दिल्ली एनसीआर के नॉएडा से शंकर पाल ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि हेल्पर का काम करने वाले श्रमिकों की बहुत कम वेतन रहती है। हेल्परों का कहना है कि उनका आठ घंटों की आठ हज़ार सैलरी है। साढ़े ग्यारह हज़ार की तनख्वाह बनती भी है तो वो दो किश्तों में मिलता है। तनख़्वा हर माह के आठ तारीख को मिलती है और ओवरटाइम के पैसे 22 तारीख को मिलते है,वो भी कैश में। सरकार को कुछ ऐसा नियम निकालना चाहिए जिससे श्रमिकों को उनके काम की उचित मज़दूरी मिले