तिरुपुर से शांति साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि वो सिडको कंपनी में काम करती है जाहा के हालात कुछ इस प्रकार है की श्रमिकों के साथ बहुत शोषण किया जाता है। बताती है की ज्यादा तर श्रमिक बहार से आकर वहा काम करते है,जिसके कारण कंपनी में उनके साथ अच्छा बरताव नहीं किया जाता है श्रमिकों को उनका हक नहीं मिलता,हमेशा उनपर काम को लेकर दबाव दिया जाता है बताती है की खास कर के जो महिलाएँ वहा पर काम करती है उनकों ज़रा सा भी सुविधा नहीं दी जाती हैं।साथ ही कहा कि श्रमिकों का पिएफ भी नहीं बनता है तथा कंपनी में काम करने वाली एक महिला श्रमिक जो गर्भवती हो उनको भी छुट्टी नहीं मिलती है,ओवरटाइम करने के बावजूद भी उनको ओवरटाइम का पैसा नहीं मिलता है,तिरुपुर के स्थानीय लोग जो कंपनी में काम करते है उनका आपस में यूनियन बहुत मजबूत है तथा इसी वजह से बहार से आये श्रमिकों के ऊपर अत्याचार किया जाता है उनको उनका हक नहीं मिलता है।अंत में कहा की इन सब परेशानियों से जूझ रहे है सिडको कंपनी में काम करने वाले श्रमिक इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए सबको बराबर का हक मिलना चाहिए।