देकर वेतन भुकतान कराने की गुहार लगाई है। विगत एक वर्ष से झारखण्ड जेनरल मजदुर यूनियन के सचिव ने कई स्त्रो में इस मामले को उठाया। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है। झारखंड विभाजन को कई वर्ष गुजर चुके है लेकिन किसी भी सरकार ने करोड़ो रूपये की लागत से बनी इस परियोजना पर ध्यान नहीं दिया। "सबका साथ सबका विकास" का नारा देने वाली सरकार बड़े-बड़े घरानों को खुश करने में लगी है।लेकिन इन मजदूरों के लिए सरकार के पास वक्त नहीं है। वहीं बिहार और झारखण्ड के मालिकाना हक़ का निर्णय नहीं होने के कारण विद्युत उत्पादन गृह मरणासन्न अवस्था में पहुँच चुकी है।

Transcript Unavailable.