मोबाइल वाणी के साझा मंच पर सर्वेश तिवारी बताते हैं कि झारखंडी एकता संघ मुंबई के केंद्रीय सदस्य सह प्रवासी मजदूर संघ के नेता तौफीक अंसारी ने बताया कि इन दिनों प्रवासी मजदूरों की जिंदगी कर्ज के बोझ तले बद से बदतर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में किसी तरह परेशानियों को झेलते हुए वह लोग वापस अपने अपने गांव पहुंचे थे। ताकि अपने आप को इस महामारी से सुरक्षित रख सके। बाद में रोजगार का जरिया नहीं मिल पाने के कारण, वे लोग वापस महानगरों को लौटे। लेकिन संक्रमण काल में सभी कार्य बुरी तरह प्रभावित हो चुके हैं। साथ ही यह लोग दुकानों, कमरे का भाड़ा आदि के कर्ज के बोझ तले दब चुके हैं। जिससे इन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।