ये नंद किशोर, साझा मंच मोबाईल वाणी के सम्वाददाता कापासेड़ा, नई दिल्ली से बता रहे हैं कि दिल्ली के निजी चिकित्सालयों में कोरोना-संक्रमण के दौरान इलाज करने में की जा रही मनमानी एक गम्भीर चिंता का विषय है। दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना मरीज़ों के इलाज के लिए जारी किए गए ऐप में बिस्तर ख़ाली दिखाने के बावजूद निजी अस्पताल कोरोना-मरीज़ों के भर्ती करने में आनाकानी कर रहे हैं और कोरोना-मरीज़ों से इलाज के नाम पाए अत्यधिक रक़म वसूलने के मामले भी सामने आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर लगातार इन निजी अस्पतालों के ख़िलाफ़ शिकायतें दिख रहीं हैं। इस तरह के मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री जी अपनी चिंता भी ज़ाहिर कर चुके हैं। लॉक डाउन में अधिकांश लोगों की डावाँडोल आर्थिक स्थिति के मद्देनज़र निजी अस्पतालों और दिल्ली सरकार दोनों को सम्वेदनशीलता का परिचय देना चाहिए। सरकार को कोरोना मरीज़ों को बरती कर उनका इलाज करने और तय धनराशि से अधिक न लेने के लिए सख़्त निर्देश जारी करने चाहिएँ। ये मानवता की सेवा का समय है न कि पैसे बनाने का। दिल्ली के निजी अस्पतालों की यह स्थिति गम्भीर चिंता का विषय है।