तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से मीना कुमारी ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सिडको के कंपनियों में काम करने वाले श्रमिक बेहद परेशान है। अगर उनकी तबियत किसी कारण बिगड़ जाती है तो कंपनी प्रबंधन ध्यान नहीं देते है। कंपनी के हॉस्टल में रहने वाली महिला श्रमिक द्वारा बताया गया कि अगर तबियत ख़राब रहने पर कंपनी नहीं जाती है तो हॉस्टल वार्डन छानबीन के लिए आ जाती है और ज़बरदस्ती कंपनी भेज देते है। कंपनी में भी अचानक तबियत ख़राब हो जाने से ज़ल्दी छुट्टी नहीं मिल पाती है। श्रमिक की स्वास्थ्य गिरती रहती है परन्तु उन्हें सभी प्रक्रिया करनी ही पड़ती है। साथ ही सिडको क्षेत्र में 100 से अधिक कंपनियां है लेकिन स्वास्थ्य सुविधा की कोई प्रबंद नहीं है। अचानक तबियत बिगड़ जाने से एम्बुलेंस तक नहीं जुगाड़ हो पाती है। इसी असुविधा के कारण कुछ महीनें पहले एक महिला श्रमिक की डेंगू बीमारी से मौत हो गयी थी