कापासेड़ा, नई दिल्ली से नंद किशोर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि चौथे चरण में दी गयी ढील से बाज़ार तो खुलने लगे हैं, लेकिन उद्योगों को अभी भी श्रमिकों का इंतज़ार है। कोरोना-संक्रमण ने अब उद्योगों को श्रमिकों का महत्व बता दिया है। इस विपत्ति-काल में कहीं से कोई मदद नहीं मिलने से मजबूरी में उन्हें तमाम परेशानियों को सहते हुए घर जाना पड़ा।