गुरुग्राम से नन्द किशोर और इनके साथ एक मजदुर साथी हैं वे साझा मंच के माध्यम से बताते हैं कि पिछले साल लगे लॉक डाउन से अबतक मजदुर बाहर नहीं निकले थे की इस बार भी देश में लॉक डाउन लगने का नतीजा सामने आने लगा है। ऐसी स्थिति को देखते हुवे अब मजदूरों को पास एक ही विकल्प है कि वे अपने गाँव की ओर वापस लौट जाए। क्योंकि शहरो में कंपनियों द्वारा मजदूरों को कोई सहायता प्रदान नहीं की जा रही है। और मजदूरों का वेतन में भी कटौती करना शुरू कर दिया गया है