बिहार राज्य के मधुबनी ज़िला के खुटौना प्रखंड से शिवनाथ सहदेव बता रहे है कि खुटौना प्रखंड के लगभग बारह लड़के गुजरात के अहमदाबाद स्थित एक पत्थर की फैक्ट्री में काम करने गए थे। जहाँ उन्हें अब बंदी बना क्र बंधुवा मज़दूरों की तरह काम करवाया जा रहा है। गाँवो के कुछ लड़के जो वहां से किसी तरह वापस आ गए थे, उनसे पूछे जाने पर पता चला है की फसे हुवे लड़कों को दिन रात काम कराया जाता है। तथा खाना भी सिर्फ दो टाइम ही दिया जाता है साथ ही पता चला है कि उन्हें फैक्ट्री से बाहर भी नहीं जाने दिया जाता हैं। उन्होंने ये भी आग्रह किया की कम से कम मोबाइल वाणी की टीम से इस मुद्दे पर जांच पड़ताल किया जाये।
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July 11, 2019, 9:12 p.m. | Tags: int-PAJ labour government entitlements migration workplace entitlements